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Shakti Singh Rajawat
में खुश हूं तेरे बगैर ये सच नहीं, जीना चाहता हूं तेरे बगैर ये सच नहीं , नहीं रह सकता हूं तेरे बगैर ये सच नहीं, लेकिन तुझे भुला सकता नहीं ये सच है ........ तू खुश है मेरे बगैर इसमें गलत कुछ नहीं मै खुश हूं तेरे बगैर इसमें सच कुछ नहीं तुझे चाहा था और चाहती रहूंगी ये सच है लेकिन सिर्फ तुझे ही चाहू
Muskan Singh
कहने की बात नहीं लेकिन फ़िर भी आज कहती हूँ, मैं तेरी खूबसूरती पे नहीं सनम तेरी सादगी पे मरती हूँ ! तुझसे मिलकर यूँ लगा जैसे ख़ुद से मुलाक़ात हो गई, तुझपे यक़ीन है फ़िर भी मैं हरपल तुझे खोने से डरती हूँ ! तेरे जितना कोई नहीं दिल के करीब तू रूह में समा गया, तुझसे मिल सकी इसके लिए ख़ुदा का शुक्रिया करती हूँ ! क़यामत आने तक मैं तुझे यूँ ही बेपनाह चाहती रहूंगी, यक़ीन करना मुझपे सनम मैं तुझे दिलोंजान से चाहती हूँ ! दुःख तुझे छू भी न सकी सनम मुस्कान' इतना चाहती है, मैं अपना हर जन्म तेरी मोहब्बत पे कुर्बान करती हूँ ! dimpal🥀 ©Muskan Singh कहने की बात नहीं लेकिन फ़िर भी आज कहती हूँ, मैं तेरी खूबसूरती पे नहीं सनम तेरी सादगी पे मरती हूँ ! तुझसे मिलकर यूँ लगा जैसे ख़ुद से मुलाक़ात ह
Ravindra Singh
मैं बदनाम तुम्हारे नाम से इस जहां में हो चुकी हूं.. ऐसा क्या है तुम्हारी आंखों में, हे कृष्णा कि जब भी देखती हूं इनमें खो सी जाती हूं। तुम भी तो खूब हो, न झपकाते अपनी पलकों को, एक पल के लिए, इस आदत से तुम्हारी मैं मोह सी जाती है। जिस तरह चाहती हूं मैं तुम्हें उम्रभर चाहती रहूं, न फेरना कभी मुंह मुझसे, हे मेरे सांवले, रखना ख्याल इतना, कि मैं तुम्हारे दिल को हमेशा भाहती रहूं। अब तो जिंदगी के सारे दुख, दर्द, सुकून और जो भी इससे जुड़ी चीज़ें है,वो अब तुमसे जुड़ी हैं। अब मैं बदनाम तुम्हारे नाम से इस जहां में हो चुकी हूं, सबको पता है,दिन तो दिन रातों की नीदें भी मेरी तुम्हारे लिए उड़ी हैं। इस कदर नशा तुम्हारे प्रेम का चढ़ गया है, हे मेरे ग्वाले खुली आंखों से भी आज कल मैं सोह सी जाती हूं। ऐसा क्या है तुम्हारी आंखों में, हे कृष्णा कि जब भी देखती हूं इनमें खो सी जाती हूं। ©Ravindra Singh मैं बदनाम तुम्हारे नाम से इस जहां में हो चुकी हूं.. ऐसा क्या है तुम्हारी आंखों में, हे कृष्णा कि जब भी देखती हूं इनमें खो सी जाती हूं। तु
Nitu Singh जज़्बातदिलके
तुम ख़ता करके भी खामोश रहो मैं बेगुनाही की भी माँग लूँ माफ़ी कुछ अजीब नहीं लगती तुम्हें यह ज़िद तुम्हारी... तुम शर्तों के घेरे में कैद कर दो मुझे मैं बेशर्त मगर मुहब्बत करूँ तुमसे कुछ अज़ीब नहीं लगती तुम्हें यह जरूरत तुम्हारी... तुम नज़रअंदाज़ कर दो मेरी हर ख़्वाहिश मैं पूरी करती रहूँ मगर हर जिद भी तुम्हारी कुछ अज़ीब नहीं लगती तुम्हें यह नीयत तुम्हारी... तुम