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Anu
White उनका भला हो जो अपने होकर भी दूर हैं! ©Anu उनका भला हो जो अपने होकर भी दूर हैं! #love_shayari #SAD
RSridhiRs
White किसी का कितना भी भला कर लें पर जब बारी आपकी आयेगी खुद को अकेला ही पाएंगे.. ।। ©RSridhiRs #भला
Poet Maddy
खुदा ही जाने भला अब क्यों, उनसे हमारी बात होती नहीं......... मिलना तो हम चाहते हैं उनसे, मगर अब मुलाकात होती नहीं....... सुना तो था ये हमने भी कभी, तन्हा लोग रातों में मिलते हैं.......... न जाने क्यों हमारे शहर में, आज-कल रात होती नहीं............ ©Poet Maddy खुदा ही जाने भला अब क्यों, उनसे हमारी बात होती नहीं......... #God#Conversation#Meet#Heard#Lonely#Night#City...........
Rakesh Kumar Sah
Health Is Wealth DK
दूसरों की गलतियों से ज्यादा खुद की गलतियों को याद रखने में ही हमारा भला हैं। ©Health Is Wealth DK ##दूसरों की गलतियों से ज्यादा खुद की गलतियों को याद रखने में ही हमारा भला हैं##
ANSARI ANSARI
बद अच्छा होता है। मगर बदनाम बुरा। इमान अच्छा होता है। मगर आज इमानदार बुरा। लाख झुठ की बाध पोटली। कभी न होगा भला तेरा। ©ANSARI ANSARI भला तेरा।
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
हम ना तो कोई रूल तोड़ते हैं और हमारा ख़ुद का क़िरदार ऐसा हैं जो सदा नियम से रहना और उनका पालन करना है। यहीं हमारा बचपना है। बचपन की दी गई ईमानदारी, और दुसरो की भलाई करना लोगों को रास नही आती है। जब जब की हैं तब तब धोका खाया है। अब लगता है कि शायद हममें भीं कुछ मिलावट होती तो शायद दुनियां में फिट हों जाते। हम अब न अकेले रहे और ना दुनियां के साथ ✍️ ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma जो सीखा बचपन में वो सीखा काम न आया। हम भला करते रहें लोगों ने अपना लाभ उठाया। #bachpan
Poet Maddy
अब क्या ही करूं मैं भला, इस मोहब्बत के समंदर का........... कौन करेगा रुख इसका, मकां हो गया है खंडहर सा............ मैं रोज़ाना सजाता हूं यहां, महफ़िलें शेर-ओ-शायरी की.......... कमबख़्त मरता क्यों नहीं, अब आशिक मेरे अंदर का............. ©Poet Maddy अब क्या ही करूं मैं भला, इस मोहब्बत के समंदर का........... #Sea#Love#Visit#House#Ruin#Decorate#Gathering#Poetry#Die#Lover.........
Ramji Mishra
Meri Mati Mera Desh कुछ ध्यान आया दीवारों पर रंगोली बनी होती थी मानो की कोई दिल खोल के स्वागत करने के लिए उत्सुक हो ©Ramji Mishra इस मिट्टी में जन्मे हम इसे भला क्यों समझ कम.. #MeriMatiMeraDesh
Poet Maddy
इन खुली लटों को अपनी, भला क्यों तुम संवारते नहीं........ अपना वक्त अब तुम क्यों, साथ में हमारे गुज़ारते नहीं......... कहते हो तुम तलाश में हो, किसी महबूब की आज-कल....... फ़िर भला क्यों तुम अपनी, ये नज़र हम पर मारते नहीं.......... ©Poet Maddy इन खुली लटों को अपनी, भला क्यों तुम संवारते नहीं........ #Open#Groom#Waste#Time#Together#Search#Lover.........