**शहीद शिरीष कुमार** ---------------------------- जिस उम्र में शब़ाब भटक जाते हैं गलत राह पर उस उम्र में शहीद ने ली थी चार गोलियां अपने फौलादी सीने पर ये शहीद है शिरीष कुमार ,जो अपने माँ की शिक्षा से प्रेरित हो,निकल पडे थे आजादी की राह पर बस इतनी थी ख्वाहिश उनकी, मिले आजादी भारत वासियों को और मिले खुशियाँ भर भर कर 16 साल जैसी कम उम्र में उन्होंने देशभक्ति का जज्बा अपनाया था "हिन्द छोड़ो" जैसे बडे़ आंदोलन में निकालकर रैली उसका इमामत संभाला था दिखाकर अपनी भारतमाता की रक्षा का जज्बा गुस्से से लाल अंग्रेजों को कर डाला था अपनी दिल-नवाज़ी मिट्टी पे अपना जिस्म छोड़ते समय "वन्दे मातरम्" यही एक ही नारा था मरते वक़्त भी तिरंगा उन्होंने लहराया था क्योंकि भारतवर्ष उन्हें अपनी जान से प्यारा था **शहीद शिरीष कुमार** ---------------------------- जिस उम्र में शब़ाब भटक जाते हैं गलत राह पर उस उम्र में शहीद ने ली थी चार गोलियां अपने फौलादी सीने पर ये शहीद है शिरीष कुमार ,जो अपने माँ की शिक्षा से प्रेरित हो,निकल पडे थे आजादी की राह पर बस इतनी थी ख्वाहिश उनकी, मिले आजादी भारत वासियों को और मिले खुशियाँ भर भर कर