कोशिश भी न करो मुझे मनाने की मैं रूठ के भी मगर मनाती रहूँ तुम्हें ही कुछ अजीब नहीं लगती तुम्हें यह हठ तुम्हारी... तुम बढते रहो नये रास्तों पे मैं ठहरी रहूं मोड़ पर उसी कुछ अजीब नहीं लगती तुम्हें यह चाल तुम्हारी... तुम नित बदलो रंग चेहरा अपना मैं चाहती रहूँ तुम्हें एक जैसा ही कुछ अजीब नहीं लगती तुम्हें यह उम्मीद तुम्हारी... तुम न पढ़ो न समझो सवाल मेरे मैं तुम्हारी ख़ामोशी में ढूँढती रहूँ जवाब मेरे कुछ अज़ीब नहीं लगती तुम्हें यह आदत तुम्हारी... ©Nitu Singh जज़्बातदिलके तुम ख़ता करके भी खामोश रहो मैं बेगुनाही की भी माँग लूँ माफ़ी कुछ अजीब नहीं लगती तुम्हें यह ज़िद तुम्हारी... तुम शर्तों के घेरे में कैद कर
Divya Kulkarni🐿️
19. To the most called person ever, I sometimes get pissed up by the calls you get when we are talking. But it's fine right. You are a doct
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat किसी रोज़ ऐसी बात थी वही दिन था वहीं रात थी तुम कहना बदलाव हैं मैने कहा बदलने की क्या बात थी अगर बदलाव नज़र आया तो वादे वहीं रहेंगे अगर बदलने को कहा तो इरादे वही रहेंगे बदलाव ख़ुद ने नही साथ सदा हम रहेंगे कहना बस इतना मै हूं जैसा वैसे ही रहेंगे प्यार जितना गहरा उम्र के साथ बढ़ता रहेगा उम्र कैद रूह को सुकून देता रहेगा तुम कहना चांद हैं मैं आले से अति चांदनी रात बनती रहूंगी तुम कहना आज तारे मैं तारों की चादर बुनती रहूंगी एक आस का सूरज जमीन पर उगेंगा मैं छाया बनती रहूंगी एक दिन की तड़प जब होगी मैं प्यार से थकान महसूस करुगी जो बदल गए हैं हम उसी बादलों में फिर उसको पा सकेंगे जो चले गए हैं हम उसी पटरी पर लौटी ट्रेनों में ढूंढ सकेंगे कई अनकहे लफ्ज़ छूकर तुम पढ़ना मै ज़वाब देती रहूंगी पर मेरे असीम गहरे निशान जज़्बातों में ऊष्मा भर तुमसे इज्ज़त और प्यार की खुशबू चाहती रहूंगी अनसुनी अनकही अनदेखी तस्वीरें जो आंखों में नमी बनी हैं तुम पूछो कभी मैं पलाश के फूलों में खिलती जाऊंगी अगर तुम चाहो जबरदस्ती नहीं बस खुदाई मेरी ज़िन्दगी की गवाही बनती जाऊंगी बस कहना तुम अगर स्वत हो तुम वाणी में हिचकी सी याद आऊंगी जन्म दिखाएं झांकी सजाई जिस दिन की तड़प उठी वही दिल से भुला नहीं पाऊंगी बस बदलाव नज़र जब आए मेरे लिए फिर बरदाश नहीं कर पाऊंगी नहीं कर पाऊंगी..... #reality #lifequotes #relationship #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat किसी रोज़ ऐसी बात थी वही दिन था वहीं रात थी
Divya Kulkarni
19. To the most called person ever, I sometimes get pissed up by the calls you get when we are talking. But it's fine right. You are a doct
Kavi Pushkar Tiwari nnt
मेरे हर तपन में बस तुही है,साज रहू या आबाद रहू,तू भग मत जाना जाने जाना,चाहे में बरबाद रहू बरबाद रहू