Find the Latest Status about सभाओं में from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सभाओं में.
RAKESH KUMAR. SINGH
ashutosh anjan
दिल के उलझें तारों को सुलझाऊँ कैसे, नज़दीकियाँ हमारें दरमियाँ फ़िर बढ़ाऊँ कैसे। ज़िंदगी तो बस इम्तिहानों में गुज़री जाती है, बिन इम्तिहाँ नाव दिल की पार लगाऊँ कैसे। सुना है!क़दम बस महफिल में पड़ते है उनके, इक पल में अपनी तरबियत भूल जाऊँ कैसे। तन्हाई से रुसवाईयाँ भी बहुत है मुझें मग़र, सर-ए-बज़्मो दिलचस्पी बढाऊँ तो बढाऊँ कैसे। मोबाइल के ज़मानें में कौन मांगता है पता, ख़त लिखकर तब हाल-ए-दिल बताऊँ कैसे। उसके सामने आते ही सिल जाते है लब मेरे, तब कहानी अपनी मंज़िल तक पहुँचाऊँ कैसे। (तरबियत- परवरिश या शिक्षा) (सर-ए-बज़्म- पार्टी में या सभाओं में) 🎀 Challenge-439 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए।
Manjeet Singh Thakral
‘अच्छे दिन’ के नारे से एक वक़्त आकाश गूँज उठता था। पर अब ऐसा नहीं है। मोदी जी नारा क्यों नहीं लगवाते, ‘अच्छे दिन, आ गए’ या ‘और अच्छे दिन’ आये
N S Yadav GoldMine
श्रीकृष्ण के निकट अनायास ही महान् कर्म करने वाले अर्जुन ने इस हाथ को काट गिराया था पढ़िए महाभारत !! 📜📜महाभारत: स्त्री पर्व चतुर्विंष अध्याय: श्लोक 19-30 {Bolo Ji Radhey Radhey} 📖 यह वही हाथ है, जो हमारी करधनी को खींच लेता, उभरे हुए स्तनों का मर्दन करता, नाभि, उरू और जघन प्रदेष का छूता और निभिका बन्दन सरका दिया करता था। जब मेरे पति समरांगन में दूसरे के साथ युद्ध में संलग्न हो अर्जुन की ओर से असावधान थे, उस समय भगवान श्रीकृष्ण के निकट अनायास ही महान् कर्म करने वाले अर्जुन ने इस हाथ को काट गिराया था। 📖 जनार्दन। तुम सतपुरुषों की सभाओं में, बातचीत के प्रसंग में अर्जुन के महान् कर्म का किस तरह वर्णन करोगे? अथवा स्वयं किरीटा धारी अर्जुन ही कैसे इस जघन्य कार्य की चर्चा करेंगे? इस तरह अर्जुन की निंदा करके यह सुन्दरी चुप हो गयी है। 📖 इसकी बड़ी सौतें इसके लिये उसी प्रकार शोक प्रकट कर रही हैं, जैसे सास अपनी बहू के लिये किया करती है। यह गान्धार देष का राजा महाबली सत्यपराक्रमी शकुनि पड़ा हुआ है। यह सहदेव ने मारा है। भान्जे ने मामा के प्राण लिये हैं। 📖 पहले सोने के डण्डों से विभूषित दो-दो व्यजनों द्वारा जिसको हवा की जाती थी, वही शकुनि आज धरती पर सो रहा है और पक्षी अपनी पखों से इसको हवा करते हैं। जो अपने सैकड़ों और हजारों रूप बना लिया करता था, उस मायावी की सारी मायाऐं पाण्डु पुत्र सहदेव के तेज से दग्ध हो गयीं। 📖 जो छल विद्या का पण्डित था, जिसने द्यूत मैं सभी को माया द्वारा युधिष्ठिर तथा उनके विशाल राज को जीत लिया था, वही फिर अपना जीवन भी हार गया। श्रीकृष्ण। आज शकुनि (पक्षी) ही इस शकुनि की चारों ओर से उपासना करते हैं। इसने मेरे पुत्रों के विनाश के लिये ही द्यूतविद्या अथवा धूर्तविद्या सीखी थी। 📖 इसी ने सगे सम्बन्धियों सहित अपने और मेरे पुत्रों के वध के लिये पाण्डवों के साथ महान् वैर की नींव डाली थी। प्रभो। जैसे मेरे पुत्रों को शस्त्रों द्वारा जीते हुए पुण्य लोक प्राप्त हुए हैं, उसी प्रकार इस दुर्बुद्धि शकुनि को भी शस्त्र द्वारा जीते हुए उत्तम लोक प्राप्त होंगे। 📖 मधुसूदन। मेरे पुत्र सरल बुद्धि के हैं। मुझे भय है कि उन पुण्य लोकों में पहुंच कर यह शकुनि फिर किसी प्रकार उन सब भाइयों में परस्पर विरोध न उत्पन्न कर दे। ©N S Yadav GoldMine #Tuaurmain श्रीकृष्ण के निकट अनायास ही महान् कर्म करने वाले अर्जुन ने इस हाथ को काट गिराया था पढ़िए महाभारत !! 📜📜महाभारत: स्त्री पर्व चतुर
Divya Joshi
हमरा एक ठौ सबाल है ई ससुरी सोसल डिशटैनशिंग अकेले में ही क्यों नजर आवत है। भीड़ कहीं दिख जाए, जब ई ससुरी कहाँ फुर्ररर हो जावत है……?🤔🤔🤔🤔🤔 ©Divya Joshi शादी ब्याह सेलिब्रेशन और सभाओं जैसे मौकों पर social distancing ढूंढने पर भी नज़र न आने पर…… #Corona_Lockdown_Rush Shalini Pandit Pushpvriti
Kaleem Ansari
और कितना लिखू तेरी याद में कोई दम नहीं मेरी फरयाद में मेरी रूह भी छीन के ले गई मुझ से में में ना रहा तेरे बाद में में में न रह तेरे बाद में
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
सागर की लहरों में, मेरे गांव की नहरों में सीमाओं के पहरों में, उथले और गहरों में, सब ओर तुम्हें खोजती, मेरी मौन तलाश। एक दिन तो तुम मिल ही जाओगे पूर्ण है विश्वास। जल सम पारदर्शी गगन सम समदर्शी मेरी भोली आस सागर के किनारे भी अतृप्त है प्यास।। ©Veena Kapoor लहरों में नहरों में गहरों में पहरों में अतृप्त प्यास #sagarkinare
Amit Kumar
हर बार हम खों जाते है चक्रव्यूह के मेले में ढूंढ़ता कोई और है हमें साथी खुद अकेले में -अनभिज्ञ मेले में अकेले में