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mohdali5019
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@deep_sunshine1210

W£l¢om€ 2 my little library . Fusion of Heart & Soul #myownwords मैं लफ्ज़ नहीं दिल के ज़ज्बात लिखती ✍️हूँ, अपनी इन कविताओं में कुछ हालात 👐लिखती हूँ.. instagram id _ @deep_sunshine1210

https://www.instagram.com/deep__sunshine1210/

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@deep_sunshine1210

🥀
जब उदास मन भटक कर हलक तक उतर आए , 
तब तुम ख़ुद से खूब बतियाना,
नीले आकाश को गुलाबी चादर ओढ़ाकर इंद्रधनुष की बारिश में नहाना, 
चौराहों के केंद्र में खड़े होकर चीख- चीख कर खुद को आवाज़ लगाना, 
गाड़ियों के शोर में अधरों की कोरो को ऐसे फैलाना जैसे कानों से गुजर रहा हो कोई सूफ़ी संगीत,
 इश्क़ करना मंदिर की आरती से ,
 सीने में भर लेना दरगाह के लोबान की खुशबू,, 
बन जाना ध्रुव तारा किसी ठोकर खाए मुसाफ़िर के लिए, 
राह में मिलने वाले राहगीरों को हरसिंगार के फूलों का गुलदस्ता भेंट करना,
गली - चौबारों पर बंधरवार बांध प्रियतम के लिए आंखे बिछाना, बचपन का गुल्लक फोड़ प्रेम की कोई निशानी ले आना,
रातरानी की सुधंग हृदय में भर जिस्म की दीवारों को मोहब्बत के रंग से पोत लेना,
प्रेमी के आने की ख़बर सुन गुलाबों की सेज सजाना, 
जाने की बात करने पर उसके होंठों पर तर्जनी रख देना,
नदियों के पानी को पींडलियों में भरकर, 
समुंद्र के खारेपन से जठराग्नि की प्यास बुझाना, 
चिंता के बादलों को फोड़ खुशियों से नाता जोड़ लेना, 
पसीने की बूंदों से तिनका - तिनका जोड़ घरौंदा बना लेना,
अफवाहों की राख से मन का मैल धो डालना,
 हस्ती जेबों में खन - खन करते सिक्कों सी रखना, 
चहको तो चिड़ियों सा चहकना, 
छोटे बच्चों सा खिलखिलाकर हंसना, 
सपनों की उड़ान ऊंचाई पर भरना, 
ज़िंदगी का दामन बिछिया से पकड़ कर रखना,
जीवन को सदा मुट्ठी में कैद कर हंसते रहना।

©@deep_sunshine1210 #MereKhayaal
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@deep_sunshine1210

#Nojoto #nojohindi #nojota #nojotogroup
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@deep_sunshine1210

बिना दुःख भोगे मानुष, कैसे सृजित होए।
तराशे यदि निष्ठा से, कोल हीरक होए

©@deep_sunshine1210 #Rose
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@deep_sunshine1210

प्रिय दोस्तो,
काफ़ी दिनों से कलम शांत पड़ी है।ऐसा नहीं है कि कुछ लिखने का मन नहीं होता, होता हैं परन्तु चारों ओर केवल नकारात्मकता पसरी हुई है जिन्हे पन्नो पर  अल्फाजों की शक्ल में बिखेरने का तुक मेरी समझ से परे हैं।
 हर सू वबा का माहौल है। इंसान उदासी और नकारात्मकता की जड़े पकड़ कर बैठा है। हमारी प्रकृति दुखभोगी हो गई है, जो जीवन में नकारात्मकता चाहते तो नहीं है लेकिन इसे पकड़ कर इसी का गोश्त उधेड़ कर खाने से भी बाज नहीं आते। कही आदमी जिंदगी और मौत से झूंझ रहा है तो कहीं हिन्दू - मुस्लिम के नाम पर बिमारी के लिंक जोड़े जा रहे है।किसी को कोविड की चपेट में आने को खौफ है, तो कुछ धंधा - पानी बन्द होने की वजह से मुश्किल में है। मसलन ऐसा है कि आदमी कभी खुद के लिए जीता ही नहीं है, आज भी उसे खुद की चिंता नहीं खा रही है, वो परेशान है अम्मा की दवाइयों के जानिब,लल्ला की दूध की परवाह उसे सता रही है क्योंकि जब जोरू को कुछ खाने को नहीं होगा तो उसके स्तनों में दूध की कोई बूंद बचेगी क्या???आप सभी से केवल इतना निवेदन है जितना हो सके दूसरों की मदद कीजिए ,घर के अंदर रहिए। बिमारी का कोई पॉलिटिकल कनेंक्शन है भी या नहीं हम ये नहीं जानते ,हम केवल इतना जानते है कि ईश्वर भूखा जगा सकते है लेकिन भूखा सुलाते नहीं है। ख़ुश रहिए, खुशियां बंटिए।बुरा वक्त है, गुज़र जाएगा।

