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jeet musical world
है जोग लिया तेरा और तेरे जोगी हैं, दुनियां से कटे हुए तेरे इश्क के रोगी हैं ! कभी तुम से मुनकर ना, अजमा लो लाखों बार, हमें रब से बढ़कर है , दीदार तेरा दीदार !! ,✍️ जतिंदर जीत ©jeet musical world #Hum ,✍️ जतिंदर जीत
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
रीता मन रीता कहाँ होता है वो जो चला गया... क्या सचमुच चला गया होता है...? 🌹 रीता---खाली #yqhindi #bestyqhindiquotes #yqdidi #मन #तुम्हारे_ख़्याल_और_मैं #mनिर्झरा Pic Google
Sheela Gahlawat seerat
नज्म शीर्षक:- तुम बिन रीता चुपके- चुपके से तुम आती हो, फिर भी तुम बिन रीता सपनों को मनकों में पिरो जाती, फिर भी तुम बिन रीता नजरों में तुम बसती हो, ये मेरा विश्वास है या है भम्र तुम संग हर लम्हा पाती, फिर भी तुम बिन रीता फिर लौट चलों उन हंसीन वादियों में जहाँ जीया हर सपना मोहब्बत की बुनती बुनकर लाती, फिर भी तुम बिन रीता हर लम्हे में महकी बगियाँ, फूलों की क्यारियाँ हैं सजी तुम हो तो ये बेला मखमली है, फिर भी तुम बिन रीता ख्यालों को ख्वाबों में, तुमको ही ढूढती हूँ हर इक सपना मदहोशी के आलम में आती, फिर भी तुम बिन रीता पत्तों की खडक में भी लगता है, तुम ही तो....... यादों की चादर तान सोती, फिर भी तुम बिन रीता सीरत ©Sheela Gahlawat seerat नज्म शीर्षक:- तुम बिन रीता चुपके- चुपके से तुम आती हो, फिर भी तुम बिन रीता सपनों को मनकों में पिरो जाती, फिर भी तुम बिन रीता
Ravi Sharma
जो भावों से भरा हुआ है , भाव वही कह पाएगा जो रीता ,ख़ाली होगा , क्या मन की कह पाएगा।। ©Ravi Sharma #lovequote जो भावों से भरा हुआ है , भाव वही कह पाएगा जो रीता ,ख़ाली होगा , क्या मन की कह पाएगा।।
Shivam sharma
माँ का आँचल नैनो मे रख के निशा को जिसने लोरियाँ गाकर हमको सुलाया खुद भूखी रह के हमको खिलाया फिर क्यु उम्र के दहलीज पे माँ का आंचल सूना है जब दुनिया ने सितम ढाया तब सीने से अपने लगाया अपने हिस्से का सब कुछ दिलाया फिर क्यु उम्र की दहलीज पे माँ का आंचल सूना है #makaanchal उम्र के पड़ाव पे वृद्धाश्रम मे क्यू छोड़ जाते है जिस आंचल मे बचपन बीता, अब वो आंचल क्यु है रीता
R.b. Sharma
#दर्द दर्द खाता हूं,दर्द पीता हूँ। दर्द के साथ रोज़ जीता हूँ।। दर्द को ओढ़ के सो जाता हूँ दर्द के बिन मैं कितना रीता हूँ ।। आर बी शर्मा पागल
P.k. Sharma
बस्ती बस्ती घोर उदासी,पर्वत पर्वत खालीपन। मन हीरा बेमोल लुट गया,घिस घिस रीता तनचंदन। इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीजे गजब की है, एक तो तेरा भोलापन है,एक मेरा दीवानापन । बस्ती बस्ती घोर उदासी,पर्वत पर्वत खालीपन। मन हीरा बेमोल लुट गया,घिस घिस रीता तनचंदन। इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीजे गजब की है, एक तो तेरा