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Abhishek 'रैबारि' Gairola
अनिंद ब्याल राति क्य बतौं, मैतें घड़ैक भी निंद नि ए, भों कथा छुईं छें रिंगणि मुंड मा पर रिंग नि ए। न सुपिन्यु छो
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- मृत्यु निकट आ ही गई , होते क्यों भयभीत । साथी कोई भी नही , बने वहाँ मनमीत ।। सूर्यदेव के ताप से , काँप रहे हो आज । भाग रहे शीतल जगह , छोड़ आज सब काज ।। वादा करते आपसे , अभी न छोड़ूँ हाथ । जीवन भर बस प्यार से , रखना हमको साथ ।। जीवन साथी संग में , उठा रहे आनंद । दुआ यही करता प्रखर , कभी न हो ये मंद ।। वर्षगाँठ शुभकामना , करें आप स्वीकार । जीवन भर मिलता रहे , साथी से यूँ प्यार ।। आगे जीवन में यही , करे खड़ी दीवार । बात-बात पर तुम कहीं , अगर करो तकरार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- मृत्यु निकट आ ही गई , होते क्यों भयभीत । साथी कोई भी नही , बने वहाँ मनमीत ।। सूर्यदेव के ताप से , काँप रहे हो आज ।
दोहा :- मृत्यु निकट आ ही गई , होते क्यों भयभीत । साथी कोई भी नही , बने वहाँ मनमीत ।। सूर्यदेव के ताप से , काँप रहे हो आज । #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
सोरठा :- सूर्यदेव का ताप , नित्य ही बढता जाता । नर नारी सब आज , नजर घूंघट में आता ।। लियो मजा तुम खूब , सदा पक्की सड़को का । करना क्या है आज , पहाड़ो औ झरनों का ।। महल बने फिर चार , वृक्ष हो बिल्कुल छोटे । गेंदा चंपा छोड़ , वृक्ष सब लगते खोटे ।। हँसते घूंघट काढ , दिखे सारी बत्तीसी । फल कर्मो का आज, निकाले सबकी खीसी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR सोरठा :- सूर्यदेव का ताप , नित्य ही बढता जाता । नर नारी सब आज , नजर घूंघट में आता ।।
सोरठा :- सूर्यदेव का ताप , नित्य ही बढता जाता । नर नारी सब आज , नजर घूंघट में आता ।। #कविता
read moreBhanu Priya
कुछ छांव सा कुछ धूप सा कुछ चंचल सा कुछ शांत सा कुछ गीत सा कुछ संगीत सा एहसास उस प्रीत का कुछ खट्टा सा कुछ मीठा सा कुछ तिखा सा कुछ फीका सा कुछ ताप सा कुछ शीत सा एहसास उसे प्रीत का जिसे भी नसीब हुआ अक्सर उन शामो में ही महसूस हुआ । ©Bhanu Priya कुछ छांव सा कुछ धूप सा कुछ चंचल सा कुछ शांत सा
कुछ छांव सा कुछ धूप सा कुछ चंचल सा कुछ शांत सा #Poetry
read moreBharat Bhushan pathak
White भूखे रह जो प्यास भुलाके,हाथों अपने ताप लगाके। इच्छा अपने मर्दन करके,रंगे सपने खूब हमारे।। ©Bharat Bhushan pathak #safar #Labourday भूखे रह जो प्यास भुलाके,हाथों अपने ताप लगाके। इच्छा अपने मर्दन करके,रंगे सपने खूब हमारे।।
#safar #Labourday भूखे रह जो प्यास भुलाके,हाथों अपने ताप लगाके। इच्छा अपने मर्दन करके,रंगे सपने खूब हमारे।। #Poetry
read moreBharat Bhushan pathak
पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का। ©Bharat Bhushan pathak पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश
पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश #भक्ति
read morePushpvritiya
हिय की मारी सोच अकिंचन, पिय जी झूठ बँधाय गयो मन.....!! @पुष्पवृतियाँ ©Pushpvritiya #चौपाई वैरागी मन तुम बिन प्रीतम, पीर न जाने किन् विध् हो कम...! कस्तूरी मृग बन कर साजन, तोहे ढूँढ़े भटके वन वन......!! विरहिन देह जलन जागे