©deep_sunshine1210

©@deep_sunshine1210 #5LinePoetry #Letring #Shayar #Shaayari #write #ink #Poet #picoftheday
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@deep_sunshine1210

सूरज को इस तरह रोशनी से प्यार है,
रात को सिर्फ चांदनी का इंतजार है,
जिन्हे कहते हो तुम चांद - सितारे
दरअसल वो आशिक़ है तनहाई के।

©@deep_sunshine1210 #SunSet #Sun #Morning #imback #Nojoto #Live #Deep #DSLR
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@deep_sunshine1210

गांव का हर इक छोर अपनी कहानी कहता है,
हम सब के भीतर अपना एक गांव रहता है।

जहा घुली है मिश्री पंछियों की पुकार में,
बरगद की छांव में सुकून जन्नत का मिलता है।

पैरों के निशान खेत की पगडंडी पर छोड़ आए है,
इमलियां तोड़ खाने का पल भी कहा लौट पाए है।

शहरो में खेत दो प्रेमियों को कहा ढक पाते है,
ना  रोटियों में चूल्हे की खुशबू धुल पाती है।

इन बन्द दीवारों में बुजुर्गो का दम घुटता है,
दादी की कहानियां सुनने का वक्त किसको होता है।

ऊंची इमारतों ने मानवता का कद छोटा कर दिया है,
हर रात वीरान सड़क पर कोई पशु मरा मिलता है।

गांव में बिजली चले जाने पर उत्सव छा जाता है,
शहरो में हर जगह सिर्फ सन्नाटा पसरा मिलता है।


गांव सिमटते जा रहे ,शहर अपनी जड़े फेला रहा है।
गांव की मिट्टी बंजर हो रही है, 
आओ दो बूंदे प्रेम की मिला कर
 गांव को नष्ट होने से बचाएं।

©@deep_sunshine1210 #writer #followmeoninstagram #Majority #village #Poetry #Hindi 
#BuildingSymmetry
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@deep_sunshine1210

