न शराब की ख्वाहिश है, न सिगरेट की चाहत है । फिर भी जब किसी को, पैग संग कश लेते देखता हूँ । माचिस माँग लेता हूँ, बर्फ सम्हाल लेता हूँ । जला कर बुझाने से, सुकून मिलता है । वक़्त को धक्का दे, सम्हालने से आराम मिलता है ।। Inspired by Gulzaar saab. #CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #Hindi #Poem #Poetry #YoPoWriMo #हिंदी #कविता #शराब #सिगरेट #माचिस #जला #बुझाने #सुकून