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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब भगवान श्री कृष्ण के जीव अंस है, इसीलिए अविनाशी है, अमर सत्ता है, अनन्त है, अनन्त काल से अनन्त काल के लिए, अपने अनन्त जीवन, अपने सत्यस्वरूप, अपने चेतन स्वभाव के कारण हम सभी जीव अपने जीव अंशी की सत्ता पाकर अपने अस्तित्व में विचरण करने के लिए परेरित हैं।। जय श्री राधे कृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #Night {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब भगवान श्री कृष्ण के जीव अंस है, इसीलिए अविनाशी है, अमर सत्ता है, अनन्त है, अनन्त काल से अनन्त काल के
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White ये सुबह का उजियारा जो फूट रहा है। मेरा चंदा भी अब डूब रहा है। उसकी मदहोशी में जो ये रात गुजरी। काश बादल आ जाए, बारिश हो। सूरज छूप जाएं मेरा चांद फिर दिख जाए। ये कभी कभी होने वाला इतना सारा प्यार अमर हो जाए। ©0 ये प्यार अमर हो जाए। 😍🌹 #Sunrise #प्यार #साथ #Jiwan #0 #Nojoto #लव rasmi poonam atrey My Loquacious World Mili Saha Miss Shalini yoursecre
Arun Mahra
White शायद में तुम्हारी जिंदगी में सबसे अच्छा इंसान तो नहीं हूं पर एक दिन मेरा प्यार तुम्हारे सामने याद आते ही तुम बोलोगे वो एक अलग थे सबसे जिंदगी में यार कास कहां चला गया शायद में तुम्हारी जिंदगी में लोट कर तो नहीं आऊंगा तुम्हारा प्यार मेरा दिल में याद आते ही रहेगा तुम जहां जायेगी में तुम्हारे छवि को चूम के और बोलूंगा आई लव यू मेरी जान क्योंकि यह प्यार एक दिन के लिए नहीं हमेशा के लिए अमर होता है ©Arun Mahra ये प्यार हमेशा के लिए अमर रहेगा
Shivkumar
White दोस्ती का प्यारा रंग छाया, दिल के रिश्ते को सजाया। जीवन के हर मोड़ पर, साथ देने वाला कोई यार। मुसीबतों में सहारा है वो, खुशियों के अंगारा है वो। हंसी-मजाक से भरी जिंदगी, मेहनत की सफलता का रास्ता है वो। जिसे देखो दिल बहक जाए, उन पलों को याद करके मुस्कराए। दोस्ती की अमरीत रूह से, हंसता हर लम्हा निकल आए। जैसे रंगीन बादलों की गति, दुनिया को आँचल से छू लेती है। यारों के हाथों में बंध जाती है, हर गम की बंधन खो लेती है। चाहे जहां भी सफर करो, दोस्ती की हो जबरदस्त नजर। उस्तादों की तरह बनकर लापरवाह, हर मुकाम पे शानदार हो जाए। चोकर जो मिले खुद को अपनाए, मुसीबतों को झेलते रहें ये दिल्लगी से। यारों की यारी, अमर राशि है, जीवन का सहारी, नहीं गुँजारी है। आज इस पंक्ति को बनाने के लिए, हम दोस्ती की बांहें फेला रहें हैं। यारों के दिल की धड़कन, ये कविता में झलक रही है। तारे हमसे नाते बनाए हैं, हर पल बदलते जैसे मौसम। दोस्ती की राहों में चलना, हर कदम जैसे ख्वाब पूरे। यारों को नहीं मिलता हमें पढ़ंध, इस काव्य की विरासत मिल जाए। यह दोस्ती का रंगीन काव्य, बनाएगा आपके दिल को रंगीन। हमारे दिल की गहराई को छूने, सूरज की किरणें यहाँ ढली हैं। नयी उम्र में जीने का हाथ पकड़ें, दोस्ती की रौशनी को फैलाएं। ये काव्य सिर्फ आपकी मेहनत से, हो जाएगा खुद ब खुद सुंदर। हम यहाँ क़लौंजी से परख कर, आपके दिल को छू लेंगे सुंदरता। सामान्य शब्दों की सजा में, इन्हीं शब्दों का जूनून, यह दोस्ती की मिठास और प्यार का गुंजारा है हमारा। ©Shivkumar #Friendship #दोस्ती #दोस्त #Nojoto #nojotohindi #दिलकीबातशायरी143 दोस्ती का प्यारा रंग छाया, दिल के #रिश्ते को सजाया। #जीवन के हर मोड़
Santosh Jangam
Mahadev Son
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म "मन" का, मरण " तन" का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेगा "मन", इस तन से "मन" चंचल पर अज़र बस निर्भर कर्मों पर कर्म होंगें जैसे "मन" जन्म का "तन" पायेगा वैसे जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू हिसाब किताब सब यहाँ होता पैसों से वैसे मन का होता वहाँ सब कर्मों से पायेगा क्या भोगेगा क्या फिर से चंचल "मन" को भी न मालूम वर्ना छोड़ता न कभी इस "तन" को ...! ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेग
Mahadev Son
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना भी तय उसका सफर यही तक का था ये तेरी भूल थी त्याग देगा तन भर जायेगा मन, इस तन से मन चंचल पर अज़र है बस निर्भर है कर्मों पर कर्म होंगें जैसे मन जन्म भी तन का पायेगा वैसे जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू हिसाब किताब यहाँ पैसों से होता जैसे वहाँ कर्मों से गणित मन का होता पायेगा क्या भोगेगा क्या फिर से मन को भी न मालूम होता..... वर्ना छोड़ता न कभी इस तेरे तन को... ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना भी तय उसका सफर यही तक का था ये तेरी भूल थी त्याग देगा तन भर
Mahadev Son
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग देगा, भर जायेगा, मन इस तन से मन तो अज़र है बस कर्मों पे निर्भर है कर्म अच्छे होंगें जितने तन पायेगा वैसा जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू गणित यहाँ माया का वहाँ कर्मों का हिसाब किताब जैसा वैसा तन पायेगा भोगेगा क्या फिर से मन को भी न मालूम वर्ना छोड़ता न कभी इस तन को ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग द
Sangeeta Kalbhor
उन्हाच्या झळा.. उन्हाच्या झळा या लागता नकोच करु त्रागा त्रागा इतके सुंदर आयुष्य असता का समजतोस रे अभागा श्वास जोवरी चालू तुझा तू तुझा रे रखवाला अविचार करुनिया नको रे घालू आयुष्यावर घाला चालून बघ दोन पावले गती येईल चालण्याला अनाहत नाद तुझ्याच अंतरी तुला येईल रे भेटण्याला ध्यानमग्न होता होता शंखनाद ही येईल ऐकू ओमकार जो करील जाप कोणापुढे ना देणार झुकू शाश्वत आहे अमर आत्मा आरोग्य हा तयाचा मार्ग खरा कशास धुंडाळितो इतस्ततः अंतरात तुझाच शोध घे ना जरा..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #Hope उन्हाच्या झळा या लागता नकोच करु त्रागा त्रागा इतके सुंदर आयुष्य असता का समजतोस रे अभागा श्वास जोवरी चालू तुझा तू तुझा रे रखवाला अविचा