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New लकड़ियों Quotes, Status, Photo, Video

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Dalip Kumar Deep

🍂🍁 सुलगती लकड़ियों की तरह मेरे संग जल ज़रा🍁🍂🍂 🌿🌿 शायर तेरा🌷

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हैं दौर गर्दिशों के अय
दिल संभल ज़रा
मौसम तो बदल 
ही जायेंगें तु भी 
बदल ज़रा
कितनी ही हसरतों 
को धुँआ बना के 
उड़ा दिया
सुलगती लकड़ियों
की तरह मेरे संग 
जल ज़रा
क्या मायने रहे चिराग
के अंधेरों से पुछिये
दो कदम कभी तो 
साथ रोशनी में 
चल जरा
बे-मौसमी बरसातों के
दिल बड़े नहीं होते
तेरे कदमों की आहटों 
से न जाये दहल ज़रा
हम फिर नज़र न आयें
शायद खिड़की से तेरी
चेहरा दिखा दे आज
घर से निकल ज़रा

©Dalip Kumar Deep
  🍂🍁 सुलगती लकड़ियों 
की तरह मेरे संग जल ज़रा🍁🍂🍂
🌿🌿 शायर तेरा🌷

MDN ALiPura

हमने तो अपनी चिता की लकड़ियों का इंतजाम कर लिया है बाकी आपकी मर्जी ? मदनरिंकू 🙏🙏🙏 Astha Singh Reenu Anu Internet Jockey Satyaprem Haimi Kuma #विचार

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 हमने तो अपनी चिता की लकड़ियों का इंतजाम कर लिया है बाकी आपकी मर्जी ? मदनरिंकू
🙏🙏🙏 Astha Singh Reenu Anu Internet Jockey Satyaprem Haimi Kuma

Amrit S Chandrawanshi

कि अगर होगा मिलना मुकद्दर मे‌, तो इन्तजार कर लेंगे। वरना #Lights #Shayari #अम‌त

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कि 
गर होगा 
मिलना
मुकद्दर मे‌,
तो इन्तजार कर लेंगे।

वरना 

क्या है अपना 
दो - चार 
लकड़ियों के सहारे 
खुद को चिरागों 
के हवाले कर देगें।।

#अम‌त

©Elixir कि 
अगर होगा 
मिलना
मुकद्दर मे‌,
तो इन्तजार कर लेंगे।

वरना

Sarita Shreyasi

वह भक से जल उठती है, धप्प से बुझ जाती है, क्यूँकि उसे अच्छा नहीं लगता, गीली लकड़ियों-सा सुलगते रहना, मिथ्या दंभ और टूटे स्वाभिमान, के कड़वे #Fire #Woman #Hindi #yqbaba #yqdidi #Flame

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वो भक से जल उठती है,
धप्प से बुझ जाती है,
क्यूँकि उसे अच्छा नहीं लगता,
गीली लकड़ियों-सा सुलगते रहना,
मिथ्या दंभ और टूटे स्वाभिमान,
के कड़वे निवाले निगलते रहना। वह भक से जल उठती है,
धप्प से बुझ जाती है,
क्यूँकि उसे अच्छा नहीं लगता,
गीली लकड़ियों-सा सुलगते रहना,
मिथ्या दंभ और टूटे स्वाभिमान,
के कड़वे

Sp

मेरे दोस्त तू कुछ अलग कर वरना तू भी इस आग में जल जाएगा । यह दुनिया भेड़ चाल की दीवानी बन चुकी है।। दीवाना बना तू तो तु भी उस भीड़ में 

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mute video

Himanshu Prajapati

#holikadahan जला दो हर बार की तरह इस बार भी लकड़ियों का गठ्ठल आग में, देकर नाम फिर से त्योहार का, फिर से शुरू हो जाएगा कल से वही सिलसिला दिख #विचार

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जला दो हर बार की तरह इस बार भी
लकड़ियों का गठ्ठल आग में,
देकर नाम फिर से त्योहार का,
फिर से शुरू हो जाएगा कल से वही सिलसिला
दिखावे प्यार का, मतलब व्यवहार का,
जलन अंदर से, बाहर जुबान पे यार का,
दूसरों की बुराई,‌ दो नम्बर व्यापार का,
एक एक ने मिलकर बिगाड़ा है 
सुंदरता इस संसार का..!









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©Himanshu Prajapati #holikadahan जला दो हर बार की तरह इस बार भी
लकड़ियों का गठ्ठल आग में,
देकर नाम फिर से त्योहार का,
फिर से शुरू हो जाएगा कल से वही सिलसिला
दिख

Shubham Pandey gagan

सोचता हूँ मैं बरगद बन जाऊं उम्र भर फिर ये रिश्ता निभाऊं बीत जाए सदियाँ धरती पर कितनी मैं बदलते सारे वक्त देख पाऊँ जब गुजर जाए ज़माना यहां आन #नज़्म #हिंदी #उर्दू #nojohindi

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सोचता हूँ मैं बरगद बन जाऊं
उम्र भर फिर ये रिश्ता निभाऊं
बीत जाए सदियाँ धरती पर कितनी
मैं बदलते सारे वक्त देख पाऊँ
जब गुजर जाए ज़माना यहां
आने वाली पुश्तों के घर बनाऊं
मेरी ऐंठी हुई लकड़ियों से
सबके बन पलंग उन्हें सुलाऊँ
आने वाली नस्लें से सुनकर नाम
मैं खुद ही खुद पर इतराऊँ

शुभम पांडेय गगन

©Shubham Pandey gagan सोचता हूँ मैं बरगद बन जाऊं
उम्र भर फिर ये रिश्ता निभाऊं
बीत जाए सदियाँ धरती पर कितनी
मैं बदलते सारे वक्त देख पाऊँ
जब गुजर जाए ज़माना यहां
आन

Nêhal Jêêt

""..मेरे हक को अपना एहसान मत कर.. सुखन हवाओं को, तू तूफान मत कर.. लहराते खेत हैं, वादियां हैं, #Nêhal_Jêêt

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""..मेरे   हक   को    अपना    एहसान    मत    कर..
सुखन    हवाओं    को,    तू    तूफान    मत    कर..

लहराते   खेत   हैं,   वादियां   हैं,   झरने   हैं    यहां,
शहर   से   दूर    बता,    इसे    वीरान    मत    कर..

भूसे  का  ढेर  है  तेरा,  इतनी  बेकरारी  ठीक  नहीं..
लकड़ियों  को  रगड़  कर,  इन्हें   परेशान  मत  कर..

इंसान है  तो..  इंसानियत  से,  हद  में  रहना  सीख..
आकाओं  के  चक्कर में, खुद को शैतान  मत  कर..!!"" ""..मेरे   हक   को    अपना    एहसान    मत    कर..
सुखन    हवाओं    को,    तू    तूफान    मत    कर..

लहराते   खेत   हैं,   वादियां   हैं,

diaryreena

#zindgiquotes#tanha#SAD#MyPainअकेले रहना पड़े तो ज़िन्दगी मौत से भी बत्तर लगती है। तन्हा ज़िन्दगी तो काटी नहीं जाती पर लकड़ियों पे लाश अकेल

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अकेले रहना पड़े तो ज़िन्दगी मौत से भी बत्तर लगती है।

तन्हा ज़िन्दगी तो काटी नहीं जाती पर लकड़ियों पे लाश अकेली ही जलाई जाती।

ए ज़िन्दगी तुझसे क्या शिकायत करू तू तो सबका 
सब लेती सबका सब देती है।

ए ज़िन्दगी भी बहुत रंग दिखाती है कभी हंसाती कभी रुलाती।

और ना जाने कितने अपने लोगो को पीछे छोड़ जाती।।




written by Reena Prajapati ✍️😔 #zindgiquotes#Tanha#Sad#MyPainअकेले रहना पड़े तो ज़िन्दगी मौत से भी बत्तर लगती है।

तन्हा ज़िन्दगी तो काटी नहीं जाती पर लकड़ियों पे लाश अकेल

Prem Nirala

घास पे शबनम ने भी अब बैठने को मना कर दिया हैं, आईंने ने भी मेरा चेहरा देखना अब मना कर दिया हैं! जनवरी खत्म होने को हैं, मैं अब भी ठंड से ठि #prem_nirala_

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घास पे शबनम ने भी अब बैठने को मना कर दिया हैं,
आईंने ने भी मेरा चेहरा देखना अब मना कर दिया हैं!

जनवरी खत्म होने को हैं, मैं अब भी ठंड से ठिठुर रहा हूँ,
जलती लकड़ियों ने भी अब सुलगना मना कर दिया हैं!

मैं जानता हूँ, उसकी भी ख़ामोशी सब से छुप के रो रही होगी,
उसके घर वालों ने अब उसका घर से निकलना मना कर दिया हैं!

prem_nirala_ घास पे शबनम ने भी अब बैठने को मना कर दिया हैं,
आईंने ने भी मेरा चेहरा देखना अब मना कर दिया हैं!

जनवरी खत्म होने को हैं, मैं अब भी ठंड से ठि
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