किसी जाति , धर्म व विचार की परिसीमा से मुक्त...। अपनी मातृभूमि का एक छोटा हिस्सा किन्तु मानवता हेतु एक दृढ़ आधार हूं....।। मै अपने राष्ट्र का एक उच्च शंखनाद हूं ...। हां ये मै हूं ....बस एक इंसान । और मै #हिंदुस्तान हूं...!....-Anjali Rai ________________________ पहचान बस इतनी सी ही काफ़ी है .........🇮🇳 ___________________________________ "प्रेम - ब्रह्मांड ,जीवन और एकांत" ____________"धेय"___________________ ___________________________________ __मेरी मंज़िल के अंतरिम छोर से प्रारंभ होगा मेरा अनंत सफ़र__ ©AnjaliRai ___________और बस_________________ यहीं कुछ अधोलिखित "कविताएं" ही उड़ान देंगी एक नया आयाम देंगी "जीवन" को जिसके गर्भ में पलते रहेंगे मुझ जैसे असंख्य : : "मौन कवि" .....जो कभी शून्य नहीं होंगे और ना ही स्थिर.... -Anjali Rai ______________। ।_________________ ______________❤️_________________
अशेष_शून्य
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अशेष_शून्य
अशेष_शून्य
अशेष_शून्य
अशेष_शून्य
अशेष_शून्य
अशेष_शून्य
अशेष_शून्य