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य़े ज़िन्दगी शायद प्यास बन गयी है मंजीले होते हुए भ

य़े ज़िन्दगी शायद प्यास बन गयी है 
मंजीले होते हुए भी तलाश बन गयी  है 
जंग अपनी थी वो खुद से 
लडा भी ऐसे कि 
खामोशीयों कि बरसात बन गयी  है

लड़ती है दुनिया आपस  में 
सबसे बड़ी मज्जाक बन गयी है 
तोड़ जंजीरे प्यार कि 
दूश्मनी की शुरुआत बन गई है 
देखा है बादलो को टकराते हुए 
वो तो खुनी आग बन गयी है
 विवेक कौशिक #Nojoto #Hindi #poems #poem #Poet 

#feather
य़े ज़िन्दगी शायद प्यास बन गयी है 
मंजीले होते हुए भी तलाश बन गयी  है 
जंग अपनी थी वो खुद से 
लडा भी ऐसे कि 
खामोशीयों कि बरसात बन गयी  है

लड़ती है दुनिया आपस  में 
सबसे बड़ी मज्जाक बन गयी है 
तोड़ जंजीरे प्यार कि 
दूश्मनी की शुरुआत बन गई है 
देखा है बादलो को टकराते हुए 
वो तो खुनी आग बन गयी है
 विवेक कौशिक #Nojoto #Hindi #poems #poem #Poet 

#feather