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दसवीं की परीक्षा में फेल होने का मलाल रहता है

     दसवीं की परीक्षा में फेल होने का मलाल रहता है लेकिन फेल होना दिल पर ना असर कर दिमाग़ पर असर होता है और अक्सर दिमाग़ ये सोचता है की हम फिर से दुबारा कर कर लेंगे लेकिन वही वहीं प्रेम में असफल होने पर ज़ोर और असर बेचारे और कमबख्त दिल पर पड़ता है और ये दिल नादान कितना भी दिमाग समझा ले नहीं समझता है उसी को हरदम पाना चाहता है जो उसका नहीं होता है, और दिल  अपनी प्रेम भावना को संभाल नहीं पाता है और सब जानते हैं कि कच्ची उम्र का तकाज़ा और किशोरावस्था का होना ही ऐसा है जिसमें  जीवन का अनुभव कम होता है।
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     दसवीं की परीक्षा में फेल होने का मलाल रहता है लेकिन फेल होना दिल पर ना असर कर दिमाग़ पर असर होता है और अक्सर दिमाग़ ये सोचता है की हम फिर से दुबारा कर कर लेंगे लेकिन वही वहीं प्रेम में असफल होने पर ज़ोर और असर बेचारे और कमबख्त दिल पर पड़ता है और ये दिल नादान कितना भी दिमाग समझा ले नहीं समझता है उसी को हरदम पाना चाहता है जो उसका नहीं होता है, और दिल  अपनी प्रेम भावना को संभाल नहीं पाता है और सब जानते हैं कि कच्ची उम्र का तकाज़ा और किशोरावस्था का होना ही ऐसा है जिसमें  जीवन का अनुभव कम होता है।
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दसवीं की परीक्षा में फेल होने का मलाल रहता है लेकिन फेल होना दिल पर ना असर कर दिमाग़ पर असर होता है और अक्सर दिमाग़ ये सोचता है की हम फिर से दुबारा कर कर लेंगे लेकिन वही वहीं प्रेम में असफल होने पर ज़ोर और असर बेचारे और कमबख्त दिल पर पड़ता है और ये दिल नादान कितना भी दिमाग समझा ले नहीं समझता है उसी को हरदम पाना चाहता है जो उसका नहीं होता है, और दिल अपनी प्रेम भावना को संभाल नहीं पाता है और सब जानते हैं कि कच्ची उम्र का तकाज़ा और किशोरावस्था का होना ही ऐसा है जिसमें जीवन का अनुभव कम होता है। __ #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #ख़यालोंकीउथलपुथल #KKसवालजवाब #KKसवालजवाब29