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jeevannidhitiwar1881
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Jeevan Nidhi Tiwari

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Jeevan Nidhi Tiwari

हां लिखी हुई है,
हां लिखी हुई है,

जीवन की हर इक कविता,
हर भोर सूर्य की शुचिता,
हाथों पर ऊषा से,
तुरपी गई है,

हां लिखी हुई है,
हां लिखी हुई है,

तुम दुख कहो मैं आंसू,
दुर्भाग्य की कहो मैं हंस दूं,
सुवर्ण सपनों वाली सीढ़ी,
मुर्दों की गढ़ी हुई है,

हां लिखी हुई है,
हां लिखी हुई है,

जो फूलों के रखवाले,
खुशबू को बेचने वाले,
हर डाल पे फूल सजाए,
पर डाली कटी हुई है,

हां लिखी हुई है,
हां लिखी हुई है।

                       जीवननिधि

©Jeevan Nidhi Tiwari
  #agni #Hindi
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Jeevan Nidhi Tiwari

#nojotohindi 

#HeartfeltMessage
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Jeevan Nidhi Tiwari

#nojatohindi #nojolove #nojatoquotes 

#ShamBhiKoi
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Jeevan Nidhi Tiwari

अरे! सुनती हो, सुनो मेरी जाना! तुम्हारा पीछे से आकर, मुझसे लिपट जाना,
बर्फ़ीले पहाड़ों की सुबह, और सूरज का निकल आना।
            जीवननिधि

©Jeevan Nidhi Tiwari #hindi_poetry 
#Hindi 
#urdu
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Jeevan Nidhi Tiwari

Alone  घर के बड़े लड़के
पिता से कुछ ही कम,
पर लगभग उतने ही कठोर ह्रदय होते हैं,

पिता की चप्पल पांव में फिट होते ही,
एक अनकही जिम्मेदारी रख लेते हैं,
अपने नाजुक कन्धों पर,

लगभग किशोरावस्था से ही तलाशते हैं जरिया,
कि पिता का बोझ हल्का कर सकें,
और खो देते हैं अपना बचपन,

बीस वर्ष की आयु में बयालिस सी बातें करते हैं,
और दृढ़ करते हैं कुसंगति में न पड़ने का,
पर उनकी ये जिम्मेदारी असहज हो जाती है,
जब वे प्रेम करते हैं गैर-जाति की लड़की से,

समूचे कुल की चिंता,
पूरे वंश का सम्मान,
सब मिट्टी हो जाएगा,
अब ये विचार इन्हें खा जाएगा,

समाज में नशा-पाती छोटी कुसंगति है,
और थोड़ा बहुत नशा तो मर्द की निशानी,
पर सबसे बड़ी कुसंगति प्रेम को माना गया है,
वह भी गैर-जाति राम-राम-राम राम,

हां सच में,
घर के बड़े लड़के उतने बड़े नहीं होते,
जितना उन्हें समझा जाता है,

पर हां पिता से कुछ ही कम,
पर उतने ही कठोर ह्रदय होते हैं,
घर के बड़े लड़के।
                        जीवननिधि

©Jeevan Nidhi Tiwari #Hindi #hindi_poetry #Prem #urdu #urdushayari #nojohindi #Nojoto 
#alone
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Jeevan Nidhi Tiwari

इश्क़, मुहब्बत, प्यार, ख़ुदाई,
दुनिया सोंचे क्या कहना है,
मेरी आँखों में जो भी सपने,
जब पूंछो बस 'तुम' कहना है।
                             जीवननिधि

©Jeevan Nidhi Tiwari #ishq #shayri 

#Love
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Jeevan Nidhi Tiwari

सर्द सुबह की धूप सा गुनगुन,
गर्म दुपहरी में माथे पर चंदन,
सांझ लौटते पक्षी सा संतोषी मन,
मूंद रहा हूँ आंखें कर लो चुम्बन। 
                               Jd

©Jeevan Nidhi Tiwari #flowers
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Jeevan Nidhi Tiwari

#IshqUnlimited
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Jeevan Nidhi Tiwari

बड़ा वरदान सा है तुम्हें अब भी देख पाना,
तुम्हारी छुपी हुई उदासी अच्छी नहीं लगती,

तुम्हारी आँखों के नीचे सूजन पहले तो न थी,
ये मुस्कुराती हुयी सूरत, मुरझाई सी क्यूं लगती,

बड़ा अच्छा है रंगीन लिबास जो तुमने पहन रक्खा है,
क्या सितारों जड़ी ज़िन्दगी तुम्हें अच्छी नहीं लगती,

चारों ओर खुशियां ही खुशियां हैं, हां मुंहकही ही सही,
तुम्हारी हर तस्वीर में आंखें मुझे ढूंढती हुई सी लगती,

तुम्हें याद हैं न वो इशारे जो हमने तय किये थे गले मिलने के,
जिंदगी उन्हीं इशारों में अब सुलझी हुई लगती।

                                  जीवननिधि(jd)



 #zindagikerang
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Jeevan Nidhi Tiwari

बड़ा वरदान सा है तुम्हें अब भी देख पाना,
तुम्हारी छुपी हुई उदासी अच्छी नहीं लगती,

तुम्हारी आँखों के नीचे सूजन पहले तो न थी,
ये मुस्कुराती हुयी सूरत, मुरझाई सी क्यूं लगती,

बड़ा अच्छा है रंगीन लिबास जो तुमने पहन रक्खा है,
क्या सितारों जड़ी ज़िन्दगी तुम्हें अच्छी नहीं लगती,

चारों ओर खुशियां ही खुशियां हैं, हां मुंहकही ही सही,
तुम्हारी हर तस्वीर में आंखें मुझे ढूंढती हुई सी लगती,

तुम्हें याद हैं न वो इशारे जो हमने तय किये थे गले मिलने के,
जिंदगी उन्हीं इशारों में अब सुलझी हुई लगती।

                                  जीवननिधि(jd)



 #zindagikerang
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