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Mamta kumari
प्रिये माँ और पापा सादर प्रणाम मैं आपके कृपा से ठीक हूँ आशा है कि आप सभी भी ठीक होंगें ।मैं यहाँ रात-दिन मेहनत करती हूँ कि आपके सपनें को साकार कर सकूं ।और आपके उमीद पर खड़ा हो सकू। और मैं क्या लिखूं बड़ो को प्रणाम छोटो को मधुर प्यार । आपके तनुजा ममता । ©Mamta Kumari पुत्री का पत्र पिता के नाम ।
Sunil Kumar Maurya Bekhud
इक परी सलोनी नन्ही सी आई थी मेरे आंगन में देकर खुशियों को बेशुमार रब ने डाला था दामन में नाज़ुक नाज़ुक से हाथ पैर मुस्कान लबों पर प्यारी सी मन मोह सभी का लेती थी इतनी प्यारी किलकारी थी मन हर्षित था आनंदित था लक्ष्मी आई थी मधुबन में हम उसको पाकर धन्य हुए प्रभु की रचना अलबेली थी चिड़ियों सा कलरव मधुर मधुर करती गोदी में खेली थी हे प्रभु उसको देना न कभी कोई भी मुसीबत जीवन में ©Sunil Kumar Maurya Bekhud # पुत्री के जन्मदिन पर कविता
Ganesh Singh Jadaun
Love कविता पुत्री है प्रेम इसका पिता है और वेदना इसकी जननी #Recipe_of_love कविता पुत्री है प्रेम इसका पिता है और वेदना इसकी जननी #प्रेम_पर_चिंतन #कविता #वेदना _____©® गणेश सिंह जादौन
Kulbhushan Arora
पिता पुत्री का प्रेम पवित्र प्रवाह है, पुत्री पिता का प्रेम, पवित्र परवाह है।। पिता पुत्री का प्रेम पवित्र प्रवाह है, पुत्री पिता का प्रेम, पवित्र परवाह है।। कुलभूषण दीप #yqdaughterslove
Nk Gupta Ji
पिता पर,,कविता,,किसी भी ख्वाब की तामीर पहली बार देखीं है,मेहरबां होती जिंदगी पहली बार देखीं है,,किसी मासूम बच्चे सा हो गया हु मै ,,जब पिता की तस्वीर पहली बार देखी। है,,,,, ©Nk Gupta Ji पिता पर,,कविता,,
Ayushi kumari
पिता जो दौड़ा करते कभी आज थम थम कर चलने लगे जो चट्टानों से खड़े कभी आज बेबस दिखने लगे हांथों में जिनकी पूरी लकीरें आज लकीरें बिगड़ने लगी जो आंखें सपने बुना करती कभी आज दूर देखने की करती कोशिश पर देख केवल नज़दीक़ ही पाती जो डटकर मुश्किलों का सामना करते कभी आज उनकी कमर झुकने सी लगी है निकल चले ज़िन्दगी की उस दौड़ में जहां मजबूरियां बनने लगी मुसीबतें सारी मुश्किलों को ख़ुद में समा कर अपनों के बीच केवल खुशियां देकर जीवन के इस चक्र को उन्होंने बनाया अपना साथी चाहत सिर्फ इतनी उनकी बाल बांका न कर पाए कोई खुशहाल रहे मेरा बगिया डाली डाली फले फूले पत्ते पत्ते खिल जाए सारे (स्वरचित) धन्यवाद! आयुषी मुंगेर,बिहार #river "पिता" कविता