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aftabalan9586
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Aftab Alan

art teacher, making carricature n cartoonist, write short stories n poem

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Aftab Alan

White हर जिल्लत के बावजूद भी
मैं खुल कर ज़िया 
इश्क में टूटने के बावजूद भी
मैने फिर इश्क किया
हुजूम था कभी मिरे पास
फिर भी मैं तन्हा रहा 
कई दफा मलकुल मौत से
मुलाकात हुई
मैं था के इक जिद पर
जिंदगी से लड़ा

©Aftab Alan #sad_quotes
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Aftab Alan

White जहां मुझे चुप रहना था 
वहां मैने बोलना शुरू किया
जहां मुझे मर जाना था
वहां से मैने जीना शुरू किया

©Aftab Alan #life_quotes  Anjali Garg  Monika Dayal  Guhi  sony

#life_quotes Anjali Garg Monika Dayal Guhi sony #कविता

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Aftab Alan

White " लघु कथा "

आपने ये कहावत सुनी होगी, मैने भी सुनी थी, कि अगर बाप का जूता, बच्चे के पांव में आ जाए तो वो बच्चा नहीं रहता, एक दिन मैने पिताजी के जूते पहन लिए और चला गया, घूमने उसके बाद पिताजी जूता खोज रहे है, पूरे घर में, जब पता चला कि मैने पहने हुए है, तो उसी जूते से मेरी अच्छे से धुनाई हुई, उस दिन महसूस हुआ कि बाप के जूते पहनने से आप बाप के बराबर नहीं हो जाते... 😂😂😂

©Aftab Alan #Sad_Status
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Aftab Alan

White चल बुला कर 
उसे देखते है 
इक दफा...
पीठ किए बैठे है वो
सामने जाकर देखते है
पता भूल गई है
हवा मिरा 
रूह की खुशबू
उड़ा कर देखते है
इक दफा...

©Aftab Alan #love_shayari
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Aftab Alan

White   इक शख्स मिरे जीने की
दुआ कर गया
और फिर अपनी ही राख 
मेरी हथेली में धर गया
बात मुद्दत हो गई
उनसे किए हुए
वो शख्स तो...
जाने कब का गया

©Aftab Alan #Sad_Status #Hindi #hindipoetry #hindikavita #sahitya#hindipoem
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Aftab Alan

White मैं नहीं बिका 
चूंकि कोई खरीदार न था 
कश्ती नहीं चलाई 
दरिया में मैने 
वहां कोई भंवर न था 
उठाता कैसे कब्रिस्तान से
इक मुट्ठी मिट्टी...
जबकि मैं 
अपनी ही कब्र पर 
उस वक्त जिंदा खड़ा था

©Aftab Alan #good_night
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Aftab Alan

White मैं नहीं बिका 
चूंकि खरीदार न था कोई
कश्ती नहीं चलाई 
दरिया में मैने 
वहां भंवर न था कोई
उठाता कैसे कब्रिस्तान से
इक मुट्ठी मिट्टी...
जबकि मैं अपनी ही कब्र पर 
जिंदा खड़ा था

©Aftab Alan #sad_dp
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Aftab Alan

White ' अवसरवादी ' 
एक लघु कथा


यहां दुकान चमकाने में सब माहिर है, 
कोई भी त्यौहार आए 
तो वो अवसरवादी बन जाते है, 
शहर में इक रोज वबा (बीमारी) फैली 
तो तमाम दुकानदारों ने
अर्थी का समान बेचना शुरू कर दिया 
इंसानियत को दरकिनार करके

©Aftab Alan #good_night लघु कथा

#good_night लघु कथा #विचार

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Aftab Alan

White आफताब बहुत घुमा है 
ख़ला में 
जाने कितने लाइट ईयर
तुम्हारी ये जिद भी
अजीब है
वक्त को बांधने की
वो दूर तेरी बेड़ी सी 
ख्वाहिशों में लथपथ
और एक तू है
की नकेल मिरि 
हाथ में लिए 
घूम रही है 
अब तक
ज़रा बता तो सही 
इक बात
की कौन
किसे दौड़ा रहा है 
जीवन में?...

©Aftab Alan
  #Sad_shayri
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Aftab Alan

White तुम्हारी प्रेम की 
प्रगाढ़ता से अनभिज्ञ नहीं हूं 
किंतु स्त्रोत अति सूक्ष्म है 
मेरे समक्ष...
उसको व्यवस्थित करने में...
बेहद विचलित करने वाला 
ये वक्तव्य है...पर है
यदि तुम समझ सको तो...

©Aftab Alan
  #sad_shayari
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