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"Meri baatein"
White "उसने मुझे रोता हुआ छोड़ा है मैं क्यों जाऊं उसके पास" ©"Meri baatein" #क्यों
"Meri baatein"
sunset nature "क्यों तुम मुझसे रूठ जाती हो क्यों तुम मुझे इतना रुलाती हो" ©"Meri baatein" #क्यों
हिमांशु Kulshreshtha
White दूर दूर तक तेरी यादों का छोर नहीं मिलता बहुत तलाशा तुझ सा कोई और नहीं मिलता ख्वाबों और ख्वाहिशों में बस एक तू ही तो है तुझ में खो गया हूँ बे तरहा, अफ़सोस महज इतना है तू ही नहीं मिलता है ©हिमांशु Kulshreshtha तुम सा..
तुम सा.. #शायरी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White दूर दूर तक तेरी यादों का छोर नहीं मिलता बहुत तलाशा तुझ सा कोई और नहीं मिलता ख्वाबों और ख्वाहिशों में बस एक तू ही तो है तुझ में खो गया हूँ बे तरहा, अफ़सोस महज इतना है तू ही नहीं मिलता है ©हिमांशु Kulshreshtha तुम सा..
तुम सा.. #शायरी
read moreP 4 seven
White बात होती है खुद ही खुद से अब, की कौन और कब सही है कोई, क्या वो सही जो बस चुपचाप, सब देखकर भी अनदेखा कर दे, या वो सही जो हर बात पर सभी को टोक दे, या वो सही जो दूसरे को देखकर, उसकी गलती को बिना बताए बस, खुद ही खुद के मन में विचार ले आए, या वो सही जो बस खुद ही खुद में मगन, ना अपनी गलती सुधारे, ना दूसरों की गलती को देख, और ना उसकी गलती को सुधारने की कोशिश करे। ©P 4 seven #क्या #क्यों
Manish Raaj
क्यों ? ------ दिल कभी ख़ुद्दार तो कभी, क़र्ज़दार हो जाता है जो सोचा, कभी साकार तो कभी बेक़ार हो जाता है ज़रूरत से ज़्यादा, ख़्वाहिशों से प्यार हो जाता है आईने से ज़्यादा रिश्तों में दरार हो जाता है कोई मदद किसी के लिए एहसान हो जाता है ये ख़ुदा भी, ख़ुदग़र्ज़ पर ही मेहरबान हो जाता है चंद दौलत की ख़ातिर इंसान, बेईमान हो जाता है दिखावे, झूट के शोर से सादगी-सच, बेजुबान हो जाता है न चाह कर भी इंसान, इतना मजबूर हो जाता है अरमां पूरा होने पर, गुरूर हो जाता है पल भर की शौहरत से, उम्र भर के लिए उसका सुरूर हो जाता है ग़ैरों के क़रीब आकर अक़्सर शक़्स ख़ुद से, कभी अपनों से दूर हो जाता है मनीष राज ©Manish Raaj #क्यों ?
Bhanu Priya
कुछ छांव सा कुछ धूप सा कुछ चंचल सा कुछ शांत सा कुछ गीत सा कुछ संगीत सा एहसास उस प्रीत का कुछ खट्टा सा कुछ मीठा सा कुछ तिखा सा कुछ फीका सा कुछ ताप सा कुछ शीत सा एहसास उसे प्रीत का जिसे भी नसीब हुआ अक्सर उन शामो में ही महसूस हुआ । ©Bhanu Priya कुछ छांव सा कुछ धूप सा कुछ चंचल सा कुछ शांत सा
कुछ छांव सा कुछ धूप सा कुछ चंचल सा कुछ शांत सा #Poetry
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