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sanjeetaarya9219
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Sanjeet Aarya

अनकहा शब्द जज्बातों का,

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Sanjeet Aarya

#Women

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Sanjeet Aarya

#poetryonline 
dilsere - archu 7 StuPid Aloneboy Anirudh Upadhyay Ritu

#PoetryOnline dilsere - archu 7 StuPid Aloneboy Anirudh Upadhyay Ritu #StayAtHome

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Sanjeet Aarya

तेरी आँखों में छाई मायूसी से,
तेरे लबों की फीकी मुस्कान से
तेरे हर जख्मों का हिसाब लूंगा
आज नहीं तो कल  बेहिसाब लूंगा 

तेरे दिखाये उन  झूठे सपनो से
आस्तीन के फरेबी अपनों से
मिले हर फरेब का हिसाब लूंगा
आज नही तो कल बेहिसाब लूंगा

तेरा यूँ पास आकर दूर जाने से
खुद को इतना मगरूर बनाने से
तेरे दिए हर दर्द का हिसाब लूंगा
आज नही तो कल बेहिसाब लूंगा

भीड़ में  खुद को तन्हा होने से
रातों को  फुट-फुटकर रोने से
निकलें हर आंसू का हिसाब लूंगा 
आज नहीं तो कल बेहिसाब लूंगा

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Sanjeet Aarya

यु तो कभी मैं अकेला नही हुआ करता था
कभी होता था साथ मेरे पेड़ पौधों का साया,
तुम क्या समझोगे मेरी  दर्द-ए-दास्तान
तुमने ही तो बदली है मेरी यह काया,
दिख रहे हैं आज कहीं खुले मैदान
 तो कहीं बन रहें ऊँचे ऊँचे मकान,
दूर दूर तक ढूंढो  तुम मुझे अब
पर न मिलेगा घने जंगलों का निशान,
कभी काट कर तो कभी आग लगाकर 
तुम कर रहें  प्रकृति  का काम तमाम
देखो इंसानो से मिला मुझे ये कैसा इनाम?
छीनकर घर बेजुबानों का
घर खुद का सवार रहे हो
किस वहम में  हो तुम जुबाँ वालों,
खुद ही खुद का संसार उजाड़ रहे हो,
सुनामी हो या हो बीन मौसम बारिश
अब न मिलने वाली तुम्हें प्रकृति की आशीष....

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Sanjeet Aarya

यु तो कभी मैं अकेला नही हुआ करता था
कभी होता था साथ मेरे पेड़ पौधों का साया,
तुम क्या समझोगे मेरी  दर्द-ए-दास्तान
तुमने ही तो बदली है मेरी यह काया,
दिख रहे हैं आज कहीं खुले मैदान
 तो कहीं बन रहें ऊँचे ऊँचे मकान,
दूर दूर तक ढूंढो  तुम मुझे अब
पर न मिलेगा घने जंगलों का निशान,
कभी काट कर तो कभी आग लगाकर 
तुम कर रहें  प्रकृति  का काम तमाम
देखो इंसानो से मिला मुझे ये कैसा इनाम?
छीनकर घर बेजुबानों का
घर खुद का सवार रहे हो
किस वहम में  हो तुम जुबाँ वालों,
खुद ही खुद का संसार उजाड़ रहे हो,
सुनामी हो या हो बीन मौसम बारिश
अब न मिलने वाली तुम्हें प्रकृति की आशीष.... #nature
 Alok Kumar Rekha Rani Girdavri Devi Wagish Chandra Anirudh Upadhyay

#Nature Alok Kumar Rekha Rani Girdavri Devi Wagish Chandra Anirudh Upadhyay #poem

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Sanjeet Aarya

पथरीले रास्ते पर पथरीले रास्ते पर  सफर  कहाँ आसान है
खत्म होते ही रास्ते, शुरू होता शमशान  है
गुजर जाती है एक जिंदगी मंजिल की तलाश में
और पहुँचकर मुकाम पर रह जाती सिर्फ लाश है Wagish Chandra Kanchan Rekha Rani Ritu Anirudh Upadhyay

Wagish Chandra Kanchan Rekha Rani Ritu Anirudh Upadhyay

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Sanjeet Aarya

#Yaad

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Sanjeet Aarya

#बिछड़न 

Record it in your voice and tag me.

मैं खामोश हूं, मेरी ख़ामोशियों को यु रहने दो
लगी है आग जो दिल में उसे यूँ ही जलने दो
क्या बताऊँ कैसे तड़प रहा हु बिछड़ कर उससे
अगर तड़प रिहाई है उसकी तो मुझे यूँ  तड़पने  दो..

#बिछड़न Record it in your voice and tag me. मैं खामोश हूं, मेरी ख़ामोशियों को यु रहने दो लगी है आग जो दिल में उसे यूँ ही जलने दो क्या बताऊँ कैसे तड़प रहा हु बिछड़ कर उससे अगर तड़प रिहाई है उसकी तो मुझे यूँ तड़पने दो..

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Sanjeet Aarya

लोगों को यूँ बिछड़ते देखा है
ख्वाबों को हकीकत में ढलते  देखा है
घर कर गई थी उदासी धड़कन पर मेरी
पर लबों से तेरी खुद को मुस्काते हुए देखा है
सोचा था न मिल सकूंगा फिर कभी तुझसे
पर खुद को तुमसे इकबार लिपटते हुए देखा है
अब कुछ भी नही पास मेरे खोने को तेरे सिवा
खुद को फिर से सबकुछ सिमटते देखा है
जीने की चाह खत्म हो गई थी मेरी जिंदगी से
मिलकर तुमसे जिंदगी को फिर से जीते देखा है😘 #love
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Sanjeet Aarya

तेरी फ़िक्र है  तेरे फ़िक्र में पूरी दुनियाँ  भुला दिया
क्या अपना क्या गैर ,सबने रुला दिया
अगर मिल जाता मुझे साथ तुम्हारा 
फिर याद करती दुनियाँ प्यार हमारा #yaad
#parwah
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