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तेरी चौखट पे आये हैं, झुकाने सर सनम अपना। ख़ुशहाल

तेरी चौखट पे आये हैं, 
झुकाने सर सनम अपना।
ख़ुशहाल रहे तू सदा, 
मेरा है अब यही सपना।
भुला दे तू मुझे बेशक़, 
मग़र यह याद तू रखना।
बुझाकर दीप इस दिल का, 
सजाया घर सनम अपना।
               -शैलेन्द्र

©HINDI SAHITYA SAGAR
  तेरी चौखट पे आये हैं, 
झुकाने सर सनम अपना।
ख़ुशहाल रहे तू सदा, 
मेरा है अब यही सपना।
भुला दे तू मुझे बेशक़, 
मग़र यह याद तू रखना।
बुझाकर दीप इस दिल का, 
सजाया घर सनम अपना।

तेरी चौखट पे आये हैं, झुकाने सर सनम अपना। ख़ुशहाल रहे तू सदा, मेरा है अब यही सपना। भुला दे तू मुझे बेशक़, मग़र यह याद तू रखना। बुझाकर दीप इस दिल का, सजाया घर सनम अपना। #Hindi #शायरी #hindi_poetry #hindisahityasagar #poetshailendra

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