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New भींगी भींगी Quotes, Status, Photo, Video

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Raj Guru

S Ram Verma (इश्क)

क्यूँ अब तलक भीगीं नहीं रूह मेरी ,
करो कुछ इनायत ऐसी कि पा सकूं मैं ;
ज़ुस्तज़ु तेरी रंगत तेरी खुश्बू तेरी ! #भींगीं #नहीं #रूह #मेरी

Nammy S

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भींगी बारिश में
भींगी सी यादें
भींग रही मैं
रो रही आँखें

🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️ #nammy27 
#बारिश 
#yqdidi 
#तुम 
#आँखें 
#भींगी 
#मैं

Ad shivam

ये भींगी भींगी ओस की बूंदें सुबह सुबह................. किसी अपने की याद में आँसू बहा जाती हैं जो मशहूर हुआ करता था जो मगरूर हुआ करता था जून

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ये भींगी भींगी ओस की बूंदें
सुबह सुबह.................
किसी अपने की याद में आँसू बहा जाती हैं
जो मशहूर हुआ करता था
जो मगरूर हुआ करता था

जून की दोपहर हो या
दिसम्बर की सुबह

क्या खूब खेला करता था
इन तुहिन कण में भी छक्का लगाया करता था
क्या खूब खेला करता था

 ये भींगी भींगी ओस की बूंदें
सुबह सुबह...............
किसी अपने की याद में आँसू बहा जाती हैं

©A shivam ये भींगी भींगी ओस की बूंदें
सुबह सुबह.................
किसी अपने की याद में आँसू बहा जाती हैं
जो मशहूर हुआ करता था
जो मगरूर हुआ करता था

जून

Sitare writer

@sitare_writer your dm chek Instagram बाँका की भींगी सड़के तुम्हारे भींगे बालो की तरह लगती है

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NEERAJ SIINGH

प्रेम रस में भींगी तुम लिए उन्मादी मन संग तन लिए बयार खुशियन की खेले " पी " के संग , सफ़ेद #neerajwrites

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प्रेम रस में 
भींगी तुम
लिए उन्मादी 
मन संग तन
लिए बयार 
खुशियन की
खेले " पी "
के संग , सफ़ेद
प्रेम पवित्र लिए
वो खिले वन
में जैसे कोई 
मादक रंग....
प्रेम रस में 
भींगी तुम
लिए उन्मादी
तरंग.. प्रेम रस में 
भींगी तुम
लिए उन्मादी 
मन संग तन
लिए बयार 
खुशियन की
खेले " पी "
के संग , सफ़ेद

Manshi Kashyap

मेरे हाथ में तेरा हाथ हो तेरी खुशियां मेरे साथ हो केहना कुछ नहीं तुम पर तेरी मेरी मुलाकात पर ये भिंगी भींगी बरसात हो_________❤️❤️ manshik #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqlove #yqfeelings #manshikashyap

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मेरे जमीं आसमां बन गए थे
एक अधूरी सी बात की कहानी बन गए थे
कैसे कहूं मैं कितनी पागल थी
जो तेरे पीछे पीछे मुड़कर देखा करती थी

एहसास हुआ कुछ अजीब सा 
दिल में दर्द मेहसूस हुआ कुछ करीब सा
बोल न पाई मैं तेरी बन रही हूं
ख़्वाब क्या हक़ीक़त में भी तुझे जी रही हूं
     मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
तेरी खुशियां मेरे साथ हो
केहना कुछ नहीं तुम
पर तेरी मेरी मुलाकात पर
ये भिंगी भींगी बरसात हो_________❤️❤️


#manshik

poetdiary.in

समन्दर से पूछो गहराई का दर्द । झरने से पूछो, ऊचाई का दर्द ।। यूं ही नहीं पलके, भींगी है मेरी । दिल से पूछो मेरे जुदाई का दर्द । instagram #Quotes #MereKhayaal

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समन्दर से पूछो गहराई का दर्द ।
झरने से पूछो, ऊचाई  का दर्द ।।
यूं ही नहीं पलके,  भींगी है मेरी ।
दिल से पूछो मेरे जुदाई का दर्द ।

instagram/fb @poetdiary07

©AMIT MISHRA समन्दर से पूछो गहराई का दर्द ।
झरने से पूछो, ऊचाई  का दर्द ।।
यूं ही नहीं पलके,  भींगी है मेरी ।
दिल से पूछो मेरे जुदाई का दर्द ।

instagram

सोमेश त्रिवेदी

इन भींगी भींगी अँखियों में बसेरा है तेरे ख़्वाब का, कोई है जो सौदा करे आँखों से गिरते आब का... कैसे कोई रोके भला जाते हुए महबूब को, याद ही #gulab #somesh_piyush

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rose day quotes in Hindi इन भींगी भींगी अँखियों में
बसेरा है तेरे ख़्वाब का,
कोई है जो सौदा करे
आँखों से गिरते आब का...

कैसे कोई रोके भला
जाते हुए महबूब को,
याद ही ना गर उसे हो
फ़लसफ़ा दिली किताब का... 

तुझे बदनाम करने की नीयत
दिल ने कभी पाली नहीं, 
सबके सामने करता मैं कैसे
ज़िक्र तेरे गुलाब का... 

तेरी आवाज़ ही पहचानता मैं
कभी चेहरा तेरा देखा नहीं, 
दोष तेरा कुछ नहीं है
सारा दोष है हिजाब का... #NojotoQuote इन भींगी भींगी अँखियों में
बसेरा है तेरे ख़्वाब का,
कोई है जो सौदा करे
आँखों से गिरते आब का...

कैसे कोई रोके भला
जाते हुए महबूब को,
याद ही

Manshi Kashyap

एक होकर भी हम अलग हुए मंज़िल क्यूं धुंधले हुए माना पतझड़ सी थी पर तेरे इश्क़ के रंग में बेतहाशा भींगी थी_________❤️❤️ ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ #Heart #SAD #feelings #yqbaba #yqdidi #ywrittings #manshikashyap

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दर्द सहना जानती नहीं थी मैं
पर आज बड़ी शान से लिखती हूं मैं
राहों पर कांटे पड़े रहते थे
उन पर बिना देखे चला करती थी मैं

वजह जानकर कर क्या करोगे
इश्क़ में दिल हार चुके है हम आज
माना पतझड़ सी थी मैं
हवाओं के दिशा भी बदल देते हैं हम आज

रो कर हंसा करती हूं 
क्यूं जख्म मैं सबसे छुपाया करती हूं
बदला बदला हर मौसम सुहाना लगता है
तेरी मेरी कहानी का फसाना क्यूं बदला लगता है

मर गई तो क्यूं याद करोगे तुम
तेरा मेरा दिल का रिश्ता सिर्फ़ नाम का लगता है
अधूरी एहसासों से जुड़ी हूं मैं
तेरे करीब जाकर भी क्यूं अकेली लगती हूं मैं

 एक होकर भी हम अलग हुए
मंज़िल क्यूं धुंधले हुए
माना पतझड़ सी थी
पर तेरे इश्क़ के रंग में बेतहाशा भींगी थी_________❤️❤️


✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
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