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NEERAJ SIINGH
अपने घर परिवार दुकान समाज सबको सुरक्षात्मक शहस्र शस्त्र से भरो और इतना रोष रखो की अगली बार को राक्षस रेकी करने आए तो सीधे निपटा दो, किसके लिए रुके कन्हैया कोई भाईचारा नही ,कोई व्यापार नही , देखना छोड़ दे , इनको ये कभी नहीं सुधर सकते, हिन्दू स्त्रियां भी शस्त्र चलाना सीखे और मुस्लिम किसी भी व्यक्ति से कोई भी बोल चाल या संबंध ना रखे, निष्कासन और भर्त्सना जरुरी हैं सामाजिक तौर से और मानसिक तौर पर भी अति हो चुकी है गंदगी की जब कन्हैया का लहू नाली मे बह रहा था तुम्हारा खून तब भी नही खोला हिंदुओं, राजपूती लहू कभी चुप नही बैठेगा , जय महाकाल #neerajwrites कन्हैया के लहू का रोष लौटेगा
Mishra Kaushal
रोष में ही सही... आ ही जाओ इक दफ़ा ! खड़ी दूर,हो संग फिर मेरे।। #रोष#misraword#misralove
Ananya Singh
पृथ्वी बैठीं तट पर सोच रही थी खिन्न में, क्या बचाउ और क्या बह जाने दूं अपने इस रोष निर्झर में... #रोष #निर्झर #दिलकीबात #उदास_मन #तट
अशोक द्विवेदी "दिव्य"
जब अपने भी नहीं थे मेरे संग ©अशोक द्विवेदी "दिव्य" #जीवन #प्रेमदर्शन #कुंठा #रोष लक्ष्मी भारती
hgdshots
कभी-कभी हवा अपने वेग से रोष ज़ाहिर करती है तो कभी अपनी शीतलता और मधुरता से हिचकोले देती है मन की शांति के लिए ।। #nojoto#हवा#बातें #कहानी#रोष#मधुरता#शीतलता
Pankaj Kathpalia
नाराज़गी उनकी अब कहर बरसाती है प्रकृति है साहब इससे खिलवाड़ करोगे तो ये भी अपना खेल दिखाती है ©Pankaj Kathpalia #BehtaLamha #Nature #प्रकृति #रोष #danger #Life #Life_experience #selflesslydriven
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
आतंकियों से पूछो कि हिन्दुस्तान कैसा है। इन भारतीयों के रोष का तुफान कैसा है। जाकर पूछ लो कारगिल के ऊंचे पहाड़ों से वो सुनाएंगे कि इस देश का जवान कैसा है।। कारगिल विजय दिवस की शुभकामनाएं ©Veena Kapoor कारगिल विजय भारत के जवान आतंकवाद भारतीय रोष #holi2021
Anjali Raj
माना सारा सिस्टम देश का दुश्मन है। मचा है हाहाकार हर तरफ़ क्रंदन है। दिल पे रख कर हाथ तू सच ये बोल ज़रा। क्या तूने खुद अपनी जान की की परवाह? निकला घर से भीड़ बढ़ाने दुनिया की। क्या तूने खुद मुँह और नाक की रक्षा की? सिस्टम की बारी तो बाद में ही आयी। क्या उससे पहले तेरी सुधि जग पाई? उस डॉक्टर में दिखा खुदा का रूप नहीं? जो कहता था अभी कोरोना गया नहीं। जा कर भीड़ में डुबकी किसने मारी थी? किसके सिर पर घूमने की धुन तारी थी? क्या लगता था तुझे कोरोना छोडेगा? या आया तो फूंक मार के मोड़ेगा? एक ने दस दस में कोरोना फैलाया। अब तुझको सिस्टम देश का याद आया। हर तरफ़ उघाड़े नाक मुँह को लोग खड़े। कब्रिस्तानों में मुँह ढके मृतक पड़े। सब इक दूजे पे दोष मढ़ते जाओ। बिना मास्क घूमो बाद में चिल्लाओ। खुद तेरे सिस्टम से जो ना रुक पाया। मंत्री जंत्री कौन किसी के काम आया? मुँह ढक ले या कफ़न से मुँह ढंकवाएगा? बचा नाक या देश की भी कटवाएगा? अब भी चेत जा गर जो जान ये प्यारी है। देश बचाने की अब तेरी बारी है। अंजलि राज #अंजलिउवाच #YQdidi #कोरोना #मास्क #सिस्टम #रोष #बुरा-न-मानना