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Dr Jayanti Pandey

सुप्रभात 💐💐 असंभव वही है जो पूरी तरह से साधा नहीं गया बिखरे प्रयासों से कोई लक्ष्य कभी बांधा नहीं गया। जब जब विश्वास जुड़ा गहन साधना की डोर #yqdidi #yqhindi #hkkhindipoetry #jayakikalamse

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असंभव वही है जो पूरी तरह से साधा नहीं गया
बिखरे प्रयासों से कोई लक्ष्य कभी बांधा नहीं गया।

जब जब विश्वास जुड़ा गहन साधना की डोरी से
भागीरथ ले आए मां गंगा को स्वर्ग की ड्योढ़ी से।

संभावनाएं हर तरफ है, बस थोड़ा ध्यान लगाओ
हारने का डर निकालो,कोशिश करो कदम बढ़ाओ। सुप्रभात 💐💐
असंभव वही है जो पूरी तरह से साधा नहीं गया
बिखरे प्रयासों से कोई लक्ष्य कभी बांधा नहीं गया।

जब जब विश्वास जुड़ा गहन साधना की डोर

Shree

तीन टुकड़ा चांद, दो तुम्हारी आंखें एक बैठा आसमान! हद से गुज़र बेसब्र ये माहरु ऐसे उलझा तीन टुकड़ा चांद मेरा... #loveisintheair #a_journey_of_thoughts #lovepoemsarebest #तुम्हारा_मन_मेरी_समझ

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तीन टुकड़ा चांद, दो तुम्हारी
आंखें, एक बैठा आसमान...
🌜 तीन टुकड़ा चांद, दो
तुम्हारी आंखें एक 
बैठा आसमान! 

हद से गुज़र बेसब्र 
ये माहरु ऐसे उलझा
तीन टुकड़ा चांद मेरा...

Mahfuz nisar

एक उम्मीद की सड़क थी, आज नदी उसे साथ ले गयी, पूरा गाँव तस्वीर उतारने में लगा था, और मैं चुप बैठ कर कटी सड़क के भाग को खोजने में लगा था, लेकि #InspireThroughWriting

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एक उम्मीद की सड़क थी,
आज नदी उसे साथ ले गयी,
पूरा गाँव तस्वीर उतारने में लगा था,
और मैं चुप बैठ कर कटी सड़क के भाग को खोजने में लगा था,
लेकिन सड़क का एक भी अंश नहीं दिखता था, 
कहीं ये सड़क यहाँ से कट कर जल संसाधन और पथ निर्माण मंत्री के ड्योढ़ी से तो नहीं जा लगी है,
मैंने फिर सोचा नहीं ऐसा कैसे होगा,
उनके पास तो चमकती चौड़ी और मजबूत डामर वाली सड़क होती ही है,फिर कटी-फटी सड़क की उनको क्या ही ज़रूरत है,
इन दिनों रात में जब लोग अपने ही गाँव में चारों ओर पानी घिरे टीलों से जब दूर कोई रौशनी देखते हैं तो उम्मीद बंधती है,शायद सरकार हो,
लेकिन नहीं ऐसा कहाँ,ऐसा कैसे हो भला,
बरसात में चुनाव तो होती नहीं,
वरना यहाँ अंधेरे से डरते बच्चे को भूखी माँ बारम- बार स्तनों में क्यूँ दाँत गड़ाने दे,
अब तो नदी ही जाने उसे क्या मिला हमारी कटी सड़क से,
हमारी तो उम्मीद थी,जो बह गयी है।
✍mahfuz nisar © एक उम्मीद की सड़क थी,
आज नदी उसे साथ ले गयी,
पूरा गाँव तस्वीर उतारने में लगा था,
और मैं चुप बैठ कर कटी सड़क के भाग को खोजने में लगा था,
लेकि

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

#my #Dear #panditayin मैं चाहता हूँ की जब प्रेम लिखा जाए तो.. तुम्हें सबसे ऊपर लिखा जाए वो जो कहीं बैठ विधान लिख रहा है, मेरे हिस्से में तुम #panditain

