Nojoto: Largest Storytelling Platform
rashmiyadav3218
  • 113Stories
  • 368Followers
  • 5.1KLove
    1.2LacViews

Rashmi rati

Poetess and writer

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

#RecallMemory # old memories # my poetry ✍️✍️

RecallMemory # old memories # my poetry ✍️✍️

168 Views

6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

rashmi rati

©Rashmi rati #sad shayri # poetry # kavita # shayri community

sad shayri # poetry # kavita # shayri community

21 Love

6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

नामर्दों की  भीड़  है  मुर्दा समाज है
निष्ठुर हृदय संवेदना का मोहताज है

हैवानियत  को  देख  सुन  हर  नजर सवालिया है
चुप है जो अब तक भी वो मानसिक दिवालिया है 

नोच रहे थे गिद्ध उन्हें गीदड़ों के सामने
निकलकर आया नहीं जिस्म कोई ढांकने

भारतीयों का सिर क्यूँ शर्म से झुका नहीं
पूछो ये सिलसिला क्यूँ अंत तक रुका नहीं 

कैसे तुमको  नींद  आई और कैसे तुम रह  पाए 
इतनी हिंसा इतनी जुल्मत आखिर कैसे सह पाए 

ये कहाँ का सुशासन है और कैसी सुरक्षा है
अब तो यकीं हो चला कि नपुंसक व्यवस्था है

इन आँखों में लहू है और जहन में उबाल है
उस  56  इंची  सीने  से  मेरा  इक सवाल है

घर जलता देखकर क्यूँ एक पल ठहरे नहीं 
तुम चुल्लू भर पानी में  क्यूँ डूब के मरे  नहीं

©Rashmi rati #मणिपुर
6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

rashmi rati

©Rashmi rati # manipur # narendra modi # politics # manipur news # poem #✍️✍️

# manipur # narendra modi # politics # manipur news # poem #✍️✍️

25 Love

6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

rashmi rati

©Rashmi rati # shayri # poetry # ghazal # 🥀🥀🥀✍️✍️✍️✍️✍️

# shayri # poetry # ghazal # 🥀🥀🥀✍️✍️✍️✍️✍️

24 Love

6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

#imissyou ghazal

442 Views

6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

प्रेम जलाशय पाकर भी  चिन्तित हो क्यूँ  पानी को
यह जीवन का अनुपम क्षण है हुआ भेंट जवानी को
राधा और रुक्मिणी जैसा  प्रेम  यहाँ सब कर  जाते 
मगर  ढूंढ़ कर  ला दे  कोई  मीरा  सी  दीवानी  को

©Rashmi rati shayri # POETRY # SAD #

shayri # POETRY # SAD #

29 Love

6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

सूनेपन  को  जो भर  दे   ऐसा  कोई  रंग  नहीं
भेद सके जो नीरवता को ऐसा कोई मृदंग नहीं 
सिवा  अँधेरों  के कुछ भी बाकी नहीं हृदय मे है
यहाँ  उजाले  डूब गए हैं  कोई  बची उमंग नहीं

©Rashmi rati poetry #shayri#sad poetry ✍️✍️

poetry #shayri#SAD poetry ✍️✍️ #शायरी

27 Love

6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

सिर  पर भार है ईंटों का  पल  रहा कोख में इक जीवन 
भीतर  है ज्वार भावनाओं  का बाहर अत्यंत शान्त है मन
जज्बा  है  दृढ़ चट्टान  सरीखा  ,धारण किए धैर्य पृथ्वी सा
वह सृष्टा की अद्भुत कृति है उस बिन व्यर्थ जगत का स्वप्न

©Rashmi rati women's day

women's day #शायरी

32 Love

6017a4b89b59fb60de338c03f348e58d

Rashmi rati

संत   महात्मा  बने  फिरें , ये  ठेकेदार  धर्म  के  हैं 
लज्जा इनमें अंश मात्र ना कुछ तो गुनहगार दुष्कर्म के हैं 

धर्म- कर्म  की  आड़  में  ये धन्धे  खूब  कराते  हैं 
तन्त्र -मन्त्र का जाल बिछाकर सबको ही बहलाते हैं 
विशिष्ट  संस्कार  बताने  को ये आश्रम में  ठहराते हैं 
अज्ञानता और अशिक्षा वश सब अन्धभक्त बन जाते हैं 

कहाँ-कहाँ तक बतलाऊँ इनकी काली करतूतों को
बेटियाँ  भय के साये में नहीं करतीं पेश सुबूतों को
ये ईश्वर और खुदाया को अपनी जागीर  समझते हैं 
गुंडों और मवाली संग खुद को शमशीर  समझते हैं 

मन्त्री  और  विधायक मिल इनका रसूख बढ़ाते हैं 
इनके नापाक मुखौटों पर सत्ता का ताज सजाते हैं 
टोने  और  टोटकों  से  सेलिब्रिटी  खूब  लुभाते  हैं 
पैसों  की जद  में आते ही ये रामरहीम बन जाते हैं 

कहीं किसी अबला को इनके करपाश जकड़ लेते
कभी  मौन  साधना  में  रत आशाराम पकड़ लेते
चिन्मयानन्द आरोपों को सुनके तत्काल झिड़क देते
राजनीति के रक्षक ही मिल इनको शक्ति सबल देते

तो  कहीं  कोई  नारायण  साईं खुद  को कृष्ण  बताता  है
और  गुरूमीत तो सब हदें तोड़ खुद ही ईश्वर बन जाता  है
ये सब समाज के अनुरूप ढले नहीं इसमें इनकी कहीं खता
इन अन्धभक्त  मूर्खों की मानसिकता  का इनको  खूब पता

नित नये रूप में दिखते हैं शाही परिधान पहनते हैं 
भीतर से बाहर तक इनके गिरगिट से रंग बदलते हैं 
शीशे  के  महलों  में  रहते  लग्जरी  कार में चलते हैं 
भोग विलास में लिप्त रहें साधू बन बाहर निकलते हैं
 
फिर किसी रूपसी बाला के संग ये खुद ही पकड़े जाते हैं 
खुद  को  बेकसूर बताने  को हर दांव  पेंच  आजमाते  हैं 
तब  भी  इन  पागल  भक्तों के ना ज्ञान चक्षु खुल पाते  हैं 
ताउम्र  सलाखों में  रहकर भी ये दिव्य  पुरुष  कहलाते  हैं

©Rashmi rati #धर्म के ठेकेदार# poetry # poem✍️✍️

#धर्म के ठेकेदार# poetry # poem✍️✍️ #कविता

23 Love

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile