पूछ लिया है तो बता देते हैं बचपन से एक छोटे से गांव में पड़े हैं सपना था कि कुछ नया करेंगे हालांकि नया बहुत किया लेकिन जब गांव से निकलकर शहर आए तब देखा कि यहां पर लोगों को ज्यादा नहीं करने की आदत नहीं है इनके लिए नया होता है सिर्फ खुद के लिए कुछ करना औरों के लिए करना तो यहां पर नौकरी कहलाती है शायद इसीलिए डर कर आज तक चुप बैठे हैं कि हमें यहां जो हो रहा है वह नया नहीं करना है
rj aryan
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