Nojoto: Largest Storytelling Platform

New अंधेरे में कविता का कथ्य Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about अंधेरे में कविता का कथ्य from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अंधेरे में कविता का कथ्य.

    LatestPopularVideo

Uttam Bajpai

ट्रेन में अंधेरे का फायदा उठाया। #कॉमेडी

read more

rekha jain

#सही कथ्य

read more
सही कथ्य

निंदा उसी की होती है जो जिंदा रहता है वरना मरने के बाद तो सिर्फ तारीफ होती है।

डॉ रेखा जैन शिकोहाबाद

©rekha jain #सही कथ्य

mamta jaiswal

ipshita singh

अंधेरे का खौफ.....

read more

fahmi Ali

अंधेरे का शिकवा

read more
लोगों के अंधेरे के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण के कारण  अंधेरे की भावनाओं को व्यक्त करने की कोशिश की है ,,, जो ख़ुद अंधरे की ज़बानी है ,,,, तो अंधेरा कहता है.....


मैं अंधेरा ही सही मेरी बुराई न करो 
अपने अशआर से यूं मुझपे चढ़ाई न करो

अहमियत मैंने उजालों की बताई तुमको
मै अंधरा था मगर राह दिखाई तुमको

तुम भला कितनी उजालों की सफ़ाई दो गे
मुझमें आओ गे,तभी सबको दिखाई दो गे

तेरे हर ऐब को मैं ख़ुद में छिपा लेता हूं
तेरी हल्की सी ज़ेया सबको दिखा देता हूं

सामने तुम कभी सूरज के न टिक पाओ गे
तुम उजालों की चकाचौंध में खो जाओ गे

सुर्ख़ सूरज के मोक़ाबिल ये दिया कुछ भी नहीं
साग़र-र-नूर में थोड़ी सी ज़ेया कुछ भी नहीं

इस क़दर दिन के थकते हैं उजाले तुमको
याद फ़िर रात में आती है हमारी*तुमको

गुल दिया कर के हवाले मेरे हो जाते हो
मेरी आग़ोश में आते हो तो सो जाते हो

ग़म जो दुनिया के हैं वो सारे भुला देता हूं
 मैं ज़रा देर सही तुमको सोला देता हूं

मैं अंधेरा ही सही मेरी बुराई न करो... अंधेरे का शिकवा

Vikas Sharma Shivaaya'

अंधेरे में प्रकाश #विचार

read more
✒️📇जीवन की पाठशाला 📖🖋️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अपने दिल की गहराई में झांको और विश्वास करो कि आपने बस कुछ ख़ास कुछ विशेष कार्य करने हेतु जन्म लिया है...और इसके लिए एक छोटा सा सकारात्मक विचार आपके पूरे दिन को बदल सकता है...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की नकारात्मकता में सकारात्मकता खोजो -अंधेरे में प्रकाश बनो-तूफान में शांत रहो और युद्ध के समय शांति से रहो ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हम जिन चीजों को पीछे छोड़ते हैं, आगे उनसे भी कहीं बेहतर चीजें हमारा इंतजार कर रहीं होती हैं, अगर मन में ठान लिया तो समझो, आधी जीत हो गई...,

आखिर में एक ही बात समझ आई की हो सकता है की एक सकारात्मक दृष्टिकोण आपकी सभी समस्याओं को हल नहीं कर पाए , लेकिन यह लोगों को निरंतर प्रयास के लायक बनने के लिए प्रोत्साहित करेगा...!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...!
🌹सुप्रभात🙏 
"🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱
जयपुर-राजस्थान

©Vikas Sharma Shivaaya' अंधेरे में प्रकाश

RJ Bihari

अंधेरे में #AugustCreator

read more

Meenakshi Sharma

अंधेरे में रोशनी #शायरी

read more
शायरी
अंधेरे में कम रोशनी


सूरज को प्रकाश की जरूरत नहीं होती,
क्यों कि रोशनी खुद उसके पास आती हैं,
उसी प्रकार रात के अंधेरे में,
 उजाले की जरूरत नहीं होती,
क्यूं कि चांदनी खुद‌ रोशनी,
रोशनी ले कर आती हैं।



Meenakshi Sharma अंधेरे में रोशनी

Gyan Prakash Yadav

अंधेरे में जुगनू #Shayari

read more
दुनिया को देखता हूं मैं
किसी की नजरों से
अपनी नजरें तो यहीं धंसी पड़ी है
जागी थी दुनिया अंगड़ाई लेते हुए
सी रही थी एक फटी कमीज को
एक पजामा का नाड़ा कस रही थी
पर अब थक गई है,काफी थक गई है
देखो तो करवट नही बदल रही 
लगता है सो गई है 
या प्यार से थपक थपक कर 
सुलाया है किसी ने
अभी नहीं उठेगी, आवाज़ दे रहे हो क्या
चीख रहे हो क्या
पर क्यूं
मुरौवत करो और जाने दो
झपकी नही है की झकझोर दो
 देखो अंधेरा काफी है अंधेरे में रहने दो
देखो तो जुगनू भी सो गए है
दुनिया की गोद में
अब उठेगी दुनिया बिना अंगड़ाई लिए
जुगनू भी अब तुम्हे नजर आएंगे अंधेरे में
फिर मैं कहूंगा
दुनिया को देखता हूं मैं
पर अब  खुद की नजरों से
जागी चुकी है दुनिया ,
अब तक जाग रही है
लगता है काफी सोई थी।।

©Gyan Prakash Yadav अंधेरे में जुगनू

Gyan Prakash Yadav

अंधेरे में सुकून #Poetry

read more
जिंदगी के  सफर में कुछ खो सा गया है,
वो सुकून जो बीत सा गया है।
तलाश करे क्या अब इसकी?
चलो एक शाम कहीं ठहर के देखे,
किस्तों में जिंदगी के दो पल काट के देखे।
कवायत न रह जाए कभी इस दिल में;
है जो जहां कहीं भी जो कुछ भी,
 उसे जहन में उतार के देखे।।
सुना है जिसे मैंने कभी,
आज उस शहर में ठहर के देखे
एक परिवार चार जिंदगी ,
न तुम कुछ कहो ,ना हम कुछ कह सके
कट रही है बस जिंदगी मानो सर कटी लाश;
चलो दूर चले जुदा हो चले इस शहर से
मुसलसल जाता रहेगा वो बचा पल जो बीत सा गया है।।
चलो एक पल गांव ठहर के देखे,
जो सुना है उसे आजमा के देखे।
वो जो था कभी गांव वो छोटा शहर हो गया
नगर के आगोश ने इसे गांव न रहने दिया;
हाल बना है इसका बीते लम्हों जैसा।।
चलो अब उस कांतार में ठहर के देखे
जहां काटा है कइयों ने सुकून के पल
चलते रहो, चलते रहो, अब आगे कितना
देखो तो वो जंगल अब जंगल न रहा 
इमारतों ने यहां अपनी जगह बना ली 
जान गए वो बात जो जानना था
जिंदगी में अब सुकून नहीं
जिंदगी अब सिर्फ जिंदगी है
 जो केवल कट रही।।

©Gyan Prakash Yadav अंधेरे में सुकून
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile