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आजकल अक्स जो दिखता है आईने में आजकल फिर से पहचानने

आजकल अक्स जो दिखता है आईने में
आजकल फिर से पहचानने लगा हूँ 
मुझे मुझसे बेहतर मेरे अलावे जाने कौन ॥

 चेहरे पर चेहरा हाय रे मुखौटा
चढ़ाए फिरते हैं हम इंसान
नज़रें देखकर जाने मर्ज जो
मुझे मुझसे बेहतर जाने वो मेरा हक़ीम कौन ।।

चलती हुई रेलगाड़ी को देखा तो देखता रह गया ,
ख्याल आया कोई मिला
 मिल कर कोई बिछड़ गया 
मुझे ख़ुद की जरूरत समझे  वो हमसफ़र जाने कौन ॥

पर यह जिंदगी का सफर थमा नहीं चलता रहा दौड़ता रहा   
तन्हाई हो या तमाशा-ए-भीड़
 संग अपनी परछाई ही रहीं
मुझे मुझसे बेहतर मेरे अलावे जाने कौन ॥
  #निशीथ

©Nisheeth pandey
  आजकल अक्स जो दिखता है आईने में
आजकल फिर से पहचानने लगा हूँ 
मुझे मुझसे बेहतर मेरे अलावे जाने कौन ॥

 चेहरे पर चेहरा हाय रे मुखौटा
चढ़ाए फिरते हैं हम इंसान
नज़रें देखकर जाने मर्ज जो
मुझे मुझसे बेहतर जाने वो मेरा हक़ीम कौन ।।

आजकल अक्स जो दिखता है आईने में आजकल फिर से पहचानने लगा हूँ मुझे मुझसे बेहतर मेरे अलावे जाने कौन ॥ चेहरे पर चेहरा हाय रे मुखौटा चढ़ाए फिरते हैं हम इंसान नज़रें देखकर जाने मर्ज जो मुझे मुझसे बेहतर जाने वो मेरा हक़ीम कौन ।। #Colors #Holi #lovequotes #शायरी #dilkibaat #couples #Likho #streak #निशीथ #humaurtum #NojotoStreak

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