"ख़ुश हूंँ मैं" ख़ुश हूंँ मैं आज क्योंकि, वह खुश है बहुत अपनी जिंदगी में, भले ही वह मेरी ना हो पाई, लेकिन तेरी खुशी में ही मेरी खुशी छुपी है। प्यार का नाम उसे पाना ही नहीं है, प्यार तो है दो अंतरात्मा का मिलन, भले ही वह साथ में नहीं है, फिर भी उसे दिल से चाहना और, उसको खुश देखकर खुश होना ही सच्चा प्यार है। याद तो आती है तेरी भी बहुत, तराशता हूँ तुझे में हर एक वो जगह, जहाँ हम मुलाकात किया करते थे, शाम के वक़्त वहाँ अकेला बैठ कर चाय पीता हूंँ, और तुझे याद करके सुनहरे नग़्मे लिखता हूँ। किस्मत ही बड़ी सुहानी है मेरी, के हैं वह अभी भी मेरे शहर में ही, कभी कभी देख लेता हूँ चुपके से उसे, कभी कभी क़िस्मत मिलवा देती है सड़कों पर, लेकिन जब भी उसकी कोई खबर आती है तो, मेरे दिल को बहुत ही तसल्ली मिलती है। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :-22 24/04/2022 #kkrख़ुशहूँमैं #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #kkr2022 #कोराकाग़ज़ #kkrnitesh