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My dear panditayin
मैं चाहता हूँ की जब प्रेम लिखा जाए तो..
तुम्हें सबसे ऊपर लिखा जाए
वो जो कहीं बैठ विधान लिख रहा है, मेरे हिस्से में तुम्हें लिख दे..
फिर जब विधि का विधान लिखा जाए तो उस हिस्से में सदैव तुम ही रहो.. 
मैं चाहता हूँ की जब मेरी मृत्यु का फ़रमान लिखा जाए तो
..गरुड़ पुराण की जगह तुम्हारे वो शब्द सुनाए जाएँ जो तुमने मुझे कहे हैं.. 
साथ ही तुम्हारे काँधे पर टिकाए हुए उन क्षणों को फिर से पिरोया जाए..
रुदन ना हो.. 
हँस के विदा किया जाए..
लोहबन ना जलाया जाए.. उन चिट्ठियों को जो तुमने मुझे लिखी थीं.. बस उन्हें मेरे साथ ही जला दिया जाए..मैं चाहता हूँ की जब भी मेरा ज़िक्र आए तो..
उससे पहले तुम्हारा ज़िक्र किया जाए
नाम तो नहीं दे सका किंतु, तुम्हें अनाम भी ना रहने दिया जाए..
सवाल ना हों कोई भी बस.. 
तुम्हें मेरे साथ ही जोड़ दिया जाए..लांछन ना लगाया जाए कुछ भी, तुम्हारा मस्तक ऊँचा रहे और तुम्हें मेरा व सदैव मुझे तुम्हारा होना ही लिखा जाए.. 
वक़्त की ड्योढ़ी पर तुम्हें अभिमान के साथ ही समझा जाए.. 
तुम मर्यादा हो.. तुम्हें सदैव मर्यादा ही लिखा जाए... 
तुम शुभ हो तुम प्रेम हो, अनंत प्रेम है तुमसे लड़की..

©Ankur Mishra #My #dear #panditayin
मैं चाहता हूँ की जब प्रेम लिखा जाए तो..
तुम्हें सबसे ऊपर लिखा जाए
वो जो कहीं बैठ विधान लिख रहा है, मेरे हिस्से में तुम

Mahfuz nisar

पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया हे कोमल पुष्प सकल तेजस्वी बालक तुम, ड्योढ़ी कभी गोकुल के जो नहीं लांघे तुम, तेरी ही धरती पर आर्यभट्ट,कबी #independenceday2020

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हे कोमल पुष्प सकल तेजस्वी बालक तुम,
ड्योढ़ी कभी गोकुल के जो नहीं लांघे तुम,
तेरी ही धरती पर आर्यभट्ट,कबीर,तुलसी थे,
चाणक्य,पृथ्वीराज के तल पर हो विराजे तुम,
जिस ज्ञानी-ध्यानी बुद्ध,नानक,महावीर से,
जिस राम-रहीम,पंडित-पीर से आशीर्वाद पाए तुम,
तुमको मिली है जो कौशल-निर्मल जन्मभूमि,
जहाँ बहती गंगा,यमुना और छूती तेरी शील को,
शिक्षा से तुम छा जाओ विश्व पटल पर तुम,
अब अपने राष्ट्र के गौरव को और बढ़ाओ,
ख़ुद भी विद्यालय की तरफ़ आओ,
दूसरों से भी शिक्षा हेतु हाथ मिलाओ,
अपने साथ करो संपूर्ण जग को,
शिक्षा की तुम दीप से दीप जलाओ,
ज्योत करो हर आंगन ऐसे,
मानो ज्ञान से चमक रहा हो भारतवर्ष जैसे, 
बना भारत की धरती को विवेकानंद के सपनों का,
बना तू भारत को शिक्षा के दर्शन सा,
जैसे पूर्व में थी नालंदा की ख़्याति,
तू पढ़ कि फ़िर भारत की चौङी हो छाती,
तुझसे ही जुड़े हैं अब भारत के पाँव,
बढ़ ले चल ध्वज़ और अपने राष्ट्र का नाव,
ऐसा देश बना जहाँ हो शिक्षा की कृति,
आ हमें देना है विश्व को ऐसी ही अनुभूति, 
आ हमें देना है विश्व को ऐसी ही अनुभूति, 
आ हमें देना है विश्व को ऐसी ही अनुभूति।

Mahfuz nisar © पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया

हे कोमल पुष्प सकल तेजस्वी बालक तुम,
ड्योढ़ी कभी गोकुल के जो नहीं लांघे तुम,
तेरी ही धरती पर आर्यभट्ट,कबी

Shree

सुनो ना प्रेम... मन तो समंदर है, और तू समंदर का अंतर है, क्या चाहता है तू? एक बार में क्यों नहीं कह डालते जो भी तुम्हारे अंदर मचल रहा है! ह #yqdidi #a_journey_of_thoughts #lovepoemsarebest #shreekibaat_AJOT

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               सुनो ना.. प्रेम! सुनो ना प्रेम...

मन तो समंदर है, और तू समंदर का अंतर है, क्या चाहता है तू? एक बार में क्यों नहीं कह डालते जो भी तुम्हारे अंदर मचल रहा है!
ह
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