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IG || imd.radhe

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IG || imd.radhe

White मिले जो हमराही तो पता चले उसको 
जो लफ्जों से बयां नहीं करता 
 वो दिल में कितना दर्द लिए बैठा है

©IG || imd.radhe
  #Road

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IG || imd.radhe

तरकश में तीर था मैंने गुलाब समझा
वह रच रहे थे मेरे खिलाफ साजिश मैंने ख्वाब समझा 
जब लगा जाकर दिल पर तब एहसास हुआ 
तरकश में तो गुलाबी ही था उनकी दिल में जहर निकला

©IG || imd.radhe
  #fisherman

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IG || imd.radhe

Pov - What kind of maturity level of you
Me - I know everything but still I am saying

Chalo Ye bhi Thik hai

(Not.Random.Things)

©IG || imd.radhe
  #blindinglights
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IG || imd.radhe

जब चलना ही है किसी को साथ लेकर
तो क्यों ना महादेव के साथ चला जाए......!

©IG || imd.radhe
  #mahashivaratri
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IG || imd.radhe

जब जीना ही है जीवन किसी को साथ लेकार 
तो क्यों न महादेव के साथ चला जाए....!

©IG || imd.radhe
  #mahashivaratri
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IG || imd.radhe

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IG || imd.radhe

लौटा ही नहीं वह कभी अपने घर उस तरह से, जिस तरह से वह बचपन में रहा करता था
ना लौटी कभी मुस्कान उसकी जो , कभी उसके चेहरे पर हुआ करती थी
दब गए सारे ख्वाब उन बोझों के तले, जो कभी उसने अपने घर से उधार लिए थे
न जाने कब थमेगा यह उठा है जो तूफान बनके,
खो गया हूं इन अनजान गलियों में बेगानों की तरह, न जाने कब वह सुबह आएगी जब मैं लौटूंगा अपने घर, उनकी उम्मीदों का इंसान बनके
फिर कभी लौटा ही नहीं वह अपने घर जिस तरह से वह बचपन में हुआ करता था 
लोटा तो अपने घर सिर्फ चार दिन का मेहमान बनके

©IG || imd.radhe
  #Glazing

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लौटा ही नहीं वह कभी अपने घर उस तरह से 
जिस तरह से वह कभी बचपन में रहा करता था 
न लौटी मुस्कान उसकी जो कभी उसके चेहरे पर हुआ करती थी 
दब गए वो ख्वाब उन बोझों के तले जो कभी अपने घर से लिये थे 
न जाने कब धमेगा यह जो उठा है तूफान बनके न जाने कब फिर वह सुबह होगी जो बचपन में हुआ करती थी 
फिर कभी लौटा ही नहीं वह अपने घर उस तरह से
जिस तरह से वह कभी बचपन में रहा करता था
लौटा तो अपने घर सिर्फ चार दिन का मेहमान बनके

©IG || imd.radhe
  #RoadTrip

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