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Vivek
तू है बादलों के पार की दुनिया ---मेरे लिए इंतज़ार की दुनिया ---हर चीज़ के लिए इन्कार की दुनिया ---सिर्फ मेरे दीदार की दुनिया ---!!! ©Vivek #बादलों के पार
TheBoyWithPen
मेरी ख्वाहिश नहीं आसमां में घर बनाने की, मेरी ख्वाहिश नहीं चांद तक भी जाने की, मेरी ख्वाहिश नहीं सितारों को छू के आने की, बस एक ही तमन्ना है बादलों के पार जाने की। AVT बादलों के पार ☁️ #dream
K S Rajouria karan Tipri salooni chamba HP
बादलों के पार कोई रहता तो होगा कैसा होगा मंजर? कोई कहता तो होगा ।। केहर सिंह राजौरिया "करण" सलूणी चम्बा हिमाचल प्रदेश प्रकाशित कसक बाकी है। बादलों के पार केहर सिंह राजौरिया "करण"
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
पेड़ों के झुरमुट में जब खेले , मिल कर आंख मिचौली। मैं तुम्हारी, तुम मेरे हमजोली। भागना,छिपना, रूठना, मनाना। प्रतिपल सपनों के महल बनाना। धरती से अम्बर तक अंतहीन इच्छाएं। अपना नेहनीड़ कहां कैसे बनाएं। बहुमूल्य भूखण्ड बहुमूल्य भवन, चलो बादलों में ही अपना नेहनीड़ बनाएं। ©Veena Kapoor पेड़ों के झुरमुट बादलों के पार आंख मिचौली नेहनीड़ #vacation
Nasin Nishant
बादलों के पार से आवाजें अब आती नहीं है बारिश तो होती है पर बूँदें अब तरसाती नहीं है मेरा ये शहर मैं छोड़कर चला जाऊँगा एकदिन जहाँ मेरी आँखों को किनारा तो मिला है पर वो अब लहरों से टकराती नहीं है । #MeraShehar बादलों के पार से आवाजें अब आती नहीं है बारिश तो होती है पर बूँदें अब तरसाती नहीं है मेरा ये शहर मैं छोड़कर चला जाऊँगा एकदिन जहाँ
Tera Sukhi
बात दिल की बता नही सकते इश्क़ तुम्हें हम जता नही सकते * बता नहीं सके * बात दिल की बता नही सकते इश्क़ तुम्हें हम जता नही सकते महसूस करो होठों की नमीं मेरी बंज़र ज़मीं दिखा नही सकते
Tera Sukhi
निगाहों को ख़्वाबों की आदत पड़ जाती है सपने टूटे टूटे हर दिन ज़िन्दगी दिखाती है तस्वीरें आती जाती है निगाहों के सामने मेरे खुलते ही ये मेरी निगाहें क्यूँ अश्क़ बहाती है * नज़्म * निगाहों को ख़्वाबों की आदत पड़ जाती है सपने टूटे टूटे हर दिन ज़िन्दगी दिखाती है तस्वीरें आती जाती है निगाहों के सामने मेरे खुलते
Anita Saini
कभी टूटने न देगा तुझे इश्क़ मेरा, मोहब्बत की ग़िज़ा दे दूँ ए मरीज़ ए इश्क़, आ तुझे अपनी उल्फ़त की वो सिफ़ा दे दूँ तू मुतमईन हो जिस तरह से, मैं उसी तरह अपनी रज़ा दे दूँ आ चल ले चलूँ तुझे, बादलों के पार तुझे फ़लक सजा दे दूँ चाँद रखूँ हथेली पर तेरी, सितारों को तेरे माथे पर सजा देखूँ लेकर बाहों में तुझे मैं झुमूँ, तेरे लबों को बोसों की सज़ा दे दूँ हो अगर इज़ाज़त, मैं अपना नाम तेरे ज़िस्म पर लिखा देखूँ खो जाएँ इक दूजे में, इस क़दर कि इश्क़ में रंगी फ़िज़ा दे दूँ कभी टूटने न देगा तुझे इश्क़ मेरा, मोहब्बत की ग़िज़ा दे दूँ ए मरीज़ ए इश्क़, आ तुझे अपनी उल्फ़त की वो सिफ़ा दे दूँ तू मुतमईन हो जिस तरह से, मैं उस
Jaya Prakash
मकरसंक्रान्ति विशेष... Read caption 👇👇👇👇 चली-चली रे पतंग मेरी चली रे चली बादलों के पार, हो के डोर पे सवार सारी दुनिया ये देख-देख जली रे चली-चली रे पतंग... यूँ मस्त हवा में लहराए ज
Yashpal singh gusain badal'
मैं तूफान में भी हंसा ,सारी मुश्किलों को ललकार गया, हर सितम से जीत गया मगर अपनों से हार गया । चलो अपना भी दाखिला हो गया उन शुमारों में, जो तूफानों से जीत गया मगर बुलबुलों से हार गया । कितना मुश्किल है जीना शहर के किरदारों में, बा-शख्शियत जीत गया औऱ बा-हैसियत हार गया। चलो एक अदावत तुम भी कर लो क्या फर्क पड़ता है। लोग इतना ही तो कहेंगे, चलो एक और से हार गया । आखिर क्यों इतना इतराते हो अपनी शख्शियत पर, तुम्हारा बरबाद होना भी तो यहां बेकार गया । रोते हुए आये थे खामोश चला जाना है सबको कौन याद रहता है जो उन बादलों के पार गया । इतना मायूस भी न हो "बादल"अपनी हार को लेकर। वही जीता है यहाँ जो अपना सब कुछ हार गया । रचना-यशपाल सिंह बादल ©Yashpal singh gusain badal' #Youme मैं तूफान में भी हंसा ,सारी मुश्किलों को ललकार गया, हर सितम से जीत गया मगर अपनों से हार गया । चलो अपना भी दाखिला हो गया उ