Nojoto: Largest Storytelling Platform
ameeqalfaaz4495
  • 14Stories
  • 42Followers
  • 181Love
    0Views

khamosh khat

  • Popular
  • Latest
  • Video
1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

अगर बाँधना ही है उसे ,तो सुनो! 
प्रेम से मजबूत कोई बंधन नही है 
अपने प्रेम से बांध लो सदा के लिए अगर बाँधना ही है उसे ,तो सुनो! 
प्रेम से मजबूत कोई बंधन नही है 
अपने प्रेम से बांध लो सदा के लिए 
 Arun verma Amod Kumar Ray प्रदीप irslan khan ANAND KUMAR #always miss you#loveyou

अगर बाँधना ही है उसे ,तो सुनो! प्रेम से मजबूत कोई बंधन नही है अपने प्रेम से बांध लो सदा के लिए Arun verma Amod Kumar Ray प्रदीप irslan khan ANAND KUMAR #Always miss youloveyou #शायरी

8 Love

1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

एक ठोकर तेरे प्यार में कुछ ऐसी भी खाई है की 
जीते जी मैंने खुद को मरते देखा है #i miss you# Amod Kumar Ray irslan khan A..sahu 📒🖋️  Diwan G शुभम सिंह

#i miss you# Amod Kumar Ray irslan khan A..sahu 📒🖋️ Diwan G शुभम सिंह

9 Love

1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

दिल जानता कहां था कि प्रेम की गलियां इतनी तंग हैं
 वरना तुमसे नजरे मिलाता ही नहीं kumar maahi *m@* KARUNESH Girish Hariom Rana Dev maurya

kumar maahi *m@* KARUNESH Girish Hariom Rana Dev maurya

4 Love

1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

जानते हो सब पूछते हैं मैं हमसे, 
ऐसा क्या है उसमें जो इतना प्रेम करती हो उससे हमारी नज़रों से खुदा भी एक बार अगर तुम्हें देख ले तो कसम से प्रेम कर बैठेंगे kumar maahi *m@* प्रदीप Shaikh Akhib Faimoddin KARUNESH irslan khan

kumar maahi *m@* प्रदीप Shaikh Akhib Faimoddin KARUNESH irslan khan

6 Love

1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

मुस्कुराहट से तो सिर्फ वो पसंद आई थी प्यार तो तब कर बैठे जब पहली बार उसके दिल की धड़कने सुनी

9 Love

1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

प्रेम की गलियों से जो गुजरने लगे हो 
बेचेनियो से रुखक्तअसर होने लगे हो #my_feelings  Arun verma Mr Saurabh Singh Amod Kumar Ray kumar maahi *m@* pallavi srivastava

#my_feelings Arun verma Mr Saurabh Singh Amod Kumar Ray kumar maahi *m@* pallavi srivastava #poem

9 Love

1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

The best moment of my day is when i go to sleep.. #Love  Madan Gangwar Arun verma Mr Saurabh Singh Amod Kumar Ray pallavi srivastava  irslan khan

#Love Madan Gangwar Arun verma Mr Saurabh Singh Amod Kumar Ray pallavi srivastava irslan khan

6 Love

1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

पढ़िए किडनी खराब होने के ये
हमारी किडनी शरीर के बीचो बीच कमर के पास होती है. यह अंग मुट्ठी के बराबर होता है. हमारे शरीर में दो किडनियां होती हैं. अगर एक किडनी पूरी तरह से खराब हो जाए तो भी शरीर ठीक चलता रहता है.
हृदय के द्वारा पम्प किए गए रक्त का 20 प्रतिशत किडनी में जाता है, जहां यह रक्त साफ होकर वापस शरीर में चला जाता है. इस तरह से किडनी हमारे रक्त को साफ कर देती है और सारे टॉक्सिन्स पेशाब के जरिए शरीर से बाहर कर देती है.
खराब जीवनशैली और कभी-कभी दवाईयों के कारण किडनी के ऊपर बूरा प्रभाव पड़ता है. किडनी के बीमारी के बारे में सबसे बूरी बात यह है कि इसका पता प्रथम अवस्था में नहीं चलता है
जब ये अंतम अवस्था में चला जाता है तब इसका पता चलता है, इसलिए इसको साइलन्ट किलर कहते हैं. इसलिए किडनी के बीमारी के प्रथम अवस्था को समझने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता लगाना ज़रूरी होता है.
किडनी के खराब होने के दूसरे लक्षण उसके 80% खराब होने के बाद नजर में आते हैं.

