जिस दिन कुछ लाजवाब लिख पाया खुद में मुकम्मल हो जाऊँगा अभी एक अक्षर हूँ जुड़कर पूरा शब्द हो जाऊँगा कभी किसी की जिदंगी को रोशन कर पाया मैं दीपक से सच में "दीपक " हो जाऊँगा
Deepak Singh
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17 Love
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16 Love
Deepak Singh
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