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Diya
White बसंती बयार🍂🍂🍂🍂 बसंती बयार से प्रीतम के प्यार से, सारी राहे, महकने लगी जब चली बसंती बयार से। अमवा की डालिया सज गई कोयल की कूंक से गाने लगी, जब मिली वह प्रीतम के प्यार से, हृदय के फूल खिलने लगे, गेहूं की बालियां से जब खेत महकने लगे प्रकृति की हरियाली से, सारी राहे सज गई टेसू के फूलों से, कवि के भी स्वर नाँच उठे बसंती बयार से, जब हृदय में आगमन हुआ प्रीतम के प्यार से, थोड़ी सी तपीस थोड़ा सा कुहासा,मन को भाने लगा बसंती बयारर से, हर फूल मुस्कुराने लगा प्रीतम के प्यार से,प्रीतम के प्यार से........ बसंती बयार चलने लगी प्रीतम के द्वार से....🍂🍂🍂🍂🍂🍂 ✍🏼 deeptigarg ❤ ©Diya बसंती बयार🍂🍂🍂🍂 बसंती बयार से प्रीतम के प्यार से, सारी राहे, महकने लगी जब चली बसंती बयार से। अमवा की डालिया सज गई कोयल की कूंक से गाने लगी,
बसंती बयार🍂🍂🍂🍂 बसंती बयार से प्रीतम के प्यार से, सारी राहे, महकने लगी जब चली बसंती बयार से। अमवा की डालिया सज गई कोयल की कूंक से गाने लगी,
read moreParasram Arora
White पतझड़ भयभीत है कि बसंत के पहुंचने से पहले ही उसे दुम दबा कर भागना ही पढ़ेगा सुख और ख़ुशी क़ी शीतल हवाएं चलते ही उजड़े हुए दुख के तपोवन जान जाते है कि अब उन्हें अपना वजूद और अस्तित्व खोना पढ़ेगा ©Parasram Arora पतझड़ और बसंत
पतझड़ और बसंत
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी चुभ रही हवा चुभन बनकर तन मन कोई सहला रहा हो गुलाबी हुये गाल कोई थप थपा रहा हो मस्ती में माला माल हुये हम अंग अंग अंगड़ाई ले रहा है चुनर धानी उड़ी उड़ी जाये बसन्त अपना जलवा दिखा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Freedom बसन्त अपना जलवा दिखा रहा है
#Freedom बसन्त अपना जलवा दिखा रहा है
read moreSakshi Pateriya
White उमंग है दिल में और आंखों में है प्यार, कई खुशियां लेकर आया बसंत पंचमी का यह त्यौहार ©Sakshi Pateriya बसंत पंचमी Hinduism
बसंत पंचमी Hinduism
read moreHarpinder Kaur
White पीले रंग का घाघरा पहने , प्रकृति आज मुस्काई है देखो आज बसंत आई है माॅं शारदे ने छेड़ा है आज फिर कोई स्वर फिर वीणा की तारें गुनगुनाई हैं देखो आज बसंत आई है डाल पर बैठी कोयल गुनगुना रही राग बसंत उसके मीठे-मीठे स्वरों ने ताल बजाई है देखो बसंत आई हैं ©Harpinder Kaur बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं 💐
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं 💐
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White यह मत पूछ एहसास की शिद्दत क्या थी, धूप ऐसी थी कि साये को भी जलते देखा। ©हिमांशु Kulshreshtha बस यूँ ही..
बस यूँ ही..
read moreParasram Arora
White मेरे नाम को याद रख कर क्या करोगे अच्छा तो यही होगाकि मुझे तुमअपने दिल मे बसा कर देख को हा...अगर दिल तुम्हारा कमज़ोर है . तो तुम मुझे अपनी निगाहो मे बसा कर देख लो ©Parasram Arora दिल मे बसा कर देख लो
दिल मे बसा कर देख लो
read moreBharadwaj Dilip
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जिंदगी हमारी गफलत में बदल गई। एक ही पल में हमारी मोहब्बत नफरत बदल गई। ब्रेक अप हुआ हमारा मोहब्बत की बस में। और बदकिस्मती तो देखो हमारी मोहतरमा बिना बस का किराया दिए ही निकल गई ©Bharadwaj Dilip #बस का किराया
#बस का किराया
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White जब पहली बार जो देखा तुम को धड़कनों में अजब हलचल सी महसूस की मैंने तेरी आँखों में जो देखी एक हसीन दुनियाँ मैंने अपनी दुनियाँ को भुला दिया मैंने ©हिमांशु Kulshreshtha बस यूँ ही.
बस यूँ ही.
read moreShashi Bhushan Mishra
बस इतने में हांफ रहे हो, डर से थर-थर कांप रहे हो, मारे जाओगे एक दिन सब, आस्तीन के सांप रहे हो, रंग बदलने में तुम माहिर, गिरगिट के भी बाप रहे हो, सिर्फ़ सियासत धर्म-कर्म है, फूंक दिया घर ताप रहे हो, पोल खुली तो बिल में दुबके, तुम कब रस्ता नाप रहे हो, पढ़े-लिखे भी बैल बुद्धि ही, लगते झोलाछाप रहे हो, भूंक रहे अपनी गलियों से, कभी तो लल्लन टाप रहे हो, 'गुंजन' घड़ा फूटना तय था, अबतक भरते पाप रहे हो, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बस इतने में#
#बस इतने में#
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