किdनी खराब होन के हैं ये 14 लक्षण:

1. पेशाब करने की मात्रा और समय में बदलाव आना:  किडनी के बीमारी के प्रथम अवस्था में पेशाब की मात्रा और होने के समय में बदलाव आने लगता है. यूरिनरी के कार्य में बदलाव.
2. पेशाब की मात्रा बढ़ जाना या एकदम कम हो जाना: पेशाब की मात्रा या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है.
3. पेशाब का रंग बदल जाना: पेशाब का रंग गाढ़ा हो जाना या रंग में बदलाव आना.
4. बार-बार पेशाब आने का अहसास होना: जब आपको बार-बार पेशाब होने का एहसास होने लगे मगर करने पर नहीं होना कि़डनी में खराबी की तरफ असर करता है.
5. बार-बार पेशाब आना या उसकी मात्रा बढ़ जाना: रात में पेशाब होने की मात्रा या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है. रात को बार-बार उठकर पेशाब करने जाना. किडनी के अस्वस्थ्य होने का सबसे प्रहला और प्रधान लक्षण होता है.
6.पेशाब करते वक्त दर्द महसूस होना:  जब पेशाब करते वक्त दर्द और दबाव जैसा अनुभव होने लगे तो तब समझ जाना चाहिए कि मूत्र मार्ग (urinary tract ) ण हुआ है.
7.  पेशाब करते वक्त जलन महसूस होना: कभी-कभी ऐसे अवस्था में बुखार या मूत्र मार्ग में जलन जैसा अनुभव होने लगता है. कभी-कभी पीठ का दर्द भी दूसरे लक्षणों में शामिल होता है.
8.पेशाब करते वक्त रक्त का आना : जब पेशाब में रक्त आने लगता है तब बिना एक मिनट सोचे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह किडनी के खराब होने का निश्चित संकेत होता है.
9. झाग (foam) जैसा पेशाब आना. मूत्र त्याग करने के बाद जब उसमें झाग जैसा पैदा होने लगता है तब यह किडनी के खराब होने के प्रथम लक्षणों के संकेत होते हैं.
10. किडनी में सूजन आना: किडनी का प्रधान कार्य होता है शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना, लेकिन जब यह कार्य बाधित होने लगता है तब शरीर में अतिरिक्त फ्लूइड जमने लगता है.
11. अतिरिक्त थकना और कमजोरी आना: किडनी से एथ्रोप्रोटीन (erythropoietin) नाम का प्रोटीन निकलता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं को ऑक्सिजन लाने में मदद करता है.
जब इस कार्य में बाधा उत्पन्न हो जाती है तब इस हार्मोन का स्तर गिर जाता है. जिसके कारण अनीमीआ का रोग होता है, जो शरीर में कमजोरी और थकान का कारण बन जाता है.
12.चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी: किडनी के बीमारी के कारण मस्तिष्क में ऑक्सिजन की कमी हो जाती है जिसके कारण चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी आ जाती है.

13. हर समय ठंड महसूस होना: किडनी के बीमारी के कारण जो अनीमीआ का रोग होता है उससे गर्म परिवेश में भी ठंडक महसूस होती है. पढ़िए किडनी खराब होने के ये
हमारी किडनी शरीर के बीचो बीच कमर के पास होती है. यह अंग मुट्ठी के बराबर होता है. हमारे शरीर में दो किडनियां होती हैं. अगर एक किडनी पूरी तरह से खराब हो जाए तो भी शरीर ठीक चलता रहता है.
हृदय के द्वारा पम्प किए गए रक्त का 20 प्रतिशत किडनी में जाता है, जहां यह रक्त साफ होकर वापस शरीर में चला जाता है. इस तरह से किडनी हमारे रक्त को साफ कर देती है और सारे टॉक्सिन्स पेशाब के जरिए शरीर से बाहर कर देती है.
खराब जीवनशैली और कभी-कभी दवाईयों के कारण किडनी के ऊपर बूरा प्रभाव पड़ता

पढ़िए किडनी खराब होने के ये हमारी किडनी शरीर के बीचो बीच कमर के पास होती है. यह अंग मुट्ठी के बराबर होता है. हमारे शरीर में दो किडनियां होती हैं. अगर एक किडनी पूरी तरह से खराब हो जाए तो भी शरीर ठीक चलता रहता है. हृदय के द्वारा पम्प किए गए रक्त का 20 प्रतिशत किडनी में जाता है, जहां यह रक्त साफ होकर वापस शरीर में चला जाता है. इस तरह से किडनी हमारे रक्त को साफ कर देती है और सारे टॉक्सिन्स पेशाब के जरिए शरीर से बाहर कर देती है. खराब जीवनशैली और कभी-कभी दवाईयों के कारण किडनी के ऊपर बूरा प्रभाव पड़ता

9 Love

1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं  लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी (गुर्दा) संभालता है। यह हमारे शरीर की विषाक्तता आैर अनावश्यक कचरे को बाहर निकालकर हमें स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं लेकिन केवल एक किडनी ही सारी जिंदगी सभी महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में अकेले ही सक्षम होती है। हाल के वर्षों में डायबिटीज आैर हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या में तेजी हो रही वृद्धि भविष्य में किडनी रोगियों की संख्या में तेजी से होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। यही वजह है कि दुनिया भर के सैकड़ों लोगों  जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, को प्रभावित करने वाले किडनी रोग के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से हर साल मार्च के दूसरे बृहस्पतिवार को वल्र्ड किडनी डे मनाया जाता है। इस साल 10 मार्च को वल्र्ड किडनी डे मनाया जाएगा है।  यह लोगों में किडनी की बीमारियों की समझ, उनकी रोकथाम और उनका जल्द उपचार शुरू करने के लिए जागरूकता उत्पन्न करता है। प्रतिवर्ष यह किसी थीम पर आधारित होता है आैर इस वर्ष की थीम है ‘बच्चों में किडनी रोग : बचाव के लिए जल्द प्रतिक्रिया करें! किडनी डिजीज बच्चों को कई रूपों में प्रभावित करती है जिसमें इलाज किये जाने वाले विकारों के साथ ही जीवन को खतरे में डालने वाले लंबे समय वाले परिणाम शामिल हैं। बच्चों में होने वाले मुख्य किडनी डिजीज-

नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम

यह एक आम किडनी की बीमारी है। पेशाब में प्रोटीन का जाना, रक्त में प्रोटीन की मात्रा में कमी, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर और शरीर में सूजन इस बीमारी के लक्षण हैं। किडनी के इस रोग की वजह से किसी भी उम्र में शरीर में सूजन हो सकती है, परन्तु मुख्यत: यह रोग बच्चों में देखा जाता है। उचित उपचार से रोग पर नियंत्रण होना और बाद में पुन: सूजन दिखाई देना, यह सिलसिला सालों तक चलते रहना यह नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम की विशेषता है। लम्बे समय तक बार-बार सूजन होने की वजह से यह रोग मरीज और उसके पारिवारिक सदस्यों के लिए एक चिन्ताजनक रोग है। नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम में किडनी के छन्नी जैसे छेद बड़े हो जाने के कारण अतिरिक्त पानी और उत्सर्जी पदार्थों के साथ-साथ शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन भी पेशाब के साथ निकल जाता है, जिससे शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है और शरीर में सूजन आने लगती है। श्वेतकणों में लिम्फोसाइट्स के कार्य की खामी के कारण यह रोग होता है ऐसी मान्यता है। इस बीमारी के 90 प्रतिशत मरीज बच्चे होते हैं जिनमें नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम का कोई निश्चित कारण नहीं मिल पाता है। इसे प्राथमिक या इडीओपैथिक नेफ्रोटिक सिन्ड्रोम भी कहते हैं।

वीयूआर

कई बार बड़े बच्चे भी बिस्तर खराब कर देते हैं। ऐसे में उन्हें वेसिको यूरेटेरिक रिफ्लक्स या वीयूआर की आशंका हो सकती है। यह वह रोग है, जिसमें (वाइल यूरिनेटिंग) यूरिन वापस किडनी में आ जाती है। वीयूआर में शिशु बार-बार मूत्र संक्रमण (यूटीआई) का शिकार होता है आैर इसके कारण उसे बुखार आता है। आमतौर पर फिजिशियन बुखार कम करने के लिए एंटीबायोटिक देते हैं लेकिन वीयूआर धीरे-धीरे आर्गन को डैमेज करता रहता है। वीयूआर नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों की आम समस्या है, लेकिन इससे बड़े बच्चे और वयस्क भी प्रभावित हो सकते हैं। सौ नवजात शिशुओं में से एक या दो शिशु वीयूआर से पीडि़त होते हैं। अध्ययन बताते हैं कि वीयूआर से प्रभावित बच्चे के भाई या बहन में से 32 प्रतिशत में यह समस्या देखी गई है। वीयूआर एक आनुवांशिक रोग है। अगर शुरुआती दौर में वीयूआर का इलाज किया जाए तो आसानी से ठीक किया जा सकता है, लेकिन बाद की स्टेज में यह किडनी फेलियर आैर ट्रांसप्लांट का मुख्य कारण बनता है।

