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#R.J..!#मुरखनादान@#
आज और भी प्यारे लग रहे हो तुम ©#R.J..!#मुरखनादान@# आज और भी प्यारे लग रहें हो आप
ANSARI ANSARI
White आपस में नफरत करना। कोई धर्म नहीं कहता प्यारे। मन्दिर तोड़ो, मस्जिद तोड़ो। चर्च तोड़ो, और गुरुद्वारा तोड़ो। राम,रहीम,ईशा और गुरूदेव। नहीं कहते प्यारे। तुम नफरत का चश्मा फेक । कर देखो सब लगेंगे अपने प्यारे। ©ANSARI ANSARI सब लगेंगे अपने प्यारे।
Chinka Upadhyay
तुम सूरज और मैं चांद की तरह, तुम मेरी सुबह मैं तुम्हारी शाम की तरह, तुम मेरा दिन हो, मैं तुम्हारी रात पिया, तुम बिन पल पल अब तड़पे जिया, मेरी किस्मत का कसूर मुझे समझ ही नहीं आता,, तुमसे लिपटकर रोने को जी है चाहता, खुदको कैसे संभालूं बता दो मुझे, दो पल का ही सही प्यार तुम भी जता दो मुझे। तुमसा कभी कोई न खास रहेगा तुम न मिले गर इस दिल को मेरे प्यारे सनम तुम बिन दिल ये हमेशा उदास रहेगा। ©Chinka Upadhyay मेरे प्यारे सनम ❤️ #matangiupadhyay #Nojoto #शायरी #Love
Arun Mahra
hanuman jayanti 2024 मन का ध्यान और शरीर का कर्म यदि किसी कार्य में पूरी तरह लगा दिया तो सफलता मिलने में कभी देर न होती है ©Arun Mahra भगवान सबको रक्षा करे मेरे प्यारे भोक्तों को
Rameshkumar Mehra Mehra
मां दुर्गा का पाँचवा सबरुप.... जय माँ स्कंदमाता जय माता दी.. है मां स्कंदमाता सब पर आपनी दया दृष्टि बनाए रखना... जय माता की.. ©Rameshkumar Mehra Mehra #navratri मां दुर्गा का पाँचवा सबरुप जय मां स्कंदमाता सब पर आपनी दृष्टि बनाए रखना....जय माता दा🙏🙏
Nik JAT
वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मुस्कान इतनी प्यारी, जैसे-फूलों की सुंदर सी फुलवारी, स्वभाव इतना शीतल, जैसे-कड़ी धूप में इकलौता हरा -भरा पीपल, वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, नादान से बच्चे की तरह करते थे बातें, कभी -कभी बातें ऐसी, जैसे - नासमझी से ज़िंदगी की कहानी सुना रहे हों, रूठना तो उन्हें,क्या खूब आता था, कहीं उनकी तबियत खराब ना हो जाएं, ये सोच कर जब पापा, घर से बाहर जाने को मना करते थे, फिर देखो उनका ड्रामा - कैसे गुस्से से मुंह फूला कर नाक सुकड़ते थे। रूठना तो उन्हें, क्या खूब आता था, जब वो कहीं जाते तो घर सुना कर जाते, हर शक्श की नज़रे उन्हीं को तलाश करती, याद उन्हीं को करके, बस उन्हीं की बात करती। वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं, उदासी का मंजर,काले बादलों को तरह छा रहा था। बुरे विचारो का सैलाब, तेजी से आ रहा था, और घर हर शक्श झूठा सा मुस्कुरा रहा था। जब पता चला,उनकी तबीयत खराब हैं वो समुद्र की तरह थे, गहरे और शांत, मेरी कविता के हर किस्से, उन्हीं की जिंदगी के हैं हिस्से। ©Nik JAT #प्यारे बाबा
Poet Kuldeep Singh Ruhela
आओ मेरे प्यारे प्यारे शब्दों के जादूगरो चलो मिलके आज नई इबारत लिखते है मंच पर आए हैं सहरानपुर के कवि कुलदीप चलो मिलकर उनका हम स्वागत करते हैं ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #diary आओ मेरे प्यारे प्यारे शब्दों के जादूगरो चलो मिलके आज नई इबारत लिखते है मंच पर आए हैं सहरानपुर के कवि कुलदीप चलो मिलकर उनका हम स्वागत