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Mamta kumari

पुत्री का पत्र पिता के नाम ।

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प्रिये माँ और पापा 
                           सादर प्रणाम मैं आपके कृपा से ठीक हूँ आशा है कि आप सभी भी ठीक होंगें ।मैं यहाँ रात-दिन मेहनत करती हूँ कि आपके सपनें को साकार कर सकूं ।और आपके उमीद पर खड़ा हो सकू। और मैं क्या लिखूं बड़ो को प्रणाम छोटो को मधुर प्यार ।

                    आपके तनुजा 
                   ममता ।

©Mamta Kumari पुत्री का पत्र पिता के नाम ।

Sunil Kumar Maurya Bekhud

# पुत्री के जन्मदिन पर कविता

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kumarउमेश

पिता पुत्री का समुद्र से गहरा नाता

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Kavi Ram Bhagat Negi

कविता पिता

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Ganesh Singh Jadaun

#Recipe_of_love कविता पुत्री है प्रेम इसका पिता है और वेदना इसकी जननी #प्रेम_पर_चिंतन #कविता #वेदना _____©® गणेश सिंह जादौन

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Love  कविता पुत्री है
प्रेम इसका पिता है
और वेदना इसकी जननी #Recipe_of_love 
कविता पुत्री है
प्रेम इसका पिता है
और वेदना इसकी जननी
#प्रेम_पर_चिंतन 
#कविता 
#वेदना 
        _____©® गणेश सिंह जादौन

Kulbhushan Arora

पिता पुत्री का प्रेम पवित्र प्रवाह है, पुत्री पिता का प्रेम, पवित्र परवाह है।। कुलभूषण दीप #yqdaughterslove #yqquotes #yqlove #yqfatherslove #yqkulbhushandeep

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पिता पुत्री का प्रेम
               पवित्र प्रवाह है,
पुत्री पिता का प्रेम,
                पवित्र परवाह है।। पिता पुत्री का प्रेम
               पवित्र प्रवाह है,
पुत्री पिता का प्रेम,
                पवित्र परवाह है।।
कुलभूषण दीप
#yqdaughterslove

Srashti Gauri Agrawal

पिता स्वरचित कविता #Poetry

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Nk Gupta Ji

पिता पर,,कविता,,

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tripti agnihotri

पिता स्वरचित कविता

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Ayushi kumari

#river "पिता" कविता

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पिता

जो दौड़ा करते कभी
आज थम थम कर चलने लगे
जो चट्टानों से खड़े कभी
आज बेबस दिखने लगे

हांथों में जिनकी पूरी लकीरें
आज लकीरें बिगड़ने लगी
जो आंखें सपने बुना करती कभी
आज दूर देखने की करती कोशिश
पर देख केवल नज़दीक़ ही पाती

जो डटकर मुश्किलों का सामना करते कभी
आज उनकी कमर झुकने सी लगी है
निकल चले ज़िन्दगी की उस दौड़ में
जहां मजबूरियां बनने लगी मुसीबतें
सारी मुश्किलों को ख़ुद में समा कर
अपनों के बीच केवल खुशियां देकर

जीवन के इस चक्र को
उन्होंने बनाया अपना साथी
चाहत सिर्फ इतनी उनकी
बाल बांका न कर पाए कोई
खुशहाल रहे मेरा बगिया
डाली डाली फले फूले
पत्ते पत्ते खिल जाए सारे
                  (स्वरचित)

धन्यवाद!
आयुषी
मुंगेर,बिहार #river "पिता" कविता
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