Nojoto: Largest Storytelling Platform
nojotouser8640735605
  • 24Stories
  • 85Followers
  • 207Love
    611Views

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

स्वच्छन्द कवि हिंदी का अध्यापक हूँ और विद्यार्थी भी🙏

  • Popular
  • Latest
  • Video
083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

Jai Shri Ram जग में जब ये रिपु नाश करें,
तब ही रिपुसूदन नाम धरो।

धरिणी धर शीश सदा रहते,
अवतारण शेष सकाम करो।

जग पालक भद्र रखे पदत्राण
सिंहासन ही सुखधाम भरो।

सुर,शंकर,सन्त,व्रती प्रिय,
दास गणेश व्यथा प्रभु राम हरो।

©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' #jaishriram  कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश
#kavya #kavita #hindipoetry #hindi_poetry #HindiPoem #hindikavita

#jaishriram कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश #kavya #kavita #hindipoetry #hindi_poetry #HindiPoem #hindikavita

083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

sunset nature नव सृजन करो हे कविकुल!
नवयुग निर्माण करो तुम।
परिवर्तन की बेला है,
स्वर में हुंकार भरो तुम।
                                      तुम अग्रदूत संसृति के,
                                      किञ्चित पथभ्रष्ट न होना।
                                      प्रस्थान हेतु तत्पर हो,
                                      कवितारोहण कर दो ना।
जब तक रवि-शशि अम्बर में,
कविता मन शुद्ध चलेगा।
अविवेकी का मेधा से,
आजीवन युद्ध चलेगा।
                                      पग-पग पर प्रतिपल पंथी,
                                      शत-शत अवरोध मिलेंगे।
                                      इस कविता की यात्रा में,
                                      प्रतिदिवस विरोध मिलेंगे।
पर तुम भयभीत न होना,
अपना कविकर्म निभाना।
इस कलम शक्ति के द्वारा,
नवयुग आरेख बनाना।
                                       उसमें फिर शुभ शुचिता की,
                                       कूँची से रंग भरेंगे।
                                       चिर कलित भाव को लेकर,
                                       शब्दों के संग झरेंगे।
निर्जीव सजीवन होंगे,
फिर हृदय-पटल खोलेंगे।
इन कवितावलियों के भी,
रव अमरचित्र बोलेंगे।
                                       नैराश्य न स्पर्श करेगा,
                                       माँ वाणी के प्रति सुत को।
                                       आशा के दीपक जलते,
                                       तम में कविता-संयुत को।

©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' नवसृजन करो हे कविकुल!

 कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कविता कोश #hindipoetry #HindiPoem #hindikavita #kavya #kavita

नवसृजन करो हे कविकुल! कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कविता कोश #hindipoetry #HindiPoem #hindikavita #kavya #kavita

083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

घुट-घुटकर यूँ तो रोज, हमी जीते हैं।
बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

          जीवन में मुश्किल रोज, नयी आती हैं।
           नदियाँ भी तट पर मैल, बहा लाती हैं।
             दिन भर दिमाग में ऊँच-नीच चलती है।
             दुनिया की तब हर एक बात खलती है।
          ऐसे  ही  कितने  साल  यहाँ  बीते हैं।
              बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

अदरक-इलायची संगति कर दी जाती।
जब गर्म चाय कुल्लड़ में भर दी जाती।
कर देता है मदहोश  चाय का प्याला।
न्यौछावर इस पर  कई-कई मधुशाला।
यूँ ही  हम  छोटे - बड़े  घाव  सीते हैं।
बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।

             इससे बढ़कर फल, फूल, नहीं मेवा है।
             इससे   बढ़कर  दूसरी   नहीं  सेवा  है।
             इससे  बढ़कर  के  पुण्य  नहीं दूजा है।
            इससे बढ़कर कुछ अन्य नहीं पूजा है।
              क्यों अब तक सबके चाय-पात्र रीते हैं?
              बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' चलो चाय पीते हैं!!!

#Tea #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita  कविताएं कविता हिंदी कविता

चलो चाय पीते हैं!!! #Tea #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita कविताएं कविता हिंदी कविता

083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

writing quotes in hindi 
मृदु रम्य सुपावन-सी कविता।
झर में शुचि चन्दन-सी कविता।
हियँ में मनभावन-सी कविता।
मरु में सरसावन-सी कविता।।

                रण में विकराल अनी कविता।
                भय में जयघोष बनी कविता।
                 कवि के रस की जननी कविता।
                 अति चारु लगे अपनी कविता।।

सुखदायक बोधमयी कविता।
जग में चिर कालजयी कविता।
रघुनाथ सदा तुलसी कविता।
अनुशासन से हुलसी कविता।।

              कुसुमाकर शुभ्र कली कविता।
               कलियों पर मुग्ध अली कविता।
               ब्रज की हर कुंज गली कविता।
                हरि को वृषभानु लली कविता।।

घनश्याम महाछवि है कविता।
तम नाशन को रवि है कविता।
सुर की सरि-सी पवि है कविता।
युगबोध लिए कवि है कविता।।

:- गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

©गणेश #kavita #hindikavita #hindi_poetry #HindiPoem  हिंदी कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता कविताएं

#kavita #hindikavita #hindi_poetry #HindiPoem हिंदी कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता कविताएं

083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

रेल की पटरियों जैसे हम और तुम,
हैं भले दूर पर, साथ चलना हमें।
प्रेम के होम में सूखी समिधा-सा मैं,
और घृत जैसी तुम, साथ जलना हमें।

:- गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

©गणेश #पंक्तियाँ
083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

साँझ का अरुणिम स्वर्ण-प्रकाश,
क्षितिज का विस्तृत ललित ललाट।
लगे गोरोचन सदृश सुरम्य,
सुशोभित सूर्यदेव विभ्राट।।

अधर में देवापगा महान,
धवल जल की चंचल कल्लोल।
लगे ज्यौं कंचन का शुभ चूर्ण,
दिया चाँदी के रस में घोल।।

:- ✍️ गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

©गणेश

083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

व्योम है शान्त, यामिनी स्तब्ध।
भस्म हों, जीव कलुष-प्रारब्ध।।
निशाकर रुचिर रूप है वक्र।
काल का ये विचित्र है चक्र।।
धरा की हरी दरी है घास।
रजत चादर ऊपर अति खास।।
देखते तारे अपलक नैन।
भव्य हो रही, मौन यह रैन।।
लगें भगजोगिनि-से नक्षत्र।
खोजते निज प्रियतम सर्वत्र।।
कुमुद विकसित होते सानन्द।
भृंग का ध्वस्त हुआ आनन्द।।
कमल के किसलय होते बन्द।
कुमुदिनी का फीका मकरन्द।।
उल्लसित हैं, उलूक द्रुमडाल।
बजाते झींगुर हर्षित गाल।।
मास फागुन का है नवबिन्दु।
अष्टमी का अद्भुत यह इन्दु।।
गगन में ध्रुव तारा है दूर।
प्रफुल्लित है, मद में अतिचूर।।
सरोवर में शशि का प्रतिबिम्ब।
नृत्य करता ज्यौं आधा निम्ब।।
लगे है जड़ा, नील जल-दण्ड।
परशुधर का हो परशु प्रचण्ड।।

:- ✍️ गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

©गणेश
083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

हाय! डिजिटल युग ने छीनी है हमारी सादगी।
भावनाएँ सुप्त हैं, रोबोट की मेधा जगी।

अब धरातल छोड़कर, संसार सोशल हो गए।
द्वार मन के, प्रीत के संचार सोशल हो गए।
क्षण बधाई, क्षण करुणता, हाय! कैसी दिल्लगी?
भावनाएँ सुप्त हैं, रोबोट की मेधा जगी।

इक तरफ है जन्मदिन तो इक तरफ अर्थी चली।
दूँ किसे शुभकामना या सांत्वना दुःख की भली।
क्षण में सुख दर्शा दिया, ना शोक में घड़ियाँ लगी।
भावनाएँ सुप्त हैं, रोबोट की मेधा जगी।

:-✍️ गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

©गणेश #डिजिटल #भावनाएं
083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

करके अपना पाषाण हृदय
सत्रह दिन युद्ध लड़ा निर्भय
हे भाई! अब ऐसा लगता
होगा न कभी फिर भानु-उदय

मेरे सत्कर्म रहे हों यदि, इस क्रूर-निशा का अंत न हो
अम्बर को चीर विशिख-चपला, चीरे जो वक्ष मेरा तन हो
तड़-तड़ाक टूटे मुझ पर, देखूँ न अगला दिवस कभी
अथवा कड़-कड़-कड़-कड़कड़ाक, फट जाये उतनी भूमि अभी

जितनी भू में इस दुष्ट-अधम-पापी की देह समा जाये
या काल कुटिल-दसनों से ही, जीवन ये तुच्छ चबा जाये
हे ग्रह-नक्षत्र-तारिकाओं! उल्कायें मुझ पर बरसाओ
हे भूधर! निज भूखण्ड-महा धम-धम-धम-धम्म गिरा जाओ

या जलनिधि बनके काल-ब्याल, कल्लोल-कराल उठाओ अब
खल-विकल जलाजल कल-कल कर जल-तल के मध्य डुबाओ अब
हे पवनदेव! उनचास पवन ले, घोर-भयावह रूप धरो
जिस कर के शर भाई मारा, वो कर विछिन्न तत्काल करो।

:- ✍️ गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'
(रश्मिरथी- 'आठवाँ सर्ग' से)

©गणेश #RASHMIRATHI
083ca4e66dff742c1e6c1ee04bf1365b

गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

बल का अब सम्बल बहुत हुआ।
बुलडोजर   से   हल बहुत हुआ।
कब सुधरेगा  कल? बहुत हुआ।
परिवार गया   जल, बहुत हुआ।
यह दृश्य भयानक चीख रहा, अब नहीं चाहिए और साथ।
चुप्पी तोड़ो आदित्यनाथ।।

छप्पर    में उठ गयी  चिंगारी।
वह जली-जली पति की नारी।
मैं  राग,  आग  का  सुना  रहा,
बेटी  भी  जल  गयी  बेचारी।
बेटी का पिता हुआ बेबस, पत्नी-पति रोये जोड़ हाथ।
चुप्पी तोड़ो आदित्यनाथ।।

बेबस  -  बेचारे    कहाँ    गए?
उनको   जो   मारे   कहाँ   गए?
अधिकारी, डी.एम,लेखपाल,
हत्यारे     सारे     कहाँ     गए?
फाँसी पर टाँगों दुष्टों को, काटो जड़ से अन्याय-माथ।
चुप्पी तोड़ो आदित्यनाथ।।

:-✍️ गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

©गणेश #न्याय
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile