Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सामवेद के रचयिता Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सामवेद के रचयिता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सामवेद के रचयिता.

Stories related to सामवेद के रचयिता

    LatestPopularVideo

Aklesh Yadav

#klrahul रामचरितमानस के रचयिता कौन थे #विचार

read more

MDS Yadav

रामचंद्रिका के रचयिता हैं? #trandingvideo #short #जानकारी

read more

Aklesh Yadav

#klrahul महाभारत के रचयिता कौन थे #विचार

read more

Aklesh Yadav

#klrahul रामायण के रचयिता कौन थे #विचार

read more

PRAVEEN YADAV

यजुर्वेद और सामवेद #पौराणिककथा

read more

PRAVEEN YADAV

यजुर्वेद और सामवेद #पौराणिककथा

read more

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

इममू षु त्वमस्माकꣳ सनिं गायत्रं नव्याꣳसम् । 
अग्ने देवेषु प्र वोचः ॥

पद पाठ
इ꣣म꣢म् । ऊ꣣ । सु꣢ । त्वम् । अ꣣स्मा꣡क꣢म् । स꣣नि꣢म् । गा꣣यत्र꣢म् । न꣡व्यां꣢꣯सम् । अ꣡ग्ने꣢꣯ । दे꣣वे꣡षु꣢ । प्र । वो꣣चः ॥

हे (अग्ने) विद्वन् जगदीश्वर वा आचार्य ! (त्वम् उ) आप (इमम्) इस (अस्माकं सनिम्) हमें बहुत बोध देनेवाले (गायत्रम्) गायत्री आदि छन्दों से युक्त वेदज्ञान को वा गायत्र नामक साम को (देवेषु) दिव्य गुणोंवाले सत्पात्रों में (सु प्रवोचः) भली-भाँति उपदेश करते हो ॥

Hey (fire), scholar Jagadishwar or Acharya!  (Tvamu) You (Imam) in this (Asmakam Sanim) teach us Vedigana with verses that give us a lot of knowledge (Gayatram), Gayatri etc., and the Sama (Deveshu) in the satrapas with divine qualities (Suvarocha) very well.

( सामवेद मंत्र १४९७ ) #सामवेद #वेद #ज्ञान

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

अमित्रहा विचर्षणिः पवस्व सोम शं गवे । 
देवेभ्यो अनुकामकृत् ॥

पद पाठ
अमित्रहा꣢ । अ꣣मित्र । हा꣢ । वि꣡च꣢꣯र्षणिः । वि । च꣣र्षणिः । प꣡व꣢꣯स्व । सो꣣म । श꣢म् । ग꣡वे꣢꣯ । दे꣣वे꣡भ्यः꣢ । अनुक्राम꣣कृ꣢त् । अ꣣नुकाम । कृ꣢त् ॥

हे (सोम) जगदीश्वर ! (अमित्रहा) काम, क्रोध आलस्य आदि शत्रुओं के विनाशक, (विचर्षणिः) विशेष द्रष्टा, (देवेभ्यः) विद्वानों के लिए (अनुकामकृत्) अभीष्ट सिद्ध करनेवाले आप (गवे) स्तोता के लिए (शम्) शान्तिदायक होते हुए (पवस्व) आनन्द प्रवाहित करो ॥

Hey (Som) Jagadishwar!  (Amitraha) Kama, rage laziness etc. Destroyers of enemies, (devotion:) special seer, (Devebhyah), (scholarly) who proves (favored) for the scholars (Gave) Stuti (Sham) Peaceful (Holy) flow joy.

सामवेद मंत्र १४४७ #सामवेद #मंत्र #परमेश्वर

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

इन्द्र इन्नो महोनां दाता वाजानां नृतुः ।
 महाꣳ अभिज्ञ्वा यमत् ॥

जगदीश्वर ही सबका उत्पादक, पालक, संहारक और कर्मफलों का प्रदाता है ॥

Jagadishwar is the producer, foster, destroyer and the worker of all.

( सामवेद मंत्र 715 ) #सामवेद #वेद #जगदीश्वर #जगदीश

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

त्वामिद्धि हवामहे सातौ वाजस्य कारवः । 
त्वां वृत्रेष्विन्द्र सत्पतिं नरस्त्वां काष्ठास्वर्वतः ॥

पद पाठ
त्वा꣢म् । इत् । हि । ह꣡वा꣢꣯महे । सा꣣तौ꣢ । वा꣡ज꣢꣯स्य । का꣣र꣡वः꣢ । त्वाम् । वृ꣣त्रे꣡षु꣢ । इ꣣न्द्र । स꣡त्प꣢꣯तिम् । सत् । प꣣तिम् । न꣡रः꣢꣯ । त्वाम् । का꣡ष्ठा꣢꣯सु । अ꣡र्व꣢꣯तः ॥

हे (इन्द्र) विपत्ति के विदारक और सब सम्पत्तियों के दाता परमेश्वर व राजन् ! (कारवः) स्तुतिकर्ता, कर्मयोगी हम लोग (वाजस्य) बल की (सातौ) प्राप्ति के निमित्त (त्वाम् इत् हि) तुझे ही (हवामहे) पुकारते हैं। (नरः) पौरुष से युक्त हम (वृत्रेषु) पापों एवं शत्रुओं का आक्रमण होने पर (सत्पतिम्) सज्जनों के रक्षक (त्वाम्) तुझे पुकारते हैं। (अर्वतः) घोड़े आदि सेनांगों के अथवा आग्नेयास्त्रों और वैद्युतास्त्रों के (काष्ठासु) संग्रामों में भी त्वाम् (तुझे) पुकारते हैं ॥

O (Indra) God and Rajan, dissecting of calamity and giver of all wealth!  (Karvah) Stutiakarta, Karmayogi We call (Tvam Iti) you (Hawamhae) for the (Vajasya) attainment of the (Vajasya) force.  (Nara:) We (Vritreshu) with Pourush call upon you (Svatipam) the protector of gentlemen (Tvam) ​​when sins and enemies are attacked.  (Arguably) horses also call Tvam (thee) in the warriors of Senangas or in the (Kashtasu) battles of firearms and Vaidutastras.

( सामवेद २३४ ) #सामवेद #वेद #इन्द्र #राजा
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile