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shudhodhan wankhade
:आजचा सुविचार: धावत्या रेल्वेत चढणं अन 10 मिनिटाच प्रेम धोकादायक ठरते झाला म्हणून लिहिला
झाला म्हणून लिहिला
read moreSangeeta Verma
गीता हो या कूरान लिखा है हर ग्रंथ मे तेरा मेरा प्यार ना बेर हो किसी से ना दूश्मन हो कोई ए मित्रा मेरे आँखे हंसती वही है जहाँ मिले तेरा मेरा प्यार गम धूप से मिलती है राहत जब छांव करे तेरा मेरा प्यार यादो के पन्ने पलट कर तो देखो जब सब की जुबां पर था तेरा मेरा प्यार । ( चाँदनी) ©Sangeeta Verma ग्रंथ
ग्रंथ #कविता
read moreRitu shrivastava
ग्रंथ ग्रंथ में अर्थ छुपा,ग्रंथ ही तारणहार ग्रंथ पढ़े तभी मिले इस जीवन को विस्तार। ©Ritu shrivastava #ग्रंथ
Nitesh Jawa
अगर आप तथाकथित शुद्र हैं और जिन ग्रंथों ने आपको नीच घोषित किया हैं उसके बाद भी अगर आप उन ग्रंथों का समर्थन करते हैं, पूजते हैं तो आप उन ग्रंथों के अनुसार ही वर्ण व्यवस्था का पालन करते हुए अपना कर्म करें ! आपको बाबा साहेब द्वारा निर्मित संविधान प्रदत्त आरक्षण का लाभ उठाने की जरूरत भी नही होनी चाहिए ! - NitSss... झूठे ग्रंथ
झूठे ग्रंथ
read morePФФJД ЦDΞSHI
आप क़ो पता है.... इन famous ग्रंथो क़ो लोग क्यो मानते है, क्यो कि इन मे ही छुपा ज़िन्दगी का सार है जो हुआ था वो सत्य था और उसका अच्छा बुरा परिणाम भी सब ने झेला यां उस से सीखा, इसलिए उन्ही बातो क़ो अगर लोग दोहराऐगे तो घर घर मे महाभारत और रामायण होंगी, सब किरदार होंगे राम, रावण, समझाने वाला कृष्णा, राधा, सीता, सुपनखा,,,,, etc.. अब समझे 🥴 gn🙏🏻 ©PФФJД ЦDΞSHI #ग्रंथ #Epic #pujaudeshi
#ग्रंथ #Epic #pujaudeshi #विचार
read moreNeel
प्रेम पर ग्रंथ एक लिख दूं या कह दूं अनगिनत किस्से, प्रेम से इतर क्या है यहां, कितने हैं अनछुए हिस्से। कोई आंखों से पढ़ता है, कोई होठों से गढ़ता है, कोई हाथों की नरमी से, दिल की हर बात कहता है। कोई कहकर भी न समझे, कोई जाने अनकहे ही, कोई चाहे न रहकर साथ, कोई पूजे बिन मिले ही। प्रेम की न कोई भाषा, प्रेम की न कोई बोली, जिसने मन राम बन साधा, सीता बन वो उसकी हो ली। प्रेम अनवरत बहता झरना, प्रेम पावन गंगा- यमुना, प्रेम सा कुछ पवित्र न जग में, प्रेम के जैसा दूजा सम ना। कितना कुछ कह चुके हैं लोग, कितना कहना अभी बाकी, प्रेम पर कितना कुछ लिख दूं, कितना लिखना अभी बाकी। प्रेम पर ग्रंथ एक लिख दूं, या कह दूं अनगिनत किस्से, प्रेम से इतर क्या है यहां, कितने हैं अनछुए हिस्से।। 🍁🍁🍁 ©Neel प्रेम ग्रंथ 🍁
प्रेम ग्रंथ 🍁 #शायरी
read moreNeel
प्रेम पर ग्रंथ एक लिख दूं या कह दूं अनगिनत किस्से, प्रेम से इतर क्या है यहां, कितने हैं अनछुए हिस्से। कोई आंखों से पढ़ता है, कोई होठों से गढ़ता है, कोई हाथों की नरमी से, दिल की हर बात कहता है। कोई कहकर भी न समझे, कोई जाने अनकहे ही, कोई चाहे न रहकर साथ, कोई पूजे बिन मिले ही। प्रेम की न कोई भाषा, प्रेम की न कोई बोली, जिसने मन राम बन साधा, सीता बन वो उसकी हो ली। प्रेम अनवरत बहता झरना, प्रेम पावन गंगा- यमुना, प्रेम सा कुछ पवित्र न जग में, प्रेम के जैसा दूजा सम ना। कितना कुछ कह चुके हैं लोग, कितना कहना अभी बाकी, प्रेम पर कितना कुछ लिख दूं, कितना लिखना अभी बाकी। प्रेम पर ग्रंथ एक लिख दूं, या कह दूं अनगिनत किस्से, प्रेम से इतर क्या है यहां, कितने हैं अनछुए हिस्से।। 🍁🍁🍁 ©Neel प्रेम ग्रंथ 🍁
प्रेम ग्रंथ 🍁 #लव
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