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anu gill
जिंदगी इतनी फालतू कोनी बावले जो तेरे प मिटा दा , अपना ध्यान राखिए, तु हमने के मिटाव गा कद्दे तने रास्ते त हम हटा दा ..........! ©anu gill तेरी सोच त बाहर स यार.! #droplets
Ankit
जुण सा कदे सोच्या ना था काम इसा करागी या महोब्बत किसे की बेटी तो किसे का बेटा खागी या महोब्बत 😢 महोब्बत !! इसा ना करियो र ओर इस महोब्बत क चक्कर स बचीयो र !!
miss-Pritiyele
उन जनी पहचानी रहो पर जाने का मौका अभी कहा मिलता है अभी तो बस पैसे कमनेका जज्बा चड़ा है मां के हतो से बना खाने का वक्त कहा मिलता है झुटी शान में ही हमें ज़िन्दगी का फसाना मिलता है वक्त की कीमत करना तो शिक लिया मैंने पर मेरे अपनों को ही तो भूल गया ज़िन्दगी में शायद मै अभी जीतेजी ही मर गया #zuti शन
सत्यम...S❤️S
मेरी प्यारी किस्मत यूँ तो सालभर कुछ खास नही रही किस्मत हमारी.. इस जाते हुए दिसम्बर ने एक मुकम्मल मोहब्बत भी छीन ली S❤️S लक
Neeraj Vats
उँ तो बहोत बड़ी स जिस प हाम रहव स पर माँ आगे छोटी पड़ ज्या स या धरती र एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती र एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती तन्ने जन्म त ए नहीं जन्म त पहल्या भी माँ दुखी करी स एक पल का सुख ना मिल्या जी न्ह सदा सन्तति सुखी करी स अबला बोले यो सँसार जी न्ह वो औलाद त अलग ना किसे त डरती र एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती थम के सोचो सो उन्ह थारे ज्यूँ दिन गाल दिए इस ठूठ के पेड़ से टेम म्ह थम न्यू ए पाल दिए खुद त ज्यादा औलाद मन्ने वा मर ज्या न्यू ए करती करती र एक माँ तो मर ज्या स......... जन्म त पहल्या उस न्हू तेरा फ्यूचर प्लान सोच लिया था डॉ मास्टर इंजीनियर कुछ भी बण उसे न्ह त इंसान सोच लिया था मेरी उम्र लाग ज्या मेरे वंशज क न्यू सोच सोच नीरज के सर प हाथ वा धरती एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती ©Neeraj Vats #MOTHER'SDAYSPECIAL उँ तो बहोत बड़ी स जिस प हाम रहव स पर माँ आगे छोटी पड़ ज्या स या धरती र एक माँ तो मर ज्या स पर उसकी ममता कोन्या मरती र एक
शुभ'म
मुसाफिर "मुसाफिर" हूँ मै,बडा दूर जाना हैं नजदीक से देखता हूँ अगर, सब लगता बेगाना है भीड है शिद्दत सी,पागल सा नजराना है खोज रहा हूँ उसे मै,जिसे मुझे पाना है पागल सा नजराना है,पागल सा नजराना है "मुसाफिर" हूँ मै,बडा दूर जाना है आया हूँ दूर से,जाना भी दूर वो किस गली मे है,जिसे मै खोजे हुआ मजबूर दुनिया देवे गाली,उसे सुना भरपूर आगे देंखू-पीछे देंखू ,देंखू उपर नीचे वह बैठी किस डाल,जो मेरा हाथ पकड कर खीचें खोज लूं उसे मै जल्दी से,नही तो मुझे यहीं भटकर रह जाना है "मुसाफिर" हूँ मै, बडा दूर जाना है........ लक