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M.k.kanaujiya
ना जाने कौन सी सुबह के बाद कोई सुबह न हो, ना जाने कौन सी शाम के बाद कोई शाम ना हो , हर लम्हा जिया करो जी भर कर क्या पता कल फिर खुशियों का इंतजाम न हो...!!! ©M.k.kanaujiya #ना जाने कौन सी सुबह के बाद कोई सुबह न हो, ना जाने कौन सी शाम के बाद कोई शाम ना हो , हर लम्हा जिया करो जी भर कर क्या पता कल फिर खुशियों का
#ना जाने कौन सी सुबह के बाद कोई सुबह न हो, ना जाने कौन सी शाम के बाद कोई शाम ना हो , हर लम्हा जिया करो जी भर कर क्या पता कल फिर खुशियों का
read moreAnjali Singhal
"रहती प्रेम की अपनी मर्यादा है, जब इसे एहसासों में जिया जाता है।" #Shayari #AnjaliSinghal nojoto
read moreNeel
White आँख समन्दर और... रात अंधेरों की पनाह, तेरे इंतज़ार में, कुछ इस तरह जिया हूं मैं। 🍁🍁🍁 ©Neel #कुछ इस तरह जिया हूं मैं 🍁
BROKENBOY
White छोड़े हैं कितने रास्ते तुमसे मैं क्या कहूँ छोड़े है किसके वास्ते तुमसे मैं क्या कहूँ कई मौत मर चुका हूँ कितना जिया हूँ मैं कुछ लोग मेरे ख़ास थे तुमसे मैं क्या कहूँ मिलते है मुस्करा कर दुनिया से हर सुबह रात कितने उदास थे तुमसे मैं क्या कहूँ वो फेंक देते है सुबह दीवाली का दिया हम रात जिनको रास थे तुमसे मैं क्या कहूँ मेरे दोस्त जैसे अक्सर दिखते थे मुझे लोग सब के सब लिबास थे तुमसे मैं क्या कहूँ गुमां था मिल गया है हमें दर्द का इलाज सब के सब कयास थे तुमसे मैं क्या कहूँ ©BROKENBOY #sad_shayari छोड़े हैं कितने रास्ते तुमसे मैं क्या कहूँ छोड़े है किसके वास्ते तुमसे मैं क्या कहूँ कई मौत मर चुका हूँ कितना जिया हूँ मैं कुछ
#sad_shayari छोड़े हैं कितने रास्ते तुमसे मैं क्या कहूँ छोड़े है किसके वास्ते तुमसे मैं क्या कहूँ कई मौत मर चुका हूँ कितना जिया हूँ मैं कुछ
read moresukoon
समाज में जब जब कोई लड़का चला अपने मन से जिया अपने उत्थान के लिये खोले उसने अपने पंख आकाश छूने के लिए उसे उन्मुक्त कहा गया महान कहाँ गया बुद्ध कहाँ गया समाज के लिए ये सारे लड़के अच्छे लड़के थे वही जब जब लड़कियों ने लांघी घर की दहलीज नही सही उन्होंने पुरुषों की दासता अपने सपनों को जीने के लिये समाज के लिए कुछ करने के लिये अपनी काबिलियत दिखाने के लिये वो आगे बढ़ी औऱ विडंबना देखो समाज के लिए वो सारी की सारी लड़कियाँ बुरी हो गई और अच्छी रही बस वो लड़कियाँ जिन्होंने स्वीकारी पुरुषों की ग़ुलामी सराही गई वो लड़कियाँ जिन्होंने आंगन के सिवा नही देखा बाहर मोहल्ला औऱ मुझे लगा दोगला है समाज ©sukoon #girl समाज में जब-जब कोई लड़का चला अपने मन से जिया अपने उत्थान के लिए खोल उसने अपने पंख आकाश छूने के लिए उसे उन्मुक्त कहा गया महान कहा ग
#girl समाज में जब-जब कोई लड़का चला अपने मन से जिया अपने उत्थान के लिए खोल उसने अपने पंख आकाश छूने के लिए उसे उन्मुक्त कहा गया महान कहा ग
read moreAJAY NAYAK
Black क्यों चिंता में डूबे पड़े हो महसूस करो उन अच्छे लम्हों को जिसे जिया है कुछ दिन पहले जिसे कमाया है अपने जीवन में ©AJAY NAYAK #Thinking #जिंदगी क्यों चिंता में डूबे पड़े हो महसूस करो उन अच्छे लम्हों को जिसे जिया है कुछ दिन पहले जिसे कमाया है अपने जीवन में Set
Lotus Mali
मेरा बचपन और मैं..... आज कुछ पन्नों को, समेटकर रख रही थी मैं, उसमें मुझे एक पन्ना तेरी यादों का मिला, उन्हें देखकर, हर पल, हर लम्हा फिर से ताजा हुआ, संभाल कर रखे हुए लम्हों को, उन पुरानी यादों को, कुछ इस कदर जिया मैंने, जैसे मानो तुम मेरे पास ही हो.... तुम्हें पता है, मैं अपनी यादों को समेट कर रखती थी, और सब यादें, आज भी मेरे दिल के करीब है, उन यादों को, कुछ इस कदर जिया मैंने, मानों सदियों बाद मैं खुद से ही मिली हूं मैं खुद से ही मिली हूं..... -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ शब्दार्थ: तेरी याद, तुम्हें - बचपन ©Lotus Mali मेरा बचपन और मैं..... आज कुछ पन्नों को, समेटकर रख रही थी मैं, उसमें मुझे एक पन्ना तेरी यादों का मिला, उन्हें देखकर, हर पल, हर लम्हा फिर से
मेरा बचपन और मैं..... आज कुछ पन्नों को, समेटकर रख रही थी मैं, उसमें मुझे एक पन्ना तेरी यादों का मिला, उन्हें देखकर, हर पल, हर लम्हा फिर से #Shayari
read moreदूध नाथ वरुण
कहीं दिन ये ढल न जाए,पिया आ भी जाओ अब तो। जिया बिन तेरे न जाए, पिया यूं न सताओ हमको।। ©दूध नाथ वरुण #जिया #बिन #तेरे #न #जाए
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
लूट लिए हमको सजन., तेरे ये दो नैन । आता अब पल भर नहीं , सुनो जिया को चैन ।। देखो जब भी हम मिले , किए बात दो नैन । मन ये प्यासा रह गया , बीत गई फिर रैन ।। रूप मोहिनी देखकर , ठहर गये दो नैन । लब बेचारे मौन थे , कह न सके दो बैन ।। जिनकी सुन तारीफ में , निकल न पाये बैन । कजरारे वह नैन अब , लूट रहें हैं चैन ।। इतना तो अब ध्यान रख , भोर नही ये रैन । झूठ बोलते आप हैं , बोल रहे दो नैन ।। अमृत कलश पिला दिए , तेरे ये दो नैन । झूम-रहा हूँ देख लो , पीकर अब दिन रैन ।। लाकर होठों पर हँसी , पीर छुपाये कौन । दो नैना यह देखकर , रह न सकेंगे मौन ।। दो नैना जो चार हो, खिले अधर मुस्कान धीरे-धीरे हो गया , देख हृदय का दान ।। ०४/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR लूट लिए हमको सजन., तेरे ये दो नैन । आता अब पल भर नहीं , सुनो जिया को चैन ।। देखो जब भी हम मिले , किए बात दो नैन । मन ये प्यासा रह गया ,
लूट लिए हमको सजन., तेरे ये दो नैन । आता अब पल भर नहीं , सुनो जिया को चैन ।। देखो जब भी हम मिले , किए बात दो नैन । मन ये प्यासा रह गया , #कविता
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