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    LatestPopularVideo

Alok Vishwakarma "आर्ष"

शब्दों में झंकृत अन आहत,
भावों से रिसता प्रयाण है ।
मनु काव्या कविता सुन कर,
अस रोम रोम पुलकित पुराण है ।। #alokstates #प्रयाण #पुराण #कविता #बसस्टॉपकहानी #essentiallydeep #बोनसाईकोट #yqbabaquotes

anil.gangwar.1994000

गीत के गीत

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Kartik Pratap

आखिरी गीत #गीत

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जब रात ढले लिखना हो कोई गीत
तब मत लिखना अपने दिलदार को
लिख देना कोई नज़्म
जिसमे इंसान, इंसान ही नज़र आए
लिख देना अपनी सारी पर्तें खंगाल कर
कुछ अटरम-सटरम
बिखेर देना खुद को उस गीत में इस तरह
कि बस जैसे लिखा जा रहा हो
दुनिया का आखिरी गीत #NojotoQuote आखिरी गीत
#गीत

Krishan Sharma

#गीत गीत लिखें... #कविता

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Kalpana Mishra

नकटा गीत अवधी गीत #शायरी

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Preeti Karn

#आगमन #प्रयाण #yqdidiquotes #yqtales lots of love to💟 Priyanka Muthreja & dear 💟 Adarsh

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  खलिश है  हवाओं की
या जादू है ..  पत्तों  की सरसराहट 
             या
पांव के  नीचे  दबते सूखे  पत्तों की आहट
खामोश  दरख्तों  में  
चिड़ियों  की  चहचहाहट 
गुलों के बिखरे  रंग की सरगर्मियां
और सुर्खियों  में  बिखरी मुस्कुराहट 
ओस से  तर  फिर वो  सुबह
क्षितिज  के कोने  में नारंगी  हलचल
उष्मा  के  अहसास  की  सुगबुगाहट 
बिखर गईं किरणें 
पसरा उजास
टूटता दंभ तिमिर के वर्चस्व  का
 किनारे  छोड़कर 
आंचल समेटती  निशा का प्रयाण.... 

         प्रीति 
 #आगमन 
#प्रयाण 
#yqdidiquotes 
#yqtales 
lots of  love to💟 Priyanka Muthreja &  dear 💟 Adarsh

अभिषेक कुमार मिश्रा

गीत लिखूं या गीत लिखूं #Shayari

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Kandari.Ak

Gurudeen Verma

White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
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क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीत

Gurudeen Verma

शीर्षक - हम वह मिले तो हाथ मिलाया
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हम वह मिले तो हाथ मिलाया
 बढ़ने को आगे हाथ हिलाया।।
बात हुई पलभर के लिए।
हाय ! यह भी कोई मिलना हुआ।।
हम वह मिले तो-------------------।।

इस इंसान को क्या हो गया है।
रोग इसे ऐसा क्या हो गया है।।
दौड़ रहा है सुख पाने को।
दौलत का भूत यह हो गया है।।
रुकता नहीं करने को विश्राम।
हाय ! यह भी कोई जीना हुआ।।
हम वह मिले तो-----------------।।

बेच दिया इसने ईमान अपना।
मार दिया इसने इंसान अपना।।
छोड़ दिया है करना शर्म भी।
भूल गया यह भगवान अपना।।
लूट रहा है मुफ़लिसों को।
हाय ! यह भी कोई इंसान हुआ।।
हम वह मिले तो-----------------।।

हमसे मिलन भूल गया वह कल का।
हमसे वादा भूल गया वह कल का।।
झूठा है उसका प्यार और रिश्ता।
हमसे प्यार भूल गया वह कल का।।
उसके लिए अजनबी है अब हम।
हाय ! यह भी कोई साथी हुआ।।
हम वह मिले तो------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #गीत
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