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ये रास्ते तो शून्य हैं शून्य है मंजिल मेरी पर नही

 ये रास्ते तो शून्य हैं
शून्य है मंजिल मेरी
पर नही मैं शून्य हूं 
ना ही ताकत मेरी 

कुछ फैसलों की बात है
कुछ फासले भी साथ हैं
हैं गम की ये रातें तो क्या
फिर सुबह की बात है

अनजान हूं बेजान हूं
राह में सुनसान हूं
सुनसान ही चलता हूं मैं
मुझमें तो कुछ बात है

रोक ले मुझे कोई 
किसकी इतनी औकात है
कुछ फैसलों की बात है 
कुछ फासले भी साथ हैं

©Shailesh Yadav
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