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Anuradha T Gautam 6280
#पुरुष स्त्री पर बरस पड़ता है, जबकि #स्त्री चाहती है बून्द-बून्द जमा हो उसके तन पर! ♥️♥️♥️ ©Anuradha T Gautam 6280 #पुरुष स्त्री पर बरस पड़ता है, जबकि #स्त्री चाहती है बून्द-बून्द जमा हो उसके तन पर! ♥️♥️♥️
आधुनिक कवयित्री
मेरे शब्दों को समझने में वक्त लगता हैं जनाब, क्योंकि कहानी ख़ुद की हैं, किस्से ओरो के नहीं सुनाते हैं हम ©आधुनिक कवयित्री अपनी कहानी...
अपनी कहानी...
read moreNeeraj
मेरी अपनी है मंज़िल मेरी अपनी दौड़ ऐ राह भटके मुसाफिर सब दुनियादारी छोड़ जा पाले अपनी मंज़िल लगा दे पूरा ज़ोर मेरी अपनी है मंज़िल मेरी अपनी दौड़ ©Neeraj #kavita #motivate 'अपनी मंज़िल अपनी दौड़'
S.K BHARTI
Unsplash जो टूटे हुए होते हैं, वे बहुत ही मुस्कुराते हैं। ©S.K BHARTI अपनी दुनिया
अपनी दुनिया
read moreNair Ara
जो ये कहते है कि मां तो सिर्फ एक ही है बीवियों का क्या एक जाएंगी. . .दस मिल जाएंगी जरा सोचिए अगर उनके अब्बा हुजूर ने भी गर यही सोचा होता तो आज वो भी 🫣🤗😂 ©Nair Ara मां का हक अपनी जगह बीवियों का हक भी अपनी जगह
मां का हक अपनी जगह बीवियों का हक भी अपनी जगह
read morekuldeepbabra
White तमाम सितारे मेरे पास हैं फिर भी इन सितारों में मैं अकेला ही नजर आता हूं मैं वह चांद हूं जो हर किसी को भाता हूं और किसी को तो मैं पसंद भी नहीं आता हूं good night 🌃🌉 ©kuldeepbabra हजारों के बीच में भी अकेला है सपने # good morning wishes
हजारों के बीच में भी अकेला है सपने # wgood morning wishes
read moreSarfaraj idrishi
में हजारों दुश्मनों से अकेला लड़ सकता हु लेकिन अपनी सफ़ में मौजुद गद्दारों से नहीं __ (सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी ) 😞 ©Sarfaraj idrishi में हजारों दुश्मनों से अकेला लड़ सकता हु लेकिन अपनी सफ़ में मौजुद गद्दारों से नहीं (सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी ) Islam Sethi Ji Altab Alam
में हजारों दुश्मनों से अकेला लड़ सकता हु लेकिन अपनी सफ़ में मौजुद गद्दारों से नहीं (सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी ) Islam Sethi Ji Altab Alam
read moreAnuradha T Gautam 6280
हजारों पर नहीं मरता ये दिल,जो मेरी पसंद है वो अरबो में एक है..🖊️#@2🤦🏻🙆🏻♀️
read moreनवनीत ठाकुर
जिन्दगी के उतार-चढ़ाव में नीयत कहीं डोल न जाए, बावजूद इसके कीमत अपनी भारी रखो। जमाने भर की नफ़रतों के बावजूद, मोहब्बत यूं ही जारी रखो। तुमसे बढ़कर कोई नहीं है इस जहाँ में, इसलिए खुद को सबसे खास जारी रखो। अच्छाई के रास्ते पर चलते रहो हर दम, हर उलझन के बावजूद नेकियां जारी रखो। रुख हवा का हो या दुनिया बदल जाए, अपने दिल की आवाज़ भारी रखो। सफेद कपड़ों पर दाग लग न जाए, तबियत अपनी साफ रखो। दब जाना नहीं ऊंची आवाज़ के तले, अलग अपनी एक पहचान रखो। आ जाएं किसी के भी काम, राहत हमेशा सरकारी रखो। बुरा वक्त आए न किसी का, हाथ बढ़ाने में सरदारी रखो। दूसरों के दुःख-सुख में भागीदार बनो, अपने दिल में इंसानियत की सवारी रखो। ©नवनीत ठाकुर #मुहब्बत अपनी जारी रखो
#मुहब्बत अपनी जारी रखो
read moreनवनीत ठाकुर
छक्के पंजे के चक्कर में, कौड़ियों के भाव बिक न जाना कहीं, बेहतर है कीमत अपनी भारी रखो। हल्के में समझौता नहीं करना, संघर्ष अपना जारी रखो। सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास न करें, लोगों से ऐसे अपनी दूरी बनाए रखें। सदियों से चली आ रही है झूठी रवायतें, ऐसी रस्मों को अपने जूते की नोक पर रखें। लोगों को मुंह पर मीठी बात करने की है आदत, सच बोलने से पीछे न हटे, जुबान पर कड़वी दवाई रखें। ©नवनीत ठाकुर #लड़ाई अपनी जारी रखें
#लड़ाई अपनी जारी रखें
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