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Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
अवधि- time अवधी - a language क्या आपको इन शब्दों के बीच का अंतर पहले मालूम था? #ShabdGyan
SG
ये अवधि (Period ) के दिन बहुत दर्द भरे होते है , चिडचिडापन, गुस्सा , असुविधाजन, इनके लक्षण है , अवधि के दिनो की प्रेम , देखभाल, (छोटे बच्चे की तरह ) , और दिल का खुश होना बेहद जरूरी है, जिसकी शादी से पहले जिम्मेदारी मां बाप शादी के बाद पति की बन जाती है, किशोरी का एक बच्चे की तरह इलाज़़ करना इन दिनो प्रेम सबसे बडी दवां है ©❤SG❤ अवधि
Adarsh Dwivedi
पोल खोली, कुछ न बोली, डोलि जाई, का करी, ओनकी जफड़ी मा कसत इज्जत बचाई, का करी? बूँद भै जानै न हमरी जात कै औकात जे, वहि समुंदर की लहर कै गीत गाई, का करी? फूस की मड़ई मा बनि बारूद हम पैदा भए, आग देखी तौ भभकि के बरि न जाई, का करी? छाँव की खातिर पसीना खून से सींचा किहे, झोंझ से माटा झरैं तौ मुँह नोचाई, का करी? पूत जौ पूछै बमकि के बाप से तू का किह्या, ऊ बेचारा हाथ मलि के रहि न जाई, का करी आद्या प्रसाद 'उन्मत्त' (अवधि) ©Adarsh Dwivedi अवधी ग़ज़ल
Deepanshi Srivastava
सब दुःख आपन काटै कटिहैं , अइहै न कोय उलट हंस लीहें... औ कलयुग मा का चहत हौ भैया, हियां तो अपनेह अपनेक डसिहें... आवा काल बड़ा विषधारी , देखौ कऊन रही कऊन जारी... तुम गैरं ते का डरत हौ भैया , प्रथम तो अपनेह डुबइहैं नईया... औे जौ तुम हियां सत्य पथ चलीहौ, सब जन के तुम दुश्मन बनिहौ... तुम तजौ मूल्य सब भए पुराने , चलौ चाल जऊन सब मन भावे... ©Deepanshi Srivastava अवधी ❤️ #Flower
Madhuri Upadhyay
शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय रिंजलाय. कुमारी अंशु पंवार कक्षा 7 वी लॉकडाउन अवधि में -मेरा हुनर मैंने सीखा लॉकडाउन अवधि
Peeyush Bajpai
वह हमका टुकटुक देखाये लागि अपनी अंखियन का मयांचे लागि मनु भा कि वाहिते बात करी ज्यों हम वहिके पास गयेन त्यों देखेंन वाहिका भाई बली जब लागे लाग कि अब मारि परी हम स्योचा अब घर का भागि चली.. हम पूछेंन कस हो का भाव दिहो वह कहिस पचास कै एकु किलो हम कहा सब्ज़िन मा आगि लगय बिन सब्ज़ी कउनो हर्ज़ नाहिंन घरि मा तो चाउर होइएबे करी हम स्योचा अब घर का भागि चली.. एक दिन निकरेन सहर तरफ हम सोचे पैदलु चलेक परी हम गाड़ी वाले क हाथ दिहेन रहा भला रोकिस लमरेयाटा बैठिते हमरे भरिस फर्राटा फिर रोकिस बाद कुछु दूर चलेक हम पूछा का भा का तेलु खतम उतरते हमरे धरिस तमाचा कहिस उतार सब चैन घड़ी लूटि गयेन भैया भरी दुपहरी हम स्योचा अब घर का भागि चली.. -✍️पीयूष रंजन बाजपेयी 'नमो' #हास्य #अवधी #prb