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Akkhil

कोई लिखे जहां मे,धन के लिए.. कोई लिखे जहां मे,जन के लिए.. मेरे लिए है लिखना,मेरे मन का सुकून.. मैं बात लिखूं मन की,बस मन के लिए..। ‌----------------------------------------------- ------------------------------------------------ जहां रंग हजारों मिलते हैं.. उस जगह को महफ़िल कहते हैं.. जिसकी शख्सियत ही महफ़िल है.. उस शख्स को अखिल कहते हैं..। --------------------------------------------- ---------------------------------------------

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Akkhil

हजार दर्द भी सह के, एक बार कृष्ण को पाऊं..।
प्रभु ऐसा नसीब दे, कि मैं सुदामा हो जाऊं..।।

©Akkhil
  #janmashtami
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Akkhil

किसी झूठ और भरम मे, फिर से तू खो ना जाना..
मुश्किल से जगाया है, मेरे देश सो ना जाना..
काता जो हमने चरखा, तो बस रुई रुई थी..
झेली जो हमने गोली, स्वाधीनता मिली थी..
गोली का और रुई का, तू फर्क ना भुलाना..
मुश्किल से जगाया है, मेरे देश सो ना जाना..
आजाद जो हुए तो, फिर खाया हमने धोखा..
सिंह भेष मे गीदड़ को, सत्ता का दिया मौका..
बहरुपिये गीदड़ को, अब जा के है पहचाना..
मुश्किल से जगाया है, मेरे देश सो ना जाना..
वो बोले एक ही है ,भगवन कहो या मौला..
फिर बांट के वतन को, तलवार का मुंह खोला..
वो खून जो बहा था, वो खून ना बिसराना..
सत्ता वरण की खातिर, जाति मे हमको बांटा..
फिर नाम पे प्रगति के, धर्म और कर्म से काटा..
बरसों मे अब मिटा है, मिथ्या का ताना-बाना..
मुश्किल से जगाया है, मेरे देश सो ना जाना..।।
मुश्किल से जगाया है, मेरे देश सो ना जाना..।।

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳*अखिल खन्ना* 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

©Akkhil #IndiaLoveNojoto #अखिल
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Akkhil

कौन कहता है कि मौत का, तय वक्त होता है..
ये जिस्म रोज मर रहा है, थोड़ा थोड़ा..
जिंदगी और क्या, चंद सांसो की मोहलत है..
वक्त वो कम हो रहा है, थोड़ा थोड़ा..
एक उम्र तक, जेहन मे एक गुमान रहता था..
गुमां मद्धम हो रहा है, थोड़ा थोड़ा..
ये जमाना, एक दौर मे रंगीन लगता था..
रंग बेरंग हो रहा है, थोड़ा थोड़ा..
वो खेल कूद,भाग दौड़ का जो एक दौर था..
रोज थम सा रहा है, थोड़ा थोड़ा..
एक मुस्कान एक हंसी, चेहरे पे छपी थी..
रुप वो ढल सा रहा है, थोड़ा थोड़ा..
ये जिस्म रोज मर रहा है, थोड़ा थोड़ा..!!!!!

©Akkhil
  #Life #Poetry #Shayari #Shayar #people #Time #अखिल
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Akkhil

क्यों अपने दिल को और सताया जाए..
चलो आगाज को अंजाम तक लाया जाए..
दिल्लगी उनकी थी, मेरा तो इश्क था..
चलो ये राज उस वेवफा को बताया जाए..
सवाल ये नहीं कि दिल मे कौन आएगा..
सवाल ये है कि किसलिए बुलाया जाए..
"अखिल" इस दिल मे दर्द की कमी तो नहीं..
क्यों बार-बार फिर दिल को लगाया जाए..
क्यों अपने दिल को और सताया जाए..!!
क्यों अपने दिल को और सताया जाए..!!

©Akkhil #Poetry #shayri #Shayar #Heart #Pain #Love #people #Life #अखिल
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Akkhil

शाम ढले धड़कन मे, खुमारी सी लगती है..
सीने मे कुछ इक सांसे, भारी सी लगती हैं..
हाले दिल जो जर्द था, पिघला सा लगता है..
हर बात उसकी जुबां से, प्यारी सी लगती है..
हम लाख सभांले दिल को, कि इश्क ना हो जाए..
दिल के आगे जेहन की जिद, हारी सी लगती है.!!

©Akkhil #Love #Life #me #you #LoveStory #Emotional #अखिल
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Akkhil

आज कल ना मिली, उम्र भर ना मिली..
जो आसमां का शौक था, जमीं ना मिली..
बिताते रहे हमेशा, जिसे जिंदगी समझ के..
उस किसी एक पल मे, जिंदगी ना मिली..
मिलते रहे ना जाने, हम रोज ही कितनों से..
पर किसी एक से भी, तबियत ही ना मिली..
बहुत गुमान किया हमने, अमीरी पे हमारी..
सब कुछ लुटा के पल की, खुशी ना मिली..
रहा था शौक हमको, जमाने को झुकाने का..
कितने ही सर झुके पर, ख़ुश-दिली ना मिली..
सुना था कि सभी को, मिल जाती है मोहब्बत..
हो गए हम इतने ऊंचे, कोई नजर ही ना मिली..
आज कल ना मिली, उम्र भर ना मिली..
जो आसमां का शौक था, जमीं ना मिली..।।।

©Akkhil #Love #Life #Poet #Poetry  #world #Money #Happiness #Pain #sorrow #अखिल
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Akkhil

मैं छोटा दरिया ही सही, किसी के काम तो आऊं...।
बन के समन्दर, किसी की प्यास कैसे बुझाऊं..।।

©Akkhil #Chhuan #दरिया #समंदर #जिंदगी #सोच #दुनिया #लोग #अखिल
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Akkhil

वक्त हो चला है, फिर सफर पे निकलने का..।
अब शहर को मेरी मौजूदगी, चुभने लगी है..।।

©Akkhil #Journey #life #people #Value #world #Family #अखिल
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Akkhil

अब मोहब्बत लफ्जों मे बयां नहीं होती..।
ना कर शिकवा, बस आंखें पढ़ना सीख ले..।।

©Akkhil #life #love #me #you #world #अखिल
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Akkhil

चलो एक बार फिर, मुकद्दर आज़माया जाए..।
पत्थर के शहर को, आईना दिखाया जाए..।।

©Akkhil #wait #people #life #world #City #अखिल
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