रंगरेज़ ज़िंदगी 🥀
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 ज़िंदगी जब तुम मिली थी तब रंगीन नहीं थी परन्तु तुम्हारी रूह में किसी सियाह रंग की मौजूदगी भी नहीं थी जिस वजह से मैने कल्पना की थी कि मेरे रास्ते मीलों दूर तक रंगीन होंगे।आसमां में इंद्रधनुष तलाशते - तलाशते जाने कब इन आंखों को ज़िंदगी की परतों से रंग खोजने की कुवत सवार होने लगी। शुरुआत में ऐसा लगता था मानों ज़िंदगी के सारे रंग किसी जिंदान में कैद हो गए है, जिसकी कलीद किसी समुन्द्र की तली में जा गिरी है या फिर किसी मोज़जे ने सभी प्रकाश पुंजों को वक़्त की नीली शोल ओढ़ा कर गहरी नींद में सुला दिया हो जिसे मेरी नग्न आंखें देखने में असमर्थ हो चुकी हो।मैं फिर भी नींद की करवटों से कुछ रेशे उधार लेकर ज़िंदगी को रंगने की कोशिश करती रहती,नित - प्रतिदिन तुम्हें रंगने के बावजूद तुम्हारे रंग चिलचिलाती धूप में फ़ीके पड़ने लगे। ऐसा लगता था कि रंगों से तुम्हारा मराज़िम धुंधला पड़ चुका है।जब मेरा जन्म होने वाला था तब खुशियां हुबाबों की मानिंद अतराफ में फैली हुई दिखाई पड़ती थी लेकिन जन्म के चंद रोज़ उपरांत मेरी पीठ पर उदासी आकर बैठ गई। मैने उदासी को पन्नों पर लिखना चाहा परन्तु लिखने पर उदासी की जड़े जरा भी नहीं हिली,मेरी कलम ने उदास होकर वहीं दम तोड़ दिया फिर मैने उदासी की पीठ को केनवास समझकर ज़िंदगी के प्रत्येक रंग को उकेरा, उदासी की नाड़ियों में ठोस सुर्ख रंग मिला, जिसे नमकीन आंसूओं में घोल कर लाल रंग बनाया गया।उदासी की जठराग्नि में कई दिनों की भूख पायी गई जिसे होंठो पर आई नीली पपड़ी में डाल कर गहरे नीले रंग की रचना की गई।उदासी की योनी में मौजूद स्वेद प्रदर से श्वेत रंग की खोज मुकम्मल हुई।उदासी के मन में उपजी काई से हरे रंग की कोंपल निकल आईं।गहरी सियाह उदासी को मेरी आंखों का कत्थई रंग उदार दिया गया।इस प्रकार उदासी के प्रत्येक हिस्से से रंगो का ईजाद हुआ सिवाए कानो के क्योंकि उदासी बहरी होती है। रंगो की खोज के बाद आविष्कार हुआ एक अज्ञात हंसी का, हंसी के पलो से मुलाकात कर मुझे ज्ञात हुआ कि हंसी के यह पल बहुत मीठे है, किसी गुडधानी से भी ज्यादा।
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  ज़िंदगी मे रंगों की खोज से मैने ज़िंदगी को जीना सीखा, मैने ज़िंदगी के केशों को रजनीगंधा के फूलों से सजाकर ज़िंदगी का हर रंग एक तितली बनकर मकरंद की भांति चूसा है।जब भी किसी अन्य पुष्प ने मुझे अपनी ओर आकर्षित किया तब ज़िंदगी की पीठ पर मैं अपना एक रंग छोड़ कर आगे बड़ी।
 🌼
हां, मैने धनघोर उदसियो के बावजूद ज़िंदगी का प्रत्येक रंग जीया है।

©@deep_sunshine1210
  #StoryOnline #StoryOnline #lokdown #lokdownstories 

#dilkibaat
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@deep_sunshine1210

सुनकर नाम तेरा महफ़िलो में,
इद- ए- चराग़े महफ़िल हो गई मैं।

©@deep_sunshine1210 #mehngaai
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@deep_sunshine1210

आसमान की अनंत ऊंचाइयों को छूने के लिए,
हमे खोजने होंगे
सभ्यता के उस निशान को
जहां से हमारी नींव शुरू होती है।
यदि हम चाहते है 
आजादी इस माहौल से,
तो हमें ज़ेहन से बंधी जंजीरों को
खूंटी पर टांग कर,
उठाने होंगे हथौड़े और टांकी और
बनाना होगा एक रास्ता।
जिस दिन हम चलेंगे 
स्वयं के बनाए रास्ते पर  
उस दिन हम कुछ इंच ऊपर उठेंगे।
इस रास्ते पर हम तपेंगे
किसी भट्टी की तरह और 
खाएंगे रेगिस्तान की मिट्टी
तब जाकर गगन मंडल पर
सूर्य बनकर चमकेंगे हम।

©@deep_sunshine1210 #sunkissed
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@deep_sunshine1210

मुसलसल सानेहा का शिकार हो रही है,
जिंदगानी मेरी ख़ारजार हो रही है।

घर मेरा बह गया है आब - ए- चश्मों मे,
शरारा सी ऑंखें आबशार हो रही है।

आरज़ू थी  जिसकी सोहबत में रहने की,
यार वो आशना भी अग्यार हो रही है।

इक गुलनार खिला है मौसम - ए - पतझड़ में,
उसे देखने की तजस्सुस सवार हो रही है।

मिल्कियत से रब्त महज़ शोहराओ तक था,
बाद मरने के हर शय बेज़ार हो रही है।

©@deep_sunshine1210 #gazal #gazallover #Galib #all #allamaiqba

#Shades
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