यूटीआई

बच्चों में यूटीआई को डायग्नोज करना कठिन होता है। उपचार न कराया जाए तो उम्र बढ़ने के साथ लक्षण भी बढ़ने लगते है जैसे नींद में बिस्तर गीला करना, उच्च रक्तचाप, यूरिन में प्रोटीन आना, किडनी फेलियर। लड़कियों में इसके होने की आशंका लड़कों से दुगनी होती है। अगर यूटीआई का उपचार नहीं कराया जाए तो किडनी के ऊतकों को स्थायी नुकसान पहुंचता है, जिसे रिफ्लक्स नेफ्रोपैथी कहा जाता है। जब यूरिन का बहाव उल्टा होता है तो किडनी पर सामान्य से अधिक दबाव पड़ता है। अगर किडनी संक्रमित हो जाती है तो समय के साथ उतकों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। इससे उच्च रक्तचाप और किडनी फेलियर होने का खतरा अधिक हो जाता है।

क्रोनिक किडनी डिजीज

यह शिशु में बर्थ डिफेक्ट (शिशु केवल एक किडनी के साथ या किडनी की असामान्य संरचना के साथ पैदा हो), आनुवांशिक रोग (जैसे पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज), इंफेक्शन, नेफ्रोटिक सिंड्रोम (ऐसे लक्षणों का समूह जिसमें यूरिन में प्रोटीन आैर पानी का खत्म होना आैर शरीर में नमक प्रतिधारणा जो यह किडनी डैमेज का संकेत दे), सिस्टेमिक डिजीज (जिसमें किडनी के साथ ही शरीर के कई अंग शामिल हों जैसे फेफेड़े), यूरिन ब्लॉकेज आदि शामिल है। जन्म से लेकर चार वर्ष तक बर्थ डिफेक्ट आैर आनुवांशिक रोग किडनी फेलियर का कारण बनते हैं। पांच से चौदह वर्ष की उम्र तक किडनी फेलियर का मुख्य कारण आनुवांशिक रोग, नेफ्रोटिक सिंड्रोम आैर सिस्टेमिक डिजीज बनता है।

किडनी रोग के लक्षण

चेहरे में सूजन

-भूख में कमी मितली, उल्टी

-उच्च रक्तचाप

-पेशाब संबंधित शिकायतें, झांग आना

-रक्त अल्पता, कमजोरी

-पीठ के निचले हिस्से में दर्द

-शरीर में दर्द, खुजली, और पैरों में ऐंठन

– किडनी की बीमारियों की सामान्य शिकायतें हैं। मंद विकास, छोटा कद और पैर की हडिड्यों का झुकना आदि, किडनी की खराबी वाले बच्चों में आम तौर पर देखा जाता है।

डॉक्टर सुदीप सचदेव | नारायाणा सुपेर्स्पेसियालिटी हॉस्पिटल गुरुग्रम हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं  लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी (गुर्दा) संभालता है। यह हमारे शरीर की विषाक्तता आैर अनावश्यक कचरे को बाहर निकालकर हमें स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं लेकिन केवल एक किडनी ही सारी जिंदगी सभी महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में अकेले ही सक्षम होती है। हाल के वर्षों में डायबिटीज आैर हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या में तेजी हो रही वृद्धि

हम सभी स्वस्थ आैर स्वच्छ रहना चाहते हैं। अपने शरीर की बाहरी सफाई का ध्यान तो हम रख लेते हैं लेकिन शरीर के भीतर की सफाई का काम हमारी किडनी (गुर्दा) संभालता है। यह हमारे शरीर की विषाक्तता आैर अनावश्यक कचरे को बाहर निकालकर हमें स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं लेकिन केवल एक किडनी ही सारी जिंदगी सभी महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में अकेले ही सक्षम होती है। हाल के वर्षों में डायबिटीज आैर हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों की संख्या में तेजी हो रही वृद्धि #Contest #Shayari #MeraIshq #alwaysmissyou #khamoshkhat

10 Love

1b0655a66993e588df933e1b714c74fa

khamosh khat

रोगों से बचाव के लिए कुछ घरेलू उपाय लिखे गए हैं अपनी सुविधा अनुसार उनका चयन करे और नियमित पालन करे :

उपाय 1 : शाम के समय ताम्बे के पात्र में पानी भर कर रखे और सुबह सूर्योदय से पूर्व उसे बिना ब्रश किये बासे मूंह पीये साथ ही 15 मिनिट सैर करे. इससे पेट के रोग दूर होते हैं. इससे बाल वक्त से पहले  सफ़ेद नहीं होते. यह जल अत्यंत गुणकारी माना गया हैं.

उपाय 2 : भोजन करने के एक घंटे बाद पानी पीये इससे पाचन तंत्र तो सुधरता ही हैं साथ ही खासी जैसी बीमारी नहीं होती.

उपाय 3 : तुलसी एक अत्यंत गुणकारी पौधा हैं. तुलसी की चार पत्ती रोज खाने से ह्रदय, पेट के रोग नहीं होते साथ ही केंसर से भी बचाव होता हैं.

उपाय 4 : भोजन अच्छी तरह से चबा कर खाए साथ ही भोजन के बीच बार बार पानी न पीये और भोजन के एक घंटे बाद कुनकुना पानी पियें इससे पाचन तंत्र ठीक रहता हैं. और मोटापा भी दूर होता हैं साथ ही पेट के कोई रोग नहीं होते.

उपाय 5 : सप्ताह के एक बार करेले की सब्जी अवश्य खाये. इससे बुखार, पित्त, दस्त, पेट के कीड़े आदि सभी से बचाव होता हैं. साथ ही करेला मोटापे को दूर करता हैं और मधुमेह के रोगी के लिए भी फायदेमंद होता हैं.

उपाय 6 : भोजन में लहसन का इस्तेमाल करे यह एक एंटीबायोटिक हैं. लहसुन से टीबी जैसे भयानक रोग नहीं होते. साथ ही रक्त भी साफ़ रहता हैं. लहसुन की एक कली के चार तुकडे कर उन टुकड़ों को भोजन के बाद चबा कर खाये. इससे सभी कीटाणु मर जाते हैं और शरीर स्वस्थ रहता हैं.इससे पेट के केंसर भी नहीं होता.

उपाय 7 : अदरक, काली मिर्च और तुलसी के पत्तों की चाय बनाये और इसका सेवन करें इससे खासी, कफ के साथ साथ मलेरिया से भी शरीर की रोकथाम होती हैं.

उपाय 8 : मनुष्य को कभी दक्षिण की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिये इससे हृदय संबंधी परेशानी होती हैं. इसका करण यह हैं कि शरीर में सिर में धनात्मक आवेश तथा पैरों में ऋणात्मक आवेश होता हैं और पृथ्वी के उत्तर में धनात्मक आवेश और दक्षिण में ऋणात्मक आवेश रहता हैं. और इस बीच विद्युतीय प्रभाव होता हैं. अगर मनुष्य और पृथ्वी के बीच विपरीत आवेश (पृथ्वी की दक्षिण दिशा और मनुष्य का सिर )मिलते हैं तो विद्युतीय प्रभाव उत्पन्न हो जाता हैं जो कि हानिकारक हैं.इसलिए सोते वक्त दिशा का ध्यान रखे.

उपाय 9 : प्याज में भी अत्यंत गुणकारी तत्व होते हैं इसे भोजन के साथ नियमित खाने से वायरल जैसे रोगों से बचाव होता हैं. गर्मी के समय प्याज के सेवन से शीतलता बनी रहती हैं इससे लू नहीं लगती.

उपाय 10 : नींबू की शिकंजी पीने से हैजा से बचाव होता हैं. नींबू शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी हैं.

यह थे 10 आसान घरेलु उपाय जिसे अपनाने से रोगों से शरीर का बचाव होता हैं. और इन्हें आसनी से दिनचर्या का हिस्सा बनाया जा सकता हैं. WritcoAnthology  #meraishq  #ALWAYSMISSYOU  #Shayari  #khamoshkhat  #contest  irslan khan Dev maurya Girish shivam kumar mishra Adil kayamkhani

WritcoAnthology #MeraIshq #alwaysmissyou #Shayari #khamoshkhat #Contest irslan khan Dev maurya Girish shivam kumar mishra Adil kayamkhani

12 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile