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Ghanshyam Ratre
आप सभी के जिंदगी हर पल हमेशा खुशियों से भरी हो। ऐसे शुभकामनाएं के साथ आप सभी को नया साल मुबारक हो।। Happy New year 2025 ©Ghanshyam Ratre नया साल कि शुभकामनाए
नया साल कि शुभकामनाए
read moreराकेश कुमार
New Year 2024-25 हैं कुशलपूर्वक भलीभांति, जीवन सुखपूर्ण हमारा है। आशा है आप कुशल होंगें, निश्चय अनुमान हमारा है।। ©राकेश कुमार #नया वर्ष मंगलमय हो।
#नया वर्ष मंगलमय हो।
read moreSatish Kumar Meena
White मेरे गांव की हवा कुछ ऐसी है अगर वहां चले जाओ तो वापस आने नहीं देती, इसका मतलब बड़ी ही मिलनसार आबोहवा है। ©Satish Kumar Meena मेरे गांव की हवा
मेरे गांव की हवा
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White भले किरदार कुछ भी हो ,सदा हल्का दिखूंगा मैं। बड़ी औकात मत लाना,नहीं उसमें बिकूंगा मैं। बहुत दुनिया में घूमूंगा , रहूंगा मैं कहीं पर भी पसंद पूछोगे मेरी तो,सदा तिलका लिखूंगा मैं। ©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night गांव
#good_night गांव
read moreParasram Arora
White बड़े खुश नजर आ रहे हो तुम एक नए कोतवाल के आने पर शायद ये कोतवाल तुम्हारे गांव का हो और तुम्हे अपने गुनाहो के लिए मिलने वाली सज़ा से थोड़ी छूट मिलने की गुंजाईश दिख रहीं हो ©Parasram Arora नया कोतवाल
नया कोतवाल
read moreParasram Arora
White दंग रह गया मै धरती की ये बड़ी बड़ी दरारे देख कर कहीं ये भबीध्य मे आने वाले भूकंपो के आने की शुरुआत न हों आज मैं हैरा हुआ एक बरगद को गमले मे उगते देखकर कही ये बिज्ञान की किसी उपलब्धिका का कोई नया आविश्कार न हो ©Parasram Arora नया आविशकार
नया आविशकार
read moreParasram Arora
White ताउम्र जिदगी को लपेटते लपेटते एक दिन मृत्यु तक जा पहुचे और तभी अनंत को चीरता हुआ एक नया प्राणी उस मृतक की रिक्त जगह को भरने धरती पर अवतिरत हुआ था ©Parasram Arora नया प्राणी
नया प्राणी
read moreVeer Tiwari
रात के 9:00 बज रहे हैं, और गाँव की गलियों में एक सुकून भरी ठंडक घुली हुई है। गली के दोनों किनारों पर लगी स्ट्रीट लाइट्स की रोशनी चारों ओर बिखरी हुई है, जो गाँव की सड़कों को चाँदनी जैसा उजाला दे रही है। गर्मी अब विदा लेने को है, और ठंडी हवा के झोंके जैसे इसे अलविदा कहने के लिए हर तरफ हाथ हिला रहे हैं। गाँव की यह रात किसी बड़े शहर की चहल-पहल से अलग है—यहाँ की सड़कों पर अब हल्की रौनक बची है। कहीं-कहीं लोग अभी भी अपने घरों के बाहर बैठकर हँसी-मज़ाक कर रहे हैं, और कहीं दूर से मोबाइल की धीमी-सी धुन सुनाई दे जाती है। खेतों के किनारे खड़े बिजली के खंभे और उनके तारों पर बैठी चिड़ियों की आवाज़ें अब शांत हो गई हैं, और सड़कों के किनारे लगे पेड़ हवा के साथ धीरे-धीरे हिल रहे हैं। चार-पाँच दिन बाद दिवाली है, और उससे पहले यह ठंडी रातें जैसे त्योहार का आगाज़ कर रही हैं। यह सिर्फ़ मौसम का बदलाव नहीं है, यह एक नई ताजगी और उम्मीद का संकेत है। जैसे ही हवा के झोंके पेड़ों से टकराते हैं, उनकी पत्तियाँ हौले से फड़फड़ाती हैं, जैसे गाँव का हर कोना इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहता हो। आसमान में चमकते तारे और एक साफ चाँद की रोशनी, स्ट्रीट लाइट्स की पीली चमक में घुल-मिल गई है। सड़कें अब लगभग खाली हैं, पर कुछ गाड़ियों की लाइट्स अभी भी गाँव की सड़कों को पार कर रही हैं। यहाँ की रातें अब बस आराम और सुकून की होती हैं, जहाँ लोग अपने दिनभर की थकान को भुलाकर थोड़ी देर ठंडी हवा में बैठे रहते हैं। गाँव का यह दृश्य—साफ सजी-धजी गलियाँ, बिजली की रोशनी, और चारों ओर फैली हल्की ठंड—मन को एक अलग ही सुकून देती है। यह आधुनिकता और गाँव की सादगी का एक सुंदर मेल है, जहाँ रातें सिर्फ़ आराम की नहीं, बल्कि एक नए एहसास की भी हैं। धूल और हवा में तैरती ठंडक, ये सब मिलकर एक नया सुर रचते हैं, जो सीधे दिल तक पहुँचता है। यहाँ की रातें, यह शांति, और हर जगह की अपनी कहानी—सब कुछ मिलकर एक ऐसा अनुभव रचती हैं, जो बहुत गहरा और मनमोहक है। यह गाँव का नया रंग है, जहाँ आधुनिकता के साथ गाँव की आत्मा बरकरार है, और हर रात उसकी अपनी ही एक नई कहानी बुनती है। ©Veer Tiwari गांव की एक शाम ....
गांव की एक शाम ....
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