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Sunil Kumar Sharma
White रोशनी मिल ही जायेगी। धैर्य रखने के बाद, जिंदगी सुधर भी जायेगी। ©Sunil Kumar Sharma #Emotional_Shayari #NojotoHindistory #रोशनी........
#Emotional_Shayari Hindistory #रोशनी........ #Love #nojotohindistory
read moreArora PR
White मै चाहता हु मेरे इस नए गीत के लिए नए छंद . असमान से ऊतरे लेकिन मेरा गीत मेरी इस बात से राज़ी नही.... क्योंकि उसे धरती के साथ. चिपके रहना ज्यादा पसंद हैँ ©Arora PR नया गीत
नया गीत #कविता
read moreSantosh 'Raman' Pathak
White लोग कहेंगे क्या सोचेंगे पड़े रहे इस फेरे में रोशनी रोशनी खेल रहे थे डूबे रहे अँधेरे में खून के रिश्ते मधुर तिक्त से आगे विष में माते हैं सब संयुक्त विभक्त हुए एकल परिवार बनाते हैं बचपन और बुढापा दोनों पलने लगे अकेले में.... रोशनी रोशनी खेल रहे थे...... भौतिकता हावी है यूँ चहुँ ओर चमाचम ऊपर है अंध अनुकरण मगन है फिर भी नींद शान्ति की दूभर है भरी घुटन सब भीतर है....… चोर सिपाही बने हुए सब अपने अपने घेरे में.... रोशनी रोशनी खेल रहे थे...... जिस दिन अपनी जड़ को हमने दकियानूसी माना था उसने था बहकाया हमको जिसका नहीं ठिकाना था सेवा धर्म बहाना था.... गेंहुवन से फुँफकार छीन ले... दम ही नहीं सँपेरे में रोशनी रोशनी खेल रहे थे..... उलझन सुलझाने वाले ही उलझे तेरे मे ©Santosh 'Raman' Pathak #रोशनी #अँधेरे
Ramnik
Black तू शमा है हमारी चिरागे जिंदगी का। अपने लिए ना सही, हमारे लिए खुद का ख्याल रखना। ©Ramnik #रोशनी
Gurudeen Verma
White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गीत
Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
White "रोशनी" अंधकार तो बहुत है,इस जिंदगी में फिर भी रोशनी ढूंढ रहे,इस जिंदगी में अगर भीतर दीप जी रहा हो,बेबसी में बाह्य रोशनी का क्या फायदा जिंदगी में यदि भीतर चराग जिंदा खुद की खुदी में फिर जुगनू रोशनी बहुत गम की घड़ी में जिसने भीतर जोत जलाई,घनी निशी में वो बना फिर ध्रुव तारा,फ़लक जमीं पे जो आखिर तक लड़ा,अमावस निशी से उसने फैलाई रोशनी,पूनम चंद्र चांदनी से आओ लड़े,अपनी अंधेरे जैसी कमी से फिर कैसे न होंगे,रोशन,अपनी खुदी से जो लड़ा मृत्यु जैसे विचार खुदखुशी से उसने ढूंढी खुशी सी रोशनी,आत्म वर्तनी से दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #कविता रोशनी
कविता रोशनी
read morePФФJД ЦDΞSHI
गीत...... बजने लगी शहनाईयाँ, चुभने लगी तम्हाईयाँ चाहे तुम्हे गहराईयाँ होने लगी रुसवाईयाँ चारो तरफ है परछाईयाँ,मौत भी लेती अगड़ाईयाँ, जीना भी चाहूं ज़ी ना सकूँ दिल मे बसी है वीरानियाँ...... ©PФФJД ЦDΞSHI #गीत #pujaudeshi