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New द्यौः शान्तिः Quotes, Status, Photo, Video

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Abhishek Singh

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः #Politics #hindipoetry

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ज़िन्दगी चीखे गी मौत चिल्लाये गी,
रेल आये गी रौंदे चली जाएगी,
अश्रु घड़ियाली मरहम मले जायेंगे,
रक्त में राजनीती करी जायेगी। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
#Politics #Nojoto #HindiPoetry

Vicky Tiwari

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Awara Maan

ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय ॥ ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥

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ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय ॥ 
ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥ ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय ॥ ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥

Kulbhushan Arora

उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत।" हुआ सवेरा.....उठो, जागो.....दूर करो अंधियारा, तन की शक्ति, मन की श्रद्धा, जगाओ.... प्राप्त करने योग्य #yqdidi #yqquotes #yqप्रभाती #yqभोर_के_स्वर #पुण्या_के_दाबू

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#पुण्या_के_दाबू
🌄🌄सुप्रभात🌞🌞

 उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत।"
हुआ सवेरा.....उठो,
जागो.....दूर करो अंधियारा,
तन की शक्ति, मन की श्रद्धा,
जगाओ....
प्राप्त करने योग्य

पूजा निषाद

भरोसा करना सीखो अपने कर्म पर ज्ञान पर संयम पर सम्मान पर स्वयं पर या भगवान पर ! ये वो सदाएं हैं जो कहीं से नहीं आतीं #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine

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अपने कर्म पर ज्ञान पर
संयम पर सम्मान पर 
स्वयं पर या भगवान पर !

ये वो सदाएं हैं
जो कहीं से नहीं आतीं

सिवाय तुम्हारे !
जब तुम प्रेम करते हो खुद से
किसी अर्ध खिले फूल की भांति !

जो निरंतर बढ़ना चाहता है
कुछ करना चाहता है !

जैसे छटा बिखेर रहा फूल ;
अपना यौवन, खुश्बू व शान्तिः  भरोसा करना सीखो
अपने कर्म पर ज्ञान पर
संयम पर सम्मान पर 
स्वयं पर या भगवान पर !

ये वो सदाएं हैं
जो कहीं से नहीं आतीं

Pooja Nishad

भरोसा करना सीखो अपने कर्म पर ज्ञान पर संयम पर सम्मान पर स्वयं पर या भगवान पर ! ये वो सदाएं हैं जो कहीं से नहीं आतीं #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine

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अपने कर्म पर ज्ञान पर
संयम पर सम्मान पर 
स्वयं पर या भगवान पर !

ये वो सदाएं हैं
जो कहीं से नहीं आतीं

सिवाय तुम्हारे !
जब तुम प्रेम करते हो खुद से
किसी अर्ध खिले फूल की भांति !

जो निरंतर बढ़ना चाहता है
कुछ करना चाहता है !

जैसे छटा बिखेर रहा फूल ;
अपना यौवन, खुश्बू व शान्तिः  भरोसा करना सीखो
अपने कर्म पर ज्ञान पर
संयम पर सम्मान पर 
स्वयं पर या भगवान पर !

ये वो सदाएं हैं
जो कहीं से नहीं आतीं

Vikas Sharma Shivaaya'

ॐ नमः शिवाय:* ॐसर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुः खभाग्भवेत् । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ "सभी सुखी ह #समाज

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N S Yadav GoldMine

#Past ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः तीन बार क्यों कहते हैं? {Bolo Ji Radhey Radhey} प्रिय स्नेह्पात्रों, यूँ तो जीवन में होने वाली लगभग हर चीज़ #जानकारी

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ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः तीन बार क्यों कहते हैं?

{Bolo Ji Radhey Radhey}

प्रिय स्नेह्पात्रों, यूँ तो जीवन में होने वाली लगभग हर चीज़ के पीछे एक अवधारणा निहित है, पर क्या आपने कभी सोचा है, कि उनके पीछे के विचार क्या हैं या ऐसा क्यों किया गया? अगर नहीं, तो आज हम आपको एक ऐसे ही संदर्भ से परिचित कराएंगे और ये बताएँगे, कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है।

हम यहां पर बात कर रहे हैं, शांति शब्द के उच्चारण की। हममे से काफ़ी लोगों ने ये देखा और सुना होगा, कि ॐ शब्द का उच्चारण, तीन बार किया जाता है। मगर कुछ ही लोगों को शायद इसके पीछे का रहस्य पता हो। वैसे तो सनातन धर्म के अंतर्गत, किसी भी पवित्र मंत्रोचार के पश्चात् ॐ शांति शब्द को तीन बार दोहराया जाता है। इसके संबंध में ऐसी मान्यता भी है, कि प्रार्थना के पश्चात् शांति के अहवाह्न से समस्त दुख और शोक का नाश होता है। मगर सवाल ये है, कि आखिर इसका उच्चारण तीन बार ही क्यों? तो स्नेहियों, आज हम आपको इसी रहस्य से परिचित कराने जा रहे हैं।

हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है, कि ‘त्रिवरम सत्यम’ यानी, किसी बात को यदि तीन बार कहा जाए, तो वह बात सच हो जाती है। यही कारण है, कि हम अपनी बात पर बल देने के लिए उसे तीन बार कहते हैं।

वस्तुतः बाधाएं मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैं।

आधिदैविक - इनमें शामिल होती हैं अदृश्य बाधाएं, जिन पर हमारा नियंत्रण नगण्य है। जैसे भूकंप, ज्वालामुखी, आदि।

आधिभौतिक - ये होती हैं हमारे आस पास की बाधाएं, जैसे दुर्घटना, प्रदूषण, अपराध, आदि जिनका जनक, कभी-कभी समाज भी होता है।

आध्यात्मिक - इन बाधाओं में हमारी मानसिक और शारीरिक बाधाएं शुमार हैं, जैसे क्रोध, निराशा, रोग, आदि।

अब जब हम ॐ शांति का मंत्रोचार तीन बार करते हैं, तो हम ईश्वर से सच्चे मन से यही प्रार्थना करते हैं, कि “हे परमेश्वर! जब हम अपने कार्यों का दायित्व निभा रहे हों, तो कम से कम ये तीन तरह की बाधाएं उत्पन्न न हो।” इस दौरान, पहली बार ॐ शांति बोलते समय दैवीय शक्तियों का स्मरण किया जाता है। दूसरी बार, अपने आस पास के वातावरण का और आखिरी में, खुद का स्मरण किया जाता है। इस तरह से मनुष्य अपने जीवन की समस्त बाधाओं का उपचार, केवल ॐ शांति के तीन बार भावपूर्ण उच्चारण से भी कर सकता है। तो भक्तों, आइए और हमारे साथ-साथ आप भी बोलिए, ॐ शांति! शांति! शांतिii



©N S Yadav GoldMine #Past ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः तीन बार क्यों कहते हैं?

{Bolo Ji Radhey Radhey}

प्रिय स्नेह्पात्रों, यूँ तो जीवन में होने वाली लगभग हर चीज़
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