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AD Grk
White तुझे याद कर मैं आज भी रो जाता हूँ.. भुलने की कौशिश करता हूँ पर भूल नही पाता हूँ.. तू चली जाती है मैं यहीं रह जाता हूँ.. तू तो मेरे लिए मेरी ज़िंदगी है.. बस इतना जानना है मैं तेरी ज़िंदगी में आख़िर.. कहाँ आता हूँ. ❤🙏जय श्री राधे🙏❤ ©AD Grk #mountain #NojotoADGrk Neha verma Nikita choudhary 009 Madhu dayal Parul rawat Harshita Joshi
K R SHAYER
White तुम ही हर सांस हर ख्याल, हर विचारों में ! कभी ढूंढता हूं तुम्हे लहरों में, तो कभी किनारों में ! समझ नहीं पाता, सोच नही पाता, केसे बताऊं तुम्हें में,, तुम ही एक थी और तुम ही एक हो मेरे लिए हजारों में॥ ©K R SHAYER #Romantic तुम ही एक हो और ही एक हो हजारों मे muskan Kumari Harshita Joshi @BeingAdilKhan Urmeela Raikwar (parihar) Devrajsolanki
Writer @143
White हर दिल का एक राज होता है।।। हर बात का एक अंदजा होता है।। जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर,,,,, हर किसी को अपनी मोहब्बत पर नाज होता है ©Writer @143 #Road naj
निर्भय निरपुरिया
याद रहता है सबको अपना गुनाह। दोष दूसरों को देने के लिए।। तुमको भी मैं याद तो होऊंगा।। ©निर्भय चौहान #boatclub एक Mohabbati विधार्थी Madhusudan Shrivastava Kumar Shaurya Rakhee ki kalam se Anup Joshi
निर्भय निरपुरिया
चार दिन बीत गए, चार लोगों के लिए।। रीत से प्रीत गए, चार लोगों के लिए।। जिंदगी जंग सही, हम नही लड़ पाए। हार कर जीत गए, चार लोगों के लिए।। चैन और नींद गई, दुख गए सुख गए। मन के सब मीत गए, चार लोगों के लिए।। शेर गजलें सभी, नज़्म कताएं गई। स्वर व संगीत गए, चार लोगों के लिए।। तुम गए,वो गए। स्वप्न भी खो गए। प्रेम के गीत गए, चार लोगो के लिए।। दिल गया सांस गई, खुद से थी,आस गई। रस्मों के भीत गए, चार लोगों के लिए।। चार दिन बीत गए, चार लोगों के लिए। निर्भय चौहान ©निर्भय चौहान #longdrive Snehi Uks Rakhee ki kalam se Vishalkumar "Vishal" Sudha Tripathi Anup Joshi
CHANDRAVEER GARG
रंग भर दो जीवन में मेरे, अल्फाजों के किस्से पुराने, गालों पर गुलाल लगाकर, ख्वाबों को साकार करो, ©CHANDRAVEER GARG #Holi Anupriya mithilani.@ Anshu writer Naj Hussain Rajan Singh
Anil kumar maurya
CHANDRAVEER GARG
Autumn वो खत वो खत भीग रहे हैं, कोई उसे बचा भी लो, लौट नहीं सकता प्रेमी उसका, मझधार में प्रेमिका रहने दो, खुदा या प्रेमी पहुचेंगे, वो खत भीग रहे हैं, कोई उसे भी बचा भी लो, प्रेमिका को बचा लिया , तो प्रेमी रूठ जायेगा, खत भीग गए समंदर में, वो आधार गुजर जायेगा, खत नहीं मोहब्बत की दुनिया हैं, आज भीग गए फिर लिख नहीं पायेंगे, मोबाइलों का दौर हैं प्यारे, वो प्रेमी कहां से लायेंगे?? ©CHANDRAVEER GARG #autumn pinky masrani DM Rihan saifi udass Afzal khan Naj Hussain
CHANDRAVEER GARG
CHANDRAVEER GARG
थूं जाग मिनख काव्य संग्रह लिखारा जेठानंद पंवार ©CHANDRAVEER GARG Anupriya Naj Hussain Aliya Siddiqui सोमराज मेघपूत udass Afzal khan