Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मेला दिखाऊंगा Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मेला दिखाऊंगा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मेला दिखाऊंगा.

    LatestPopularVideo

Bharat Bhushan pathak

#सँभल मन साफ सदा रखें, कभी किसी को न ठगें, वैर भाव पाले नहीं, प्रेम अपनाइए। बिखरे असंख्य रंग, दया बिन बदरंग, #Poetry

read more
मन साफ सदा रखें,
कभी किसी को न ठगें,
वैर भाव पाले नहीं,
प्रेम  अपनाइए।

बिखरे असंख्य रंग,
दया बिन बदरंग,
विश्वास सभी पे करें,
अब समझाइए।

दुनिया का लगा मेला,
खूब भागे यहाँ रैला,
भलाई जो कर रहे,
उसे ना सताइए।

पाप-पुण्य,मोह-माया,
काम-क्रोध यहाँ आया,
ईर्ष्या का घना कुहरा,
खुद को बचाइए।

©Bharat Bhushan pathak #सँभल 
मन साफ सदा रखें,
कभी किसी को न ठगें,
वैर भाव पाले नहीं,
प्रेम  अपनाइए।

बिखरे असंख्य रंग,
दया बिन बदरंग,

Sangeeta

मेला #Life

read more

Ak.writer_2.0

मैं मर के दिखाऊंगा.!! sad sad_feeling sad_emotional_shayries hunarbaaz brockenheart Kshitija Bhanu Priya Anshu writer ᴥ*Maggie*ᴥ  Andy

read more

Khushiram Yadav

#intezaar काटो का मेला है😔 #लव

read more

Ravendra

*महराजा सुहेलदेव विराट कृषि मेला एवम गोष्ठी का हुआ आयोजन* आज विकास खण्ड नवाबगंज के अन्तर्गत ग्राम पंचायत मिर्जापुर चहलवा के मजरा रग्धूपुरवा #न्यूज़

read more

Internet Jockey

सुख दुख तो समय का गोल चक्कर है भैया खेला एक जाएगा तो दूसरा आएगा, यही जीवन का मेला #Quotes

read more
सुख दुख तो समय का गोल चक्कर है भैया खेला
एक जाएगा तो दूसरा आएगा, यही जीवन का मेला

©Internet Jockey सुख दुख तो समय का गोल चक्कर है भैया खेला
एक जाएगा तो दूसरा आएगा, यही जीवन का मेला

Ravendra

बरम बाबा स्थान पर हुआ मेला रूपईडीहा थाना इलाके के गंगापुर गाँव के बगल बरमबाबा स्थान पर चल रहे तीन दिवसीय मेले में आज आखिरी दिन रामलीला में #न्यूज़

read more

Shailendra Gond kavi

मेला लगता है #nojotohindi #Shailendra_Gond_kavi Shayari #treanding #शायरी

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

प्रदीप छन्द दर-दर भटक रहा है प्राणी , जिस रघुवर की चाह में । वो तो तेरे मन में बैठे , खोज रहा क्या राह में ।। घर में बैठे मातु-पिता ही , सु #कविता

read more
प्रदीप छन्द

दर-दर भटक रहा है प्राणी , जिस रघुवर की चाह में ।
वो तो तेरे मन में बैठे , खोज रहा क्या राह में ।।
घर में बैठे मातु-पिता ही , सुन रघुवर के रूप हैं ।
शरण चला जा उनके प्यारे , वह भी तेरे भूप हैं ।।

मन को अपने आज सँभालो , उलझ गया है बाट में ।
सारे तीरथ मन के होते , जो है गंगा घाट में ।।
तन के वस्त्र नहीं मिलते तो, लिपटा रह तू टाट में ।
आ जायेगी नींद तुझे भी , सुन ले टूटी खाट में ।।

जितनी मन्नत माँग रहे हो , जाकर तुम दरगाह में ।
उतनी सेवा दीन दुखी की , जाकर कर दो राह में ।।
सुनो दौड़ आयेंगी खुशियाँ , बस इतनी परवाह में ।
मत ले उनकी आज परीक्षा , वो हैं कितनी थाह में ।।

जीवन में खुशियों का मेला , आता मन को मार के ।
दूजा कर्म हमेशा देता , सुन खुशियां उपहार के ।।
जीवन की भागा दौड़ी में , बैठो मत तुम हार के ।
यही सीढ़ियां ऊपर जाएं ,  देखो नित संसार के ।।

२८/०२/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR प्रदीप छन्द

दर-दर भटक रहा है प्राणी , जिस रघुवर की चाह में ।
वो तो तेरे मन में बैठे , खोज रहा क्या राह में ।।
घर में बैठे मातु-पिता ही , सु

नीतू सिंह

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile