Find the Latest Status about शैतानी मतलब from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, शैतानी मतलब.
Akshay Akki
माना की हम तो बुराई से भी बुरे है .. पर कुछ लोग तो अच्छो को भी अच्छा नही कहाते. बन जाये अगर बात तो सब कहते है. वाह-wah और बात बिगड़ जाये तो क्या-क्या नही कहते.. शैतानी दिमाग..
akshat tripathi
बचपन की शैतानियाँ बचपन की शैतानियाँ और दादी माँ की कहानियां, जिनका स्थान ले चुकीं हैं अब परिवार की जिम्मेदारियाँ, चाहे कितनी भी छा गयी हो हम पर जवानीयाँ, जो हमारे बच्चों को सुनाने के लिए होंगी सबसे दिलचस्प कहानियां.. l #बचपन शैतानी
Aarv;
बचपन और शैतानी बचपन तो हमारा था, पर शैतानी तो बड़े लोग करते थे आज भी साइकिल के आगे का वो डंडा याद है... प्यार के दर्द से कहीं ज्यादा मीठा दर्द उस साइकिल के डंडे का था 😂 #बचपन शैतानी
प्रेरक नीर जैन
बचपन और शैतानी बचपन की मस्ती । शैतानी के पिटारे है । । बचपन के पन्ने हैं । किस्से ढेर सारे है ।। जब जब पलटते किताबो के पन्ने । खुशियों की बौछार करते नज़ारे है ।। #बचपन #शैतानी
Writer Surya
बचपन और शैतानी बचपन और शैतानी मे इतना सम्बंध है जितना कृष्ण और नटखट कृष्णा मे है जैसे बिना शैतानी के बचपन अधूरा है वैसे ही बिना बचपने की शैतानी अधुरी है। दोनो एक दुसरे के अच्छे प्रेमी हैं, अच्छे सखा हैं, एक दुसरे के चिंतक भी हैं। पर दोनो एक दुसरे के बिन अधुरे भी हैं। -Writer Surya बचपन और शैतानी
J P Lodhi.
बचपन और शैतानी बचपन और सैतानी की भी है अजब कहानी। नन्हे मुन्ने थे जब करते थे,गजब की शैतानी। हम मित्रों के साथ खेल खेल में,करते थे नादानी। बालपन में गलती करना, कितना था आसान। बचपन ही था वह जिसमें था,खुशियां का खजाना। गलती करके मान भी लेते,जैसे किया अहसान। बालपन और शैतानी की भी, अलग ही थी बात। बचपन में थे हम कितने नादान, करते थे नादानी। गया बचपन, गए वो दिन जब करते थे शैतानी। बचपन के बारे में सोच, होती है बहुत हैरानी। अब न आएगा लौट के बचपन,रह गई सिर्फ यादें। सिर्फ सुनाते रहेंगे,बचपन के किस्से और कहानी। बचपन और शैतानी
shailja ydv
बचपन और शैतानी वो कबड्डी ,खो-खो, कित-कित वाले दिन छुपन -छुपाई ,लखानी के खेलों वाले दिन, कहाँ गए सब मेरे बचपन के वो अनमोल मोतियों वाले दिन। शैतानियों से भरे सारे कारनामों वाला दिन, नानी के नाक में उंगली डाल जगाने वाले दिन, नाना के चप्पलों को छुपाने वाले दिन कहाँ गए मेरे बचपन के वो सुनहरे वाले दिन। मामा के संग मस्ती वाले दिन, भाइयों के संग मछली पकड़ने वाले दिन तालाबों,नदियों के तैराकी वाले दिन, फिर सबके कपड़ों को ठिकाने वाले दिन, कहाँ गए मेरे बचपन के वो रूहाने वाले दिन। बचपन और शैतानी
shubham sharma
बचपन और शैतानी वो बचपन और शैतानी ,मुझे याद है मेरी कहानी। मम्मी का दौड़ाना और पापा की गोद पुरानी।। वो बचपन और शैतानी...... चुपके से छिप जाना और दादी का लाड्ड लड़ाना मेरा वो हकलाना और दादू की वही कहानी।। वो बचपन और शै....... तब बचपन था और अब है वो सिर्फ एक कहानी अब वो लौट के ना आनि बात पुरानी।।।।। वो बचपन और शैतानी..... #बचपन और शैतानी#
Anit kumar kavi
बचपन और शैतानी बचपन की शैतानी छुटी बचपन का खेल सब छुट गया जब से हम हुए हैं नौजवान मेरा बचपन मुझसे रूठ गया अजी अब भी किसी कोने में बैठा एक नन्हा बालक रोता है नदियों की धारा देखकर कागज़ की नाव डुबोता है । बचपन और शैतानी
रमेश प्रेमी
बचपन और शैतानी बचपन के दिन जब भी याद आते हैं, कभी हँसते हैं तो कभी मुस्कुराते हैं ! चलो nojoto के दोस्तों आप सभी को, बचपन का एक वाकया सुनाते हैं........ एक बार माँ जी के साथ अस्पताल गए थे ! अस्पताल में चारो ओर नज़र डाल रहे थे !! अचानक नज़र हमारी टेप पर पड़ी ! नज़र उस पर रह गई, गड़ी की गड़ी!! सबकी नज़र बचाकर टेप वहाँ से उठाया ! जेब में रखा और घर पहुँचाया !! घर में भी जब किसीको इधर उधर न देखा ! पूरा टेप निकला डिब्बे से कूड़ेदान में फेंका !! हमने उसको फिर पहिया एक बनाया ! रोड और गलियों में,जमकर खूब चलाया !! अगले दिन डाक्टर साहब घर हमारे आए ! देखा जब पहिए को खूब हमें चिल्लाये !! अब भी डाक्टर साहब की जब अस्पताल हम जाते हैं,! हमारे बचपन की शैतानी, लोगों को वे सुनाते हैं !! मेरे बचपन की शैतानी.......