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कुलदीप सभ्रवाल

जिंदगी क्या है ? जिओगे तो पता चल जायेगा.!!

www.sapnokidiary.com/

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कुलदीप सभ्रवाल

https://www.sapnokidiary.com/mazdoor-or-mazdoori/

©कुलदीप सभ्रवाल
  #raah
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कुलदीप सभ्रवाल

किसी के उतने ही बनकर रहा करो
जितना कोई तुम्हारा बनकर रहता है
अगर किसी के ज्यादा बनने की कोशिश करोगे 
या तो खुद को कहीं गुम कर आओगे 
या फिर उन्हें.!!

©कुलदीप सभ्रवाल
  या फिर उन्हें

या फिर उन्हें #शायरी

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कुलदीप सभ्रवाल

हम किसी की नज़रों में 
न जाने कब अच्छे से बुरे बन जाते है
पता ही नहीं चलता है.!!

©कुलदीप सभ्रवाल
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कुलदीप सभ्रवाल

मेरे इस दुनिया से चले जाने पर
अगर होगा गम तुम्हें थोड़ा सा भी

तो फिर यूं गैरों से 
छिपते-छिपाते हुए मिलना कहाँ तक
ठीक है.!!

©कुलदीप सभ्रवाल
  चले जाने से

चले जाने से #शायरी

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कुलदीप सभ्रवाल

हम रात भर जाग-जाग कर उन्हें जितना भी
याद करते हैं..

वो हमें उतना ही रात भर सो करके
भुला गये होते हैं.!!

©कुलदीप सभ्रवाल
  रात भर

रात भर #शायरी

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कुलदीप सभ्रवाल

बिना वजह बुरा मनाने लगे है लोग

लगता है फिर एक रिश्ता टुटने वाला है.!!

©कुलदीप सभ्रवाल
  बिना वजह

बिना वजह #शायरी

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कुलदीप सभ्रवाल

जबसे वो मुझे चाहने लगा है
न जाने क्यूँ बात-बात पर रोना आने लगा है,,

हर बंधन अब पराया सा महसूस होता है
बस इक तेरा ही ख्याल मुझे आने लगा है,,

दिखने लगी है उन्हें कमियां ए-दीप
क्यूं न तन्हा रहना अब सीख लिया जाये.!!

©कुलदीप सभ्रवाल
  कमियां

कमियां #शायरी

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कुलदीप सभ्रवाल

क्या खाक दुआ करेगा वो 
ए-दीप हमारे लिए...

हमने तो उसको भी थोड़ी सी 
खुशियों के लिए..

पल-पल तरसते देखा है.!!

©कुलदीप सभ्रवाल
  थोड़ी सी खुशियों के लिए##@

थोड़ी सी खुशियों के लिए##@ #शायरी

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कुलदीप सभ्रवाल

रात का रोना छुट गया है
जबसे ये दिल का खिलोना टूट गया,,

तुम्हारी मर्जी तुम जहाँ से निकलो
अब उन रास्तो में जाना हमारा छुट गया,,

मेरी महफिल वो दौर बुरा था जो
तेरे जाने से न जाने क्यूँ मुझसे रूठ गया,,

घाव भरे है इस दिल के निशान नहीं 
मगर यूं पल-पल का मरना छुट गया,,

मेरे आंगन में रहने लगी है महक तेरी 
लेकिन फूलों का खिलना-खिलाना छुट गया,,

मसलों में उलझा रहता हूँ अब
जबसे एक परिंदा अपना घर लूट गया,,

ए-दीप तु जलना छोड़ दे
तेरी बाती का ये तेल सारा देखो कैसे
जल-जल कर सुख गया.!!

©कुलदीप सभ्रवाल
  घर लूट गया.!!

घर लूट गया.!! #कविता

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कुलदीप सभ्रवाल

जबसे तु मुझे चाहने लगा है
बात-बात क्यूँ ये रोना आने लगा है,,

हर बंधन पराया सा महसूस होता है
बस इक तेरा ही ख्याल मुझे रहने लगा है.!!

©कुलदीप सभ्रवाल
  बात-बात पर

बात-बात पर #